नया सवेरा नेटवर्क
- वीरमाता जीजाबाई भोसले वनस्पति उद्यान चिड़िया घर
मुंबई। रानी बाग चिड़ियाघर के नाम से मशहूर रहा चिड़िया घर अब वीर जीजाबाई भोसले वनस्पति उद्यान चिड़िया घर के नाम से अब जाना जाएगा। चिड़िया घर का नाम में वनस्पति उद्यान जोड़ने की पिछले कई सालो से मांग चल रही थी।जिसमे मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने अब मंजूरी दे दी है।
बता दे कि रानी बाग चिड़िया घर में बड़े पैमाने पर पुरानी वनस्पति है जिसे देखने और उससे कुछ सीखने के लिए पहले से ही बच्चे आते थे। रानी बाग चिड़िया घर जिसका नाम वीर जिजामाता भोसले उद्यान और चिड़िया घर पहले से ही था।
सेवह रानी बाग बोटेनिकल गार्डन फाउंडेसन पिछले कई सालो से इस गार्डन में बड़ी संख्याएं वनस्पति होने के बावजूद नाम में कही वनस्पति नही होने से इस संस्था की मांग बनी हुई थी कि रानीबाग चिड़िया घर को वीर जिजामाता भोसले वनस्पति उद्यान और प्राणी संग्रालाह किया जाए। मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने 12 दिसंबर को रानी बाग चिड़ियाघर के नए नाम की हरी झंडी दी। मनपा आयुक्त के पास नाम बदलने का प्रस्ताव पिछले साल मई महीने में आयुक्त के पास आया था।
रानी बाग चिड़िया घर की स्थापना 1861 में एंग्री एग्री-हॉर्टिकल्चरल सोसयटी वेस्टर्न इंडिया नामक संस्था ने व्हिकटोरिया गार्डेंस के नाम से वनस्पति गार्डन के रूप में रखा गया था। ब्रिटिश शासन काल में यह पहला सार्वजनिक प्रोजेक्ट था। 1890 में इस गार्डन में प्राणी संग्रहालय शुरू किया गया। जिससे यह उधान काफी लोकप्रिय हुआ। 1969 में इस गार्डन का नाम वीर जीजा बाई भोसले गार्डन किया गया और 1980 में वीरमाता जीजाबाई भोसले उद्यान और प्राणी संग्रहालय किया गया।
100 साल से ज्यादा पुराने है यहाँ है पेड़
इस पार्क में 256 विभिन्न जातियों के कुल 4 हजार 131 पेड़ है। कई पेड़ों की उम्र 100 साल से अधिक हो गई है। इस पार्क में बड़ी संख्या में छोटे स्तनधारी प्राणी पक्षी और कीटाणु है। पार्क में 64 आंतरिक उद्योग शामिल हैं। यह मुंबई का एकमात्र वनस्पति उद्यान है जिसे विरासत का दर्जा प्राप्त है। रानी बाग बचाओ अभियान के कार्यकर्ता हुतोक्षी रुस्तमफ्राम ने बताया कि पार्क का डिजाइन शास्त्रीय शैली में है जो 19वीं सदी में यूरोप के कई पार्कों में लोकप्रिय था।
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