भारत के वैश्विक गुरु बनने का फंडा-आकांक्षी ज़िला व ब्लाक कार्यक्रम| #NayaSaveraNetwork

नया सवेरा नेटवर्क

  • आओ नवाचार, निवेश, समावेश और बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करें 
  • भारतीय अर्थव्यवस्था को विश्व के प्रथम क्रमांक पर लाने अनावश्यक नियमों, विनियमों कानूनों प्रतिबंधों से मुक्त करना समय की मांग - एडवोकेट किशन भावनानी

गोंदिया- वैश्विक स्तरपर हम अगर कुछ महीनों की गतिविधियों को देखें तो हमें चारों तरफ भारत का डंका बजने की स्थिति दिखाई देगी। चाहे वह विश्व के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान, जी-20 की अध्यक्षता, भारतीय प्रवासी दिवस रूस यूक्रेन युद्ध में भारतीय मध्यस्थता को प्राथमिकता, ब्रिटेन को पछाड़कर पांचवें नंबर की अर्थव्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी, विश्व में भारतवंशियों का बढ़ता दबदबा, भारत की वैश्विक बढ़ती प्रतिष्ठा, भारत की बढ़ती नेतृत्व क्षमता जिससे हर राज्य जिला ब्लाक स्तर की उच्च लेवल पर पूछ परख़ सहित अनेकों ऐसी व्यवस्थाएं शामिल है जिनको देखकर हम ऐसा महसूस कर सकते हैं कि, भारत महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है। परंतु इस अग्रसर वाली स्थिति को अंजाम तक पहुंचाने के लिए भारतीय, प्रवासी अप्रवासी भारतीयों को नवाचार निवेश समावेश और बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने रूपी यज्ञ में अपनी सहभागिता कौशलता सक्रियता रूपी आहुति देना होगा। फ़िर हम देखेंगे कि भारत को विश्वगुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता! इसी कड़ी में अब हम राज्य से जिला और जिला से ब्लॉक स्तरपर अपनी आकांक्षा कार्यक्रम को बढ़ा रहे हैं और अपने युवाओं की प्रतिभा को, समृद्ध भंडार को ब्लॉक स्तर से ढूंढ कर राष्ट्रीय सामूहिक भागीदारी के प्रति बड़े पैमाने पर उत्साह का संचार कर इसे अंतरराष्ट्रीय स्तरपर अपनी कौशलता को पहुंचाना है, जिसके लिए हमें अनावश्यक नियमों विनियमों कानूनों प्रतिबंधों को रिमूव करना होगा ताकि फ़्री सकारात्मक हैंड से काम कर सके, इससे न केवल समृद्धि बढ़ेगी बल्कि भ्रष्टाचार पर भी काबू पाने में सहायक सिद्ध होगी।

 साथियों बात अगर हम भारत को ऊंचाई के शिखर तक पहुंचाने नवाचार निवेश समावेश और बुनियादी ढांचे और आकांक्षा ब्लॉक कार्यक्रम की करें तो, आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम (एबीपी), विभिन्न विकास मानकों में पिछड़े जिलों के भीतर ब्लॉकों के प्रदर्शन में सुधार लाने के उद्देश्य से एक नई पहल है, जिसे 7 जनवरी को पीएम द्वारा लॉन्च किया गया। एबीपी की घोषणा वित्तमंत्री  ने अपने 2022-23 के बजट भाषण में आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम के विस्तार के रूप में की थी। एबीपी का शुभारंभ मुख्य सचिवों के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र के दौरान हुआ ।महत्वाकांक्षा पर आधारित कार्यक्रम, वर्ष 2018 में शुरू किया गया महत्वाकांक्षी जिला कार्यक्रम तथा देश भर में 112 जिलों को शामिल किया गया है। इस नए कार्यक्रम के विभिन्न विकास मानकों पर ब्लॉकों के प्रदर्शन में सुधार करने के उद्देश्य से है। इससे उन क्षेत्रों में समग्र विकास को बढ़ावा मिलेगा जिनमें अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता होगी। इस कार्यक्रम में शुरू में 500 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जिलों को शामिल किया जाएगा। इन खंडों के आधे से अधिक राज्यों में हैं-उत्तर प्रदेश, बिहार (61), झारखंड (34), ओडिशा (29) और पश्चिम बंगाल (29)। एबीपी  इसका उद्देश्य ऐसे जिलों को बदलना है, जिन्होंने प्रमुख सामाजिक क्षेत्रों में अपेक्षाकृत कम प्रगति की है। 3 सी रणनीः कार्यक्रम की व्यापकताअभिसरण (केंद्रीय और राज्य योजनाओं का) सहयोग (केंद्रीय, राज्य स्तरीय 'प्राचार' अधिकारी और जिला कलेक्टरों)प्रतियोगिता (जन आंदोलन द्वारा संचालित जिलों में)रैंकिंग के मापदंड: रैंकिंग 5 व्यापक सामाजिक आर्थिक विषयों के तहत 49 प्रमुख निष्पादन संकेतकों (केपीआई) में हुई वृद्धिशील प्रगति पर आधारित है।स्वास्थ्य और पोषण(30 फ़ीसदी)शिक्षा (30 फ़ीसदी) कृषि और जल संसाधन(20 फ़ीसदी)वित्तीय समावेश और कौशल विकास (10 फ़ीसदी) बुनियादी ढांचा (10 फ़ीसदी) 

साथियों बात अगर हम आंकांशी ब्लॉक कार्यक्रम में माननीय पीएम द्वारा 7 जनवरी 23 को संबोधन की करें तो, आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए पीएम ने एबीपी के तहत देश के विभिन्न आकांक्षी जिलों में हासिल की गई सफलता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिला मॉडल को अबएस्पिरेशनल ब्लॉक प्रोग्राम के रूप में ब्लॉक स्तर तक ले जाया जाना चाहिए। उन्होंने बैठक में मौजूद अधिकारियों से कहा कि वे अपने-अपने राज्यों में आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम प्रोग्राम को लागू करें।दुनिया की निगाहें भारत पर होने के साथ, अपने युवाओं की प्रतिभा के समृद्ध भंडार के सहारे  आने वाले वर्ष हमारे राष्ट्र के होंगे। ऐसे समय में अवसंरचना, निवेश, नवाचार और समावेशन के चार स्तंभ सभी क्षेत्रों में सुशासन को बढ़ावा देने के हमारे प्रयासों को आगे बढ़ायेंगे।

मेरा दृढ़ विश्वास है कि हमें अपने एमएसएमई सेक्टर को लगातार मजबूत करते रहना है। आत्मनिर्भर बनने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है। स्थानीय उत्पादों को लोकप्रिय बनाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। साथ ही, मैंने अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में गुणवत्ता की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा मैंने मुख्य सचिवों से अनावश्यक अनुपालनों और पुराने हो चुके कानूनों व नियमों को समाप्त करने पर ध्यान केन्द्रित करने का आह्वान किया। ऐसे समय में जब भारत अभूतपूर्व सुधारों की शुरुआत कर रहा है, आवश्यकता से अधिक नियमन और नासमझी भरे प्रतिबंधों की कोई गुंजाइश नहीं है। पीएम ने नौकरशाही की क्षमता बढ़ाने और मिशन कर्मयोगी के शुभारंभ की आवश्यकता पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को अपने प्रशिक्षण सुविधाओं की भी समीक्षा करनी चाहिए और क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू करने चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिवों के इस सम्मेलन को आयोजित करने के लिए विभिन्न स्तरों पर लगभग 4000 अधिकारियों ने काम किया है, जिसके लिए 1 लाख 15 हजार घंटे से अधिक मैन आवर लगा है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों को ज़मीनी स्तरपर भी प्रतिबिंबित होना चाहिए, और राज्यों से सम्मेलन से निकलने वाले सुझावों के आधार पर कार्ययोजनाओं को विकसित और कार्यान्वित करने को कहा। उन्होंने कहा कि नीति आयोग को इस संबंध में राज्यों के बीच एक स्वस्थ प्रतियोगिता भी विकसित करनी चाहिए। एबीपी के लिए पहचाने गए 500 ब्लॉक पिछले साल सरकार द्वारा स्थापित चार सदस्यीय समिति की सिफारिशों के आधार पर चुने गए थे। इन ब्लॉकों का चयन अन्य जिलों की तुलना में विकास में निरंतर पिछड़ने के कारण किया गया था। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारत के वैश्विक गुरु बनने का फंडा-आकांक्षी जिला ब्लाक कार्यक्रम।आओ नवाचार निवेश समावेश और बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करें।भारतीय अर्थव्यवस्था को विश्व के प्रथम क्रमांक पर लाने अनावश्यक नियमों विनियमों कानूनों प्रतिबंधों से मुक्त करना समय की मांग है। 

-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

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