नया सवेरा नेटवर्क
वाराणसी। दक्षिण भारत के प्रमुख मठ-मंदिरों के नौ आदिनम का पहली बार काशी में एक साथ सम्मान हुआ। काशी तमिल संगमम में आए ये आदिनम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संस्कृत और संस्कृति ज्ञान पर चमत्कृत हो गए। काशी में सत्कार और प्रधानमंत्री के व्यवहार पर भी वे प्रसन्न दिखे। जाते हुए मोदी ने मंच से ही सभी आदिनम का झुककर अभिवादन किया।
आयोजन स्थल पहुंचे प्रधानमंत्री ने मंच पर जाने से पहले इन आदिनम से वार्ता की। वार्ता के बिंदु काशी और रामेश्वरम रहे। प्रधानमंत्री ने सभी आदिनम का सम्मान करने के साथ ही काशी से दक्षिण भारत के आध्यात्मिक संबंधों पर भी चर्चा की। पीएम के मंच के सामने बाईं तरफ आदिनम के लिए मंच बनाया गया था। प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान सभी आदिनम यहीं विराजमान रहे। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम से लौटते वक्त भी मंच से ही उन्हें झुककर प्रणाम किया। सभी आदिनम ने उनका अभिवादन स्वीकार किया।
पल्लडम सेंजेरी के आदिनम मुत्तु शिवरामस्वामी और सूर्यनार के स्वामी शिवकर देशिकर ने कहा, प्रधानमंत्री ने अपने भाषण से बता दिया कि भारत की विविधता भरी संस्कृति के साथ संस्कृत और रीतियों की उन्हें कितनी जानकारी है। द्वादश ज्योतिर्लिंग, विष्णु पुराण, ब्रह्मवैवर्तपुराण में उल्लिखित जलसंधि आदि का उल्लेख कर उन्होंने अपने संस्कृत ज्ञान का भी प्रदर्शन किया।
ये रहे नौ आदिनम
श्रीमद माणिक्कवाचक तंबिरान-धर्मपुरम, स्वामी शिवकर देशिकर-सूर्यनार, श्रीलश्री सत्यज्ञान महादेव देशिक परमाचार्य स्वामिगल-वेलांकुरिच्ची, शिवप्रकाश देशिक सत्यज्ञान पण्डार सन्नदि-सेंकोल, शिवज्ञान बालय स्वामिगल-बोम्मपुरम, ज्ञानप्रकाश देशिकर-तुलावूर, शिवलिंगेशवर स्वामी कंदस्वामी- कामाक्षीपुरी, मायाकृष्णन स्वामी दिण्डुक्कल-शिवपुरम, मुत्तु शिवरामस्वामी-पल्लडम सेंजेरी।
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