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अधिकारियों की लापरवाही आई सामने,मचा हड़कंप
सिरकोनी,जौनपुर। स्थानीय विकास खण्ड में तैनात जिम्मेदार कर्मचारियों की घोर लापरवाही से ग्राम पंचायतो के जरिये कराये गए विकास कार्यों का तीन करोड़ 50 लाख रु पये शून्य हो गया। ग्राम प्रधानों में इसकी जानकारी होते ही हड़कम्प मच गया। ज्ञात हो सिरकोनी ब्लॉक के 66 ग्राम पंचायतों ने मनरेगा के तहत आठ करोड़ से ज्यादा के विकास कार्य कराये गए थे। इस विकास कार्य के लिए शासन का आदेश था कि 60 प्रतिशत कच्चा तथा 40 प्रतिशत पक्का काम कराया जाएगा। प्रधान तीन दिन पहले इसका विरोध भी किए थे। प्रधानों का कहना था कि पंचायत भवन, स्कूल का बाउंड्रीवाल, गोशाला,अमृत सरोवर,तथा पांच लाख निर्धनतम योजना को 60/40 योजना के बाहर रखा जाय। इसके बाद भी अधिकारियों द्वारा इन योजना को शासन के प्राथमिकता के तहत करवाना है। प्रधानो ने दबाव में यह काम भी करवाया। प्रधानों का यह आरोप है कि सभी प्रधान काम करवाने के बाद प्रधान पिछले एक महीने से अपना कार्य डेटा फीड करवाने के लिए ब्लॉक के जिम्मेदार लोगों के पास चक्कर लगा रहे थे। जबकि चार माह बाद मनरेगा का पैसा 29 दिसंबर को ऑनलाइन आना था। इसी लिए प्रधान लोग 28 दिसम्बर की सुबह 10 बजे से रात दो बजे तक अपने कराये गए विकास कार्य को फीड कराया। सुबह अचानक प्रधानों को पता चला कि ब्लॉक के अकॉउंटेंट ने ऑफ टीओ (फंड ट्रांसफर ऑर्डर) ही तैयार नही किया न ही अकॉउंटेंट का प्रथम हस्ताक्षर ही नही हुआ। इसके कारण खण्ड विकास अधिकारी का डोंगल नही लगा। इसके कारण विकास कार्य का केंद्र सरकार से आया हुआ ऑनलाइन पैसा सिरकोनी ब्लॉक के लिए शून्य हो गया। सुबह जानकारी होते ही प्रधानगण आक्रोशित हो गए। उनके अंदर हड़कम्प मचा हुआ है। अब कैसे र्इंट, सीमेंट,सरिया,बालू,गिट्टी आदि का कैसे भुगतान करेंगे। प्रधानों का आरोप है कि यह नुकसान विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण हुआ है। प्रधानों का कहना है कि एफ टी ओ जेनरेट कर प्रथम सिग्नेचरी लगाया जाय। तथा जो डेटा फीड है उसको किसी भी हालत में डिलिट न किया जाय। इस बारे में खण्ड विकास अधिकारी अस्मिता सेन ने कहा ब्लॉक के अकॉउंटेंट के कारण यह स्थिति पैदा हुई है। प्रधानों के साथ गलत हुआ। उधर प्रधानगण खण्ड विकास अधिकारी को भी बराबर का दोषी मान रहे हैं।
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