जौनपुर: ग्राम प्रधानों ने ब्लॉक मुख्यालय पर किया प्रदर्शन | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
पांच सूत्रीय ज्ञापन बीडीओ को सौंपा
खेतासराय जौनपुर। अपनी मांगों को लेकर अखिल भारतीय प्रधान संगठन मुखर हो गया। सोमवार को एकजुट ग्राम प्रधानो ने सोंधी ब्लॉक मुख्यालय पर ज़ोरदार प्रदशर््ान कर धरना दिया। प्रधानों का कहना है कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों के साथ भेद भाव बन्द कर उनके मांगो को अमली जामा पहनाए। प्रधानमंत्री को संबोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन बीडीओ को सौंपा। संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष प्रेमचन्द यादव के नेतृत्व में ग्राम प्रधान ब्लॉक सभागार में इकट्ठा हुए, पूरे परिसर में ज़ोरदार नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदशर््ान किया । धरने में बोलते हुए अध्यक्ष प्रेमचन्द यादव ने कहा कि एनएमएस के मजदूरों की निगरानी ठीक नही है, अधिकतर गांव में नेटवर्क की समस्या से हाजि़री अंकित नही हो पा रही है जिससे मास्टर रोल शून्य हो जा रहा है। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधानो का शोषण हो रहा है, आरोप लगाया कि बिना कमीशन के कोई कार्य का निष्पादन नही होता है। प्रधान भीमचन्द राजभर ने कहा कि सरकार की तरफ़ से मात्र 213 रु पये ही तय है जिससे गांव में मजदूर नही मिल रहे है। उन्होंने चार सौ रु पये प्रतिदिन करने मांग की है। प्रधान मंगला प्रसाद बिन्द ने कहा कि जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने की जरूरत है । उन्हें शस्त्र लाइसेंस जारी किया जाना चाहिए । प्रधान राजेश कुमार, सिराज अहमद प्रतिनिधि, अशोक सिंह, राम प्रसाद यादव ने कहा कि राज्य वित्त आयोग और प्रशासनिक सुधार की समस्त सिफारिशों को लागू करने मांग उठाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया वादा सहायक सचिव कम डाटा एंट्री, ऑपरेटर, शौचालय केयर टेकर एवं प्रधान की मानदेय की व्यवस्था अमल करने की मांग की है। इस अवसर पर प्रमुख रूप से कृष्ण कुमार सिंह, पुनवासी राजभर, अरविंद राजभर, संजय कुमार, रमेश बिन्द, विनय, जिलाजीत, दुर्गा प्रसाद, परमानन्द यादव समेत मनरेगा मज़दूर भी शामिल रहे।
आंदोलन में प्रधानों की सँख्या कम होना बना चर्चा का विषय
खेतासराय। अखिल भारतीय प्रधान संगठन के राष्ट्रीय कोर कमेटी की बैठक में उत्तर प्रदेश के सभी ब्लॉकों में विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान था। यहाँ कुल 113 ग्राम पंचायत के प्रधान चुने गए है लेकिन यहाँ तीन दर्जन प्रधान ही बमुश्किल इस आंदोलन में हिस्सा लिए। संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि प्रधानों की व्हाट्सएप ग्रुप से सभी को जानकारी दी गई थी। प्रधानों की ही विभिन्न मांग को लेकर आदोंलन में उनकी संख्या कम होने पर लोगों में खूब चर्चा का विषय बना रहा।