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कार्यक्रम को संबोधित करतीं प्रो.विभा त्रिपाठी। |
नया सवेरा नेटवर्क
एनएसएस के तीसरे दिन हुआ विविध कार्यक्रम
जौनपुर। निरंतर परिश्रम से सफलता मिलती है। सफलता के लिए भगीरथ प्रयास की आवश्यकता होती है। योग्यता के अनुसार इच्छा होनी चाहिए और उसके लिए निरंतर प्रयास होना चाहिए। गुरु देव रवींद्रनाथ टैगोर ने कहा है कि स्वप्न में जीवन आनंद है, जागने पर जीवन सेवा है और सेवा ही आनंद है।
इसलिए हमें निरंतर सेवा के लिए अग्रसर रहना चाहिए। उक्त उदगार तिलकधारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर के तीसरे दिन काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विधि विभाग की प्रो.विभा त्रिपाठी ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक का अर्थ है स्वयं को सेवा के लिए 24 घंटे तत्पर रखना।
हमें निरंतर कार्य करते रहना चाहिए। कोई परिणाम नहीं मिले तब भी, बुरे परिणाम मिले तब भी और अच्छे परिणाम मिले तब भी। योग प्रशिक्षक विकास यादव ने शिविरार्थियों को विभिन्न प्रकार के योग-आसनों की शिक्षा दी। इस अवसर पर वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी प्रो. राजीव रतन सिंह सिंह ने अभ्यागतों का स्वागत किया। डॉ.महेंद्र कुमार त्रिपाठी ने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम अधिकारी डॉ.माया सिंह ने कहा कि आप अपने साथ-साथ समाज के विकास में काम आए। कार्यक्रम अधिकारी डॉ.विपिन कुमार सिंह, डॉ.जितेश सिंह ने भी अपने विचार रखे। संचालन डॉ.महेंद्र कुमार त्रिपाठी ने किया।
कनिष्का मिश्र, कीर्ति मिश्र, अर्चिता दुबे, संजना कनौजिया, आकांक्षा प्रजापति,साक्षी सिंह, प्रियंका यादव, हर्ष सिंह, विकास कुमार, समर पाल, गौरी सिंह, हर्षिता सिंह, रवि शर्मा, आशुतोष त्रिपाठी, रवि विश्वकर्मा, रोमित,आशीष जायसवाल, आनंत कुमार मौर्य सहित शिविर में 300 शिविरार्थियों ने भाग लिया।
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