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प्रदेश की लोकलाओं और लोकचित्रों को पाठ्यक्रम में भी बड़े स्तर पर अवश्य शामिल करना चाहिए ताकि सभी को अपने प्रदेश की लोक कलाओं के बारे समझ पैदा हो सके- राम शब्द सिंह
प्रदेश में लोक कलाओं और लोकचित्रों पर कार्यशालाओं, शिविरों, व्याख्यानों का भी आयोजन लगातार होने चाहिए
आजमगढ़। आजमगढ़ जनपद के लालगंज अहिरौली गांव के मूलतः निवासी व उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ लोककला चित्रकार श्री रामशब्द सिंह को बुधवार 21 दिसंबर 2022 को लोकनायक जयप्रकाश राष्ट्रीय कला और संस्कृति प्रतिष्ठान, नयी दिल्ली एल.एन.जे.पी.आई.एस.डी.सी. के सहयोग से भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण की स्मृति में दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर , लोधी रोड में लोकनायक लोककला सम्मान से श्री राम शब्द सिंह वरिष्ठ लोक कलाकार को कोहबर कला के लिए नवाज़ा गया। साहित्य,कला, शिक्षा, सिनेमा और संस्कृति जगत की जानीमानी हस्तियों से भरी यह एक अपूर्व सभा थी । प्रसिद्ध मूर्तिकार श्री राम सुतार, चर्चित समकालीन चित्रकार अर्पणा कौर, जानेमाने कलाविद और चिंतक पद्मश्री डॉ कपिल तिवारी, पूर्व सांसद और सफल व्यवसाई श्री आर के सिंह, प्रसिद्ध पर्यावरणविद् श्री चंडी प्रसाद भट्ट, श्री अरुण उपाध्याय, श्री जय प्रकाश सिंह, श्री राहुल रस्तोगी, श्री अरविंदर सिंह कांग और प्रसिद्ध पाश्र्वगायक गायक महेंद्र कपूर के बेटे श्री रोहन कपूर की उपस्थिति ने इस मौके को विशिष्ट बना दिया । देश की अग्रणी रचनात्मक और सांस्कृतिक संस्था ‘लोकनायक जयप्रकाश राष्ट्रीय कला एवं संस्कृति प्रतिष्ठान’ शिक्षा, कला, साहित्य, संगीत, नाटक और सांस्कृतिक विमर्श के क्षेत्र में अपने अमूल्य योगदान के लिए देश के कोने कोने से विशिष्ट व्यक्तियों का चुनाव करते हुए उन्हें अपने प्रतिष्ठित पुरस्कार "लोकनायक जयप्रकाश राष्ट्रीय स्मृति सम्मान" से सम्मानित किया । विदीत हो कि यह संस्था संस्कृति के बहुक्षेत्र को सर्वदा प्रासंगिक एवं जीवन्त आयाम देने का प्रयास करता आया है। संस्था के द्वारा निरन्तर आयोजित अनेक कार्यक्रमों के माध्यम से शिक्षा, कला, साहित्य, और संस्कृति इत्यादि जगत में कार्यरत व्यक्तियों को सम्मानित किया गया है।
लोकनायक जयप्रकाश राष्ट्रीय कला एवं संस्कृति प्रतिष्ठान संस्था के राष्ट्रीय महासचिव अरविंद ओझा जो स्वयं कवि, चित्रकार, लेखक एवं डिजाइनर हैं और कला के क्षेत्र में दो दशक से कार्यरत हैं उन्होंने इसपर विस्तार से बात करते हुए यह बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से समाज को अपने अमूल्य ज्ञान एवं अनुभवों से अभिसिंचित कर रहे विशिष्ट महानुभावों को सम्मानित किया जाना हमारी युवा पीढी के लिए एक प्रेरणा हैं। संस्था के राष्ट्रीय सचिव एवं दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में प्रोफेसर के रूप में सेवारत प्रो. दया शंकर तिवारी ने बताया कि इस संस्था का उद्देश्य हैं “कि युवाओं गीता में लिखा है कि- ‘यद्यदाचरति श्रेष्ठः तत्तदेवो तरोजनः’ अर्थात् जैसा हमारें श्रेष्ठजन आचरण करते हैं उसका ही अनुकरण हमारी आनेवाली पीढियाँ करती हैं अतः इस सम्मान समारोह से न केवल हम विशिष्टजन का सम्मान कर रहे हैं बल्कि आने वाली पीढी को भी एक समृद्ध परम्परा एवं संस्कार से परिपुष्ट कर रहे हैं। संस्था के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार और पूर्व आई. ए. एस श्री हेमंत शेष ने सभी चयनित विशिष्ट व्यक्तियों को शुभकामनाएं देते हुए ‘लोकनायक राष्ट्रीय स्मृति सम्मान' के लिए गठित सम्मानित चयन समिति के सदस्य दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति श्री दिनेश सिंह, प्रसिद्ध कलाकार प्रभाकर कोल्टे, एन. आई. ओ. एस. के वर्तमान सचिव श्री प्रदीप मोहंती और प्रसिद्ध कला समीक्षक और लेखक डॉ. ज्योतिष जोशी को हार्दिक बधाई दी।
संस्था की उत्तर प्रदेश इकाई के संस्कृति सचिव भूपेंद्र कुमार अस्थाना ने बताया राम शब्द ने इस अवसर पर कहा कि हमे अपने प्रदेश की कला और संस्कृति को बचाना होगा। प्रदेश की लोकलाओं और लोकचित्रों को पाठ्यक्रम में भी बड़े स्तर पर अवश्य शामिल करना चाहिए ताकि सभी को अपने प्रदेश की लोकलाओं के बारे समझ पैदा हो सके। कलाओं के द्वारा ही प्रदेश की संस्कृतियों को सुरक्षित रखा जा सकता है। इसके लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आजकी युवाओं को अपने उत्तर प्रदेश की लोकलाओं के बारे में जानकारी ही नहीं। इसे और प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश में लोक कलाओं और लोकचित्रों पर कार्यशालाओं, शिविरों, व्याख्यानों का भी आयोजन लगातार होने चाहिए ।
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