नया सवेरा नेटवर्क
वाराणसी। पंजाबी परिवारों ने शुक्रवार शाम धूम-धाम से लोहड़ी मनाई। नवजात और नवयुगलों की पहली लोहड़ी की खुशी में घरों, होटलों और रेस्टोरेंटों में देर रात तक डांस और मस्ती का माहौल रहा। अगले साल फिर से खुशियों की अरदास के साथ लोहड़ी को विदा किया गया। लोहड़ी सिखों के लोहड़ी का खास महत्व होता है। सिगरा स्थित अमर नगर कॉलोनी, गुरुबाग, कॉटन मिल सहित अन्य इलाके में पंजाबी समुदाय के लोगों ने लोहड़ी मनाई।
आग के चारों ओर घूम कर भांगड़ा और गिद्दा किया। ढोल की थाप पर महिलाओं-पुरुषों और बच्चों ने भी नृत्य किया। डीजे पर बॉलीवुड के सांग्स पर झूमने का जमाना है लेकिन लोहड़ी के वक्त परंपरागत गीत भी हर जगह सुनाई दिया। ढोल पर हल्की थाप के बीच महिलाओं ने दुल्ला भट्टी वाला गीत गाया। 'सुंदर मुंदरिये हो, तेरा कौन विचारा हो, दुल्ला भट्ठी वाला हो, दुल्ले दी धी व्याही हो, सेर शक्कर पाई हो, कुड़ी दे जेबे पाई हो, कुड़ी दा लाल पटाका हो, कुड़ी दा सालू पाटा हो... जैसी गीत गाया।
लपटों में तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी, मूंगफली आदि चढ़ाई गई। नवविवाहित जोड़ों को सबसे पहले प्रसाद दिया गया। सुहागन के आंचल में प्रसाद दे पुत्रवती होने का आशीर्वाद दिया गया।
- गुरुद्वारा गुरुबाग में मनाई लोहड़ी
गुरुद्वारा गुरूबाग में रात करीब आठ बजे सिख समाज के लोग परिवार के साथ इकट्ठा हुए थे। यहां पर लोगों ने एक दूसरे को लोहड़ी की बधाई दी। मुख्य धर्मग्रंथी भाई रंजीत सिंह ने लोगों को स्वस्थ रहने के लिए अरदास की। इस दौरान लोगों को प्रसाद का वितरण हुआ।
- नवविवाहितों ने जमकर की मस्ती
लोहड़ी नवविवाहितों के लिए खास रही। नए जोड़े पहले गुरुद्वारा में दर्शन करने के लिए गए थे। इसके बाद घरों में पार्टी की। कई जोड़े और होटल और रेस्टोरेंट भी गए थे। गुरुबाग निवासी अमरजीत की शादी दो महीने पहले सिमरन से हुई थी। उन्होंने घर पर दोस्तों, रिश्तेदारों को बुलाकर लोहड़ी मनाई। बांसफाटक मंजीत अहुलवालिया की शादी छह महीना पहले सिमरन से हुई थी। उन्होंने परिवार के साथ पहले लोहड़ी मनाई। इसके बाद वह सारनाथ में घूमने गए थे।
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