जौनपुर: हज़रत अली का जन्मदिवस धूमधाम से मनाया गया | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
जगह जगह हुई महफिलें काटे गये केक,बांटी गई मिठाईंया
जौनपुर। मुसलमानों के चौथे खलीफा व शियाओं के पहले इमाम हजरत अली अ.स. के जन्मदिवस रविवार को पूरे जिले में धूमधाम के साथ मनाया गया। नगर के शाही किला गेट पर शाम को बड़ा केक मौलाना महफूजुल हसन खां पेश इमाम शिया जामा मस्जिद की सरपरस्ती में काटा गया। इससे पूर्व नज्रे मौला कर लोगों ने एक दूसरे को बधाई दिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पैगंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद स.अ. के दामाद अमीरूल मोमनीन हज़रत अली अ.स. का जन्म विश्व विख्यात खानए काबा में इस्लामी माह की 13 रजब को हुआ था। हजरत अली ही एक मात्र शख्यित थी जिनका जन्म खानए काबा में हुआ। उनकी बहादुरी, जाबांजी, वफादारी, इंसाफ पसंदी, शराफत, सब्रा व कुर्बानी की ऐसी मिसाल दुनिया में कंही नहीं देखने को मिलती है। नमाज के बाद महफिल का दौर शुरू हुआ जिसमें शायरों ने अपने कलाम पेश कर मौला अली की शान में कसीदे पढ़े। इस मौके पर सैयद शाहदाउल हसन, माजिद हसन सहित अन्य लोग मौजूद रहे। किला गेट पर लोगों में फल, मिठाईयां, बच्चों में कापियां, पेंसिल सहित अन्य समाग्रियों का वितरण किया गया। वहीं नगर के अहियापुर स्थित मौला अली दरगाह में हज़रत अली इब्ने अबू तालिब के जन्मदिन के अवसर पर महफि़ल का आयोजन हुआ। मौला अली के दरबार को रंग बिरंगी झालरों व गुब्बारों से सजाया गया था। इस मौके पर अकीदतमंद लोगों ने दरगाह में पहुंचकर मिन्नते मांगी। दरगाह के मुतवल्ली हातिम अली करबलाई ने बताया कि इमामबारगाह अहियापुर में प्रतिदिन हजारों भक्त आते हैं और उनकी मुराद पूरी होती हैं। उन्होंने बताया कि लोहबान लेने के लिए कई जिले से भक्त आते हैं और उनका कष्ट दूर होता है। मुतवल्ली ने बताया कि इमामबारगाह पीठ सैकड़ो वर्ष पुराना है इनकी मान्यता दूर दूर तक फैली है यहां सभी धर्म के लोग बड़ी संख्या में आते हैं और अपनी मुराद पूरी करने के लिए दरगाह में छल्ला रक्षा कलावा बांधकर विनती करते हैं इस दरगाह पर पूजा पाठ के नाम पर किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया जाता हैं सभी पूजन नि:शुल्क होता है। मौला अली के जन्मदिन पर महफ़लि कार्यक्रम का आयोजन हुआ व विशाल केक काटकर जन्मदिन मनाया गया व लोगो को प्रसाद वितरण किया गया। कार्यक्रम आयोजन समिति के मुसाहिब हुसैन, सबीउल हसन, जैगम अब्बास,कमर हसनैन दीपू पत्रकार दीपक श्रीवास्तव, बच्चा भइया, मेराज अली, आरिफ हुसैन, साहिल, आलोक गुप्ता एडवोकेट,नेहाल हैदर, अंचल श्रीवास्तव, डब्बू यादव, जॉन रिजवी, पवन मौर्य, विशाल मौर्य आदि लोग व्यवस्था में लगे रहे। वहीं शिया जामा मस्जिद नवाब बाग़ में अली जयंती के अवसर पर महफि़ल का आयोजन हुआ। मौलाना महफुज़ुल हसन खां ने कहा कि हज़रत अली अ.स. की शख्सियत ऐसी है कि दुनिया के हर इंसान को उनकी ज़रु रत है। इसलिए मुस्लिम और ग़ैर मुस्लिम दोनों ही हज़रत अली अलैहिस्सलाम से मोहब्बत करते हैं। उनकी फज़ीलत में पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स.अ.व) की बहुत सी हदीसें मौजूद है। कुछ फज़ीलत ऐसी है जिसमें हज़रत अली का कोई मुक़ाबला नहीं कर सकता। महफि़ल में इश्तेयाक़ कर्बलाई, मुश्ताक, जव्वाद , फैज़ी, कैफ़ी , तनवीर शिराज़ी, वसीम ने मौला ए कायनात हज़रत अली अलैहिस्सलाम का क़सीदा पढ़कर उनको नज़राना ए अक़ीदत पेश किया। संचालन) सैय्यद असलम नक़्वी ने किया। मुतवल्ली शेख़्ा अली मंज़र ड़ेज़ी ने मुबारकबाद पेश की और देश में मिल्लत, खुशहाली व शान्ति के लिए दुआ मांगी। इसी क्रम मे चहारसू इमामबाड़े के चौक पर केक काटा गया एवं महफिल का आयोजन किया गया। कल्लू के इमामबाड़े एवं कटघरा स्थित मिर्जा बाबर के आवास सहित विभिन्न स्थानों, मोहल्लों में भी कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस मौके पर सैय्यद परवेज़ हसन, सैय्यद कौसर बाबा, डॉ. हाशिम खां, सैय्यद श़्ाादा, मो. नासिर रज़ा गुड्डू , अहमद,सहित अन्य लोग मौजूद रहे। धर्मापुर संवाददाता के अनुसार गौराबादशाहपुर के बमैला मोहल्ले में सैयद मेहदी हसन रिजवी एडवोकेट करबलाई की जानिब से एक महफिल का आयोजन हजरत अली अलैहिस्सलाम की वेलादत के मौके पर किया गया। इस मौके पर मास्टर सैयद जमीर हसन, सैयद तौकीर हसन, सैयद रजा मेहदी एडवोकेट, महकश बमैलवी, काशान रिजवी, असद अली, हसन रजा, सैयद परवेज हसन आदि शायरों ने हजरत अली अलैहिस्सलाम की शान में कसीदे व रोबाईयां पढ़ी। महफिल का सिलसिला देर रात तक चला।