नया सवेरा नेटवर्क
- प्रवासी:- अमृत काल में भारत की प्रगति में विश्वसनीय भागीदार हैं
- पांच विषयगत पूर्ण सत्रों में होने वाले पीबीडी सम्मेलन में राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की गरिमामय उपस्थिति से सम्मेलन की प्रतिष्ठा और जोश बढ़ेगा - एडवोकेट किशन भावनानी
गोंदिया - वैश्विक स्तरपर शिक्षा, संस्कृति, दान, सामाजिक विकास के क्षेत्रों में प्रवासी भारतीयों का योगदान सराहनीय रहा है। क्योंकि जिसके पीछे भारतीय शब्द लगा है चाहे वह मूल हो या प्रवासी उसकी प्रतिष्ठा दुनिया में वैसे ही बढ़ जाती है क्योंकि, यह ऐसे मानवीय जीव हैं जिनके बौद्धिक कौशलता से भारत का अभूतपूर्व नाता जुड़ा है जो पैतृक रूप से पीढ़ी दर पीढ़ी उनकी रग रग में समाता जाता है यही कारण है कि मूल भारतीय एवं प्रवासी भारतीयों की मांग दुनिया में प्राथमिकता से होती है। जिस तरह से 17 वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में 70 देशों से 3500 से अधिक रजिस्ट्रेशन प्राप्त हुए है, उससे अंदाज लगाया जा सकता है कि कितने देशों में प्रवासी भारतीयों का बसेरा है। अनेक देशों में तो इतनी अधिक मात्रा में प्रवासी भारतीय हैं जो वहां की औसत जनसंख्या का प्रतिनिधित्व भी करते हैं। तथा वहां की दशा और दिशा को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। प्रवासी भारतीयों की अपनी सांस्कृतिक विरासत की अनुषण बनाए रखने के कारण भी साझा पहचान मिली है, जहां जहां प्रवासी भारतीय बसे हैं वहां-वहां उन्होंने आर्थिक तंत्र को मज़बूती प्रदान की है। उनकी सफलता का श्रेय उनकी परंपरागत सोच, सांस्कृतिक मूल्यों और शैक्षणिक योग्यता को दिया जाता है। चूंकि 17 वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन 8 से 10 ज़नवरी 2023 को मध्यप्रदेश के इंदौर में हो रहा है। इसलिए आज हम पीआईबी में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे इस सम्मेलन के मुख्य विषय पर, प्रवासी:- अमृत काल में भारत की प्रगति में विश्वसनीय भागीदार हैं।
साथियों बात अगर हम इस 17 वें पीबीडी कार्यक्रम को इंदौर में सफल बनाने की व्यवस्था और थ्री आर अवधारणा के स्तर की करें तो, प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन शून्य अपशिष्ट (जीरो वेस्ट) आयोजन भी होगा।सम्मेलन के दौरान खाने व पानी की बर्बादी पर भी अंकुश लगाया जाएगा और थालियों में बचने वाले भोजन का प्रसंस्करण कर इससे खाद बनाई जाएगी। साथ ही सम्मेलन में सरकार द्वारा बिजली या सीएनजी से चलने वाले वाहनों के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल की कोशिश की जाएगी।प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन की यादों को चिरस्थायी बनाने के लिए शहर की स्कीम नम्बर 113 में ‘ग्लोबल पार्क विकसित किया गया है और सम्मेलन में शामिल होने वाले मेहमान इसमें अलग अलग किस्मों के 3 हज़ार पौधे रोपेंगे।
साथियों इस पीबीडी को कार्बन न्यूट्रल (कार्बन तटस्थ) आयोजन बनाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। इसको सफल बनाने के लिए लिए प्रसासन ने ‘थ्री आर’ (रिड्यूस, रीयूज और रीसाइकिल) अवधारणा का सहारा लिया है। करीब 35 लाख आबादी का यह शहर केंद्र सरकार के राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षणों में लगातार छह सालों से अव्वल बना हुआ है।सम्मेलन से जुड़े राज्य सरकार के एक अधिकारी ने मीडिया को यह जानकारी दी कि करीब तीन-चार हज़ार लोगों की मौजूदगी वाले तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में ग्रीन ऊर्जा के इस्तेमाल के साथ ही भोजन की बर्बादी रोकने समेत अलग-अलग उपाय किए जा रहे हैं ताकिकार्बन डाइ ऑक्साइड और अन्य ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती की जा सके। थ्री आर की अवधारणा के आधार पर प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन को कार्बन न्यूट्रल बनाया जाएगा। इस सम्मेलन के लिए एक सरकारी बिजली वितरण कम्पनी को अतिरिक्त शुल्क चुका कर हरित ऊर्जा खरीदी जा रही है। साथ ही सम्मेलन में बिजली की खपत और ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन घटाने के लिए एलईडी बल्बों तथा पांच सितारा रेटिंग वाले एयरकंडीशनरों का इस्तेमाल किया जाएगा।कार्बन न्यूट्रल से तात्पर्य वातावरण में कार्बन उत्सर्जन और उसके अवशोषित होने के बीच संतुलन स्थापित करने से है। यह उपाय महत्वपूर्ण है क्योंकि कार्बन डाइ ऑक्साइड सरीखी ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन जलवायु पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।
साथियों बात अगर हम पीबीडी के कार्यक्रम रूपरेखा की करें तो, पीबीडी सम्मेलन में पांचविषयगत पूर्ण सत्र होंगे-पहला पूर्ण सत्र युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री की अध्यक्षता में 'नवाचारों और नई प्रौद्योगिकियों में प्रवासी युवाओं की भूमिका' पर होगा। दूसरा पूर्ण सत्र 'अमृत काल में भारतीय हेल्थकेयर इको-सिस्टम को बढ़ावा देने में प्रवासी भारतीयों की भूमिका: विजन @ 2047' पर होगा जिसकी अध्यक्षता स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में और विदेश राज्य मंत्री की सह-अध्यक्षता में होगा। तीसरा पूर्ण सत्र विदेश राज्य मंत्री की अध्यक्षता में भारत की नरम शक्ति का लाभ उठाना - शिल्प, व्यंजन और रचनात्मकता के माध्यम से सद्भावना' पर होगा। चौथा पूर्ण सत्र शिक्षा, कौशल विकास मंत्री की अध्यक्षता में 'भारतीय कार्यबल की वैश्विक गतिशीलता को सक्षम करना - भारतीय डायस्पोरा की भूमिका' पर होगा। पांचवा पूर्ण सत्र वित्त मंत्री की अध्यक्षता में 'राष्ट्र निर्माण के लिए एक समावेशी दृष्टिकोण की दिशा में प्रवासी उद्यमियों की क्षमता का दोहन' पर होगा।
साथियों सभी पूर्ण सत्रों में प्रख्यात प्रवासी विशेषज्ञों को आमंत्रित कर पैनल चर्चा होगी। प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है। यह विदेशों में रहने वाले भारतीयों के साथ जुड़ने और सम्पर्क स्थापित करने तथा प्रवासी भारतीयों को एक-दूसरे के साथ बातचीत करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है। 17वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन मध्य प्रदेश सरकार के साथ साझेदारी मे इंदौर में आयोजित किया जा रहा है। इस पीबीडी सम्मेलन का विषय है प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति में विश्वसनीय भागीदार। पीबीडी सम्मेलन के तीन खंड होंगे। 08 जनवरी 2023 को, युवा प्रवासी भारतीय दिवस का उद्घाटन युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के साथ साझेदारी में होगा। युवा प्रवासी भारतीय दिवस पर ऑस्ट्रेलिया की सांसद महामहिम सुश्री ज़नेटा मैस्करेनहास सम्मानीय अतिथि होंगी। भारत के माननीय पीएम 09 जनवरी 2023 को पीबीडी सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे और गुयाना सहकारी गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम मुख्य अतिथि और सूरीनाम गणराज्य के माननीय राष्ट्रपति महामहिम विशेष सम्मानित अतिथि के रूप में सम्मेलन को संबोधित करेंगे। एक स्मारक डाक टिकट सुरक्षित जाएं, प्रशिक्षित जाएं जारी किया जाएगा जो सुरक्षित, कानूनी, व्यवस्थित और कुशल प्रवासन के महत्व को रेखांकित करेगा। भारत की स्वतंत्रता में हमारे प्रवासी स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को उजागर करने के लिए माननीय पीएम आजादी का अमृत महोत्सव - भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में प्रवासी भारतीयों का योगदान विषय पर पहली बार डिजिटल प्रवासी भारतीय दिवस प्रदर्शनी का भी उद्घाटन करेंगे। जी20 की भारत की वर्तमान अध्यक्षता के मद्देनजर, 09 जनवरी को एक विशेष टाउन हॉल भी आयोजित किया जाएगा।10 जनवरी 2023 को, माननीय राष्ट्रपति जी,प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार 2023 प्रदान करेंगी और समापन सत्र की अध्यक्षता करेंगी। प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार चुनिंदा भारतीय प्रवासी सदस्यों को उनकी उपलब्धियों को पहचानने और विभिन्न क्षेत्रों में, भारत और विदेश दोनों में उनके योगदान का सम्मान करने के लिए प्रदान किए जाते हैं।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन करउसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि 17 वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन 8-10 जनवरी 2023 से शुरू है।प्रवासी:- अमृत काल में भारत की प्रगति में विश्वसनीय भागीदार हैं। पांच विषयगत पूर्ण सत्रों में होने वाले पीबीडी सम्मेलन में राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की गरिमामय उपस्थिति से सम्मेलन की प्रतिष्ठा और जोश बढ़ेगा।
-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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