नया सवेरा नेटवर्क
शिक्षकों व कर्मचारियों की समस्याओं का नहीं हो पा रहा है निराकरण
जौनपुर। शुचिता और ईमानदारी से नकल विहीन परीक्षा सम्पन्न कराने और ससमय उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने का पारिश्रमिक, शासन द्वारा कई माह पूर्व धन उपलब्ध करा दिए जाने के बावजूद यदि जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय शिक्षकों/कर्मचारियों को उनके देयक नहीं देने के जिद पाल कर बैठा हो तो संगठन और शिक्षकों द्वारा मूल्यांकन वहिष्कार का निर्णय लेना मजबूरी है। उक्त बातें उप्रमाशि संघ सेवारत के प्रदेश अध्यक्ष रमेश सिंह ने प्रेस को जारी एक विज्ञप्ति में कही। उन्होंने कहा कि जि.वि.निरीक्षक कार्यालय में एकाउंटिबल्टी नाम की कोई चीज ही नहीं रह गई है। जनपद स्तर पर कुछ महत्वपूर्ण समस्याएं जैसे आदर्श बालिका इं.का. खेतासराय में प्रधानाचार्या/ प्रबन्धक विवाद का मामला हो या 31 मार्च को सेवानिवृत होने वाले प्रधानाचार्य/शिक्षक/कर्मचारियों की पत्रावलियों के प्रेषण का मामला हो, वरिष्ठतम को प्रधानाचार्य का प्रभार देने का मामला हो या चयन/प्रोन्नत वेतनमान के मामले हों सभी लम्बित हैं। यदि कुछ एक मामलों का निस्तारण हुआ भी है तो केवल उन्हीं का जिनसे कार्यालय धन -उगाही में कामयाब हुआ है। इस सम्बन्ध में सेवारत संगठन की जनपदीय इकाई द्वारा बैठक कर विभिन्न समस्याओं से सम्बन्धित ज्ञापन जि.वि.निरीक्षक और जिलाधिकारी को सौंपने एवं समस्याओं का समाधान न होने पर परिषदीय उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन बहिष्कार के सम्बन्ध में प्रदेशीय नेतृत्व को अवगत कराने का निर्णय लिया गया है। यदि समय रहते जि.वि.निरीक्षक कार्यालय उक्त समस्याओं का समाधान करने में विफल रहता है तो मूल्यांकन बहिष्कार का निर्णय लेना संगठन की मजबूरी और अंतिम विकल्प होगा जिसके लिए जि.वि.निरीक्षक कार्यालय उत्तरदायी होगा।
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