आत्म सम्मान व आत्म छवि ही स्वस्थ जीवन का आधार | #NayaSaveraNetwork

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बढ़ती हुई पाश्चात्य सभ्यता एवं आधुनिकीकरण के कारण कहीं न कहीं हम अपनी शान्ति, शुकुन वगैरह सब कुछ पीछे छोड़ते जा रहे हैं, जिसका हमारे शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ता है। मैं आपको आपके लाइफ की कुछ बेसिक प्रापर्टी को बताना चाहूँगी जिससे कारण आपका शारीरिक /मानसिक स्वास्थ्य ही प्रभावित नहीं होगा बल्कि आपके आत्म सम्मान व आत्म छवि भी बढ़ेगी। -

 

  • हमेशा सकारात्मक रहें

जब आप मन, कर्म, बचन से सकारात्मक होते हैं तो आपमें सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है,और आपकी असफलता भी सफलता में परिवर्तित हो जाती है जिसके कारण आपका आत्म सम्मान तो बढ़ता ही है साथ ही आत्म छवि भी अच्छी होती है ।

  • आत्म मूल्यांकन करें

आप कहीं भी रहें अपने आपका मूल्यांकन अवश्य करें कि  आपने क्या पाया है? क्या खोया है? कितने प्रतिशत किसी बात को लेकर आप सकारात्मक है और कितने प्रतिशत नकारात्मक । जब भी आप अपना मूल्यांकन कर रहे होते हो तो आप अपने आपको वास्तविकता के करीब पाते हो , और जब आप वास्तविकता के करीब होते हो तो आपका आत्म सम्मान भी बना रहा है और छवि भी अच्छी होती है।

  • आत्म विश्वास बनाए रखें- 

आप अकेले में हो या  समूह में  अपने आत्मविश्वास को बनाए रखें , क्योंकि जब आत्म विश्वास होगा तभी आत्म-सम्मान के साथ ही साथ आपकी छवि भी अच्छी रहेगी।

  • आत्म समायोजन करें- 

आप कहीं भी रहे किसी भी देश काल परिस्थिति में अपने आपको समायोजित करें। यदि आप में समायोजन की क्षमता है तो आपका आत्मसम्मान बना रहेगा और छवि भी अच्छी होगी।


  • छोटे-छोटे बदलाव करें- 

आपका लक्ष्य बड़ा होना चाहिए लेकिन उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपने अंदर छोटे-छोटे बदलाव लाने चाहिए । आप अपने आपको हर परिस्थिति में स्वमूल्यांकित करें कि मेरे अंदर कौन सा गुण है और उस गुण में तार्किक लाने का प्रयास कीजिए । जिस दिन आपने ये क्षमता विकसित हो जाएगी आपका आत्मसम्मान व आत्म व छवि दोनों अपने आप बढ़ जाएगी।

  • खुद को स्वीकार करें- 

आप ईश्वर की उत्कृष्ट रचना हो आप जैसे भी हो (गोरे हो, काले हो, मोटे हो,नाटे हो)  खुद को स्वीकार कीजिए । अपनी योग्यता को पहचानिए , जिस दिन आपने अपने आपको पहचानकर स्वीकार कर लिया उसी दिन आपका आत्मसम्मान भी बढ़ेगा और छवि अच्छी होगी।


  • आमने-सामने बात कीजिए- 

आप  किसी से बात करते समय सिर झुकाकर बात मत कीजिए। आमने-सामने बात कीजिए क्योंकि जब आप आमने-सामने बात करते हैं तो आत्मविश्वास ही नहीं बढ़ता बल्कि आत्म सम्मान व आत्म छवि भी अच्छी होती है।


  • अपना परिधान सुनिश्चित करें- 

हमारा पहनावा /परिधान देश काल परिस्थिति के अनुकूल होना चाहिए । पहनावा या परिधान हमें हमारी सामाजिक /सांस्कृतिक मूल्यों की पहचान कराता है। जब हमारे परिधान हमारी संस्कृति का परिचय देते हैं उस समय हमारा आत्मसम्मान बढ़ जाता है और आत्म छवि  भी अच्छी बनती है।


  • अपना स्वास्थ्य बनाए रखें- 

रखना- हमारा खान-पान शुद्ध  होना चाहिए क्योंकि खानपान ही हमारे शारीरिक /मानसिक स्वास्थ्य को प्रत्यक्ष/ अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं । जब आपका  खानपान शुद्ध होगा तो आपका स्वास्थ्य भी बना रहेगा साथ ही आत्म सम्मान व आत्म छवि भी अच्छी होगी।


  • नकल मत उतारिए- 

कभी भी किसी की नकल नहीं करना चाहिए । हर व्यक्ति शारीरिक व मानसिक रूप से एक-दूसरे से भिन्न होता है और यह भिन्नता ही न उसकी व्यक्तिगत पहचान है, इसे बनाए रखना चाहिए। जब भी हम दूसरों की नकल करते हैं तो हमारा आत्म सम्मान के साथ ही साथ आत्म छवि भी धूमिल हो जाती है।

डॉ. ममता सिंह

(सहायक प्रोफेसर मनोविज्ञान विभाग)

मोहम्मद हसन पीजी कॉलेज, जौनपुर। 


डॉ. ममता सिंह


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