छात्रों ने रंगोली के माध्यम से अपने अपने मनोभाव की सृजनात्मक अभिव्यक्ति की | #NayaSaveraNetwork

नया सवेरा नेटवर्क

  • वास्तुकला संकाय के छात्रों ने रंगोली प्रतियोगिता में दिखाया हुनर

लखनऊ। डॉ. पीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के 20वें दीक्षांत समारोह के उपलक्ष्य में इन दिनों चल रहे दीक्षांत सप्ताह में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है जिसके अंतर्गत गुरुवार को वास्तुकला एवं योजना संकाय, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, टैगोर मार्ग प्रांगण में रंगोली और पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित किए गए। जिसमे संकाय के प्रथम और द्वितीय वर्ष के लगभग 50 छात्र छात्राओं ने भाग लिए। अपनी अभिव्यक्ति के माध्यम से रंगोली प्रतियोगिता में भाग लेकर रंगों के माध्यम से आकर्षक रंगोली बनाकर अपनी प्रतिभा दिखाई और अपने हुनर का परिचय दिया। छात्रों ने रंगोली में रंग भर कर अपने अपने मनोभाव की सृजनात्मक अभिव्यक्ति की।

छात्रों ने वर्तमान सामाजिक मुद्दों, रचनात्मकता आदि विषयों को बहुत ही मनमोहक ढंग से प्रस्तुत किया। संकाय के कला शिक्षक व चित्रकार भूपेंद्र कुमार अस्थाना ने बताया कि रंगोली भारत की प्राचीन सांस्कृतिक परंपरा और लोक-कला है।अलग अलग प्रदेशों में रंगोली के नाम और उसकी शैली में भिन्नता हो सकती है लेकिन इसके पीछे निहित भावना और संस्कृति में पर्याप्त समानता है। इसकी यही विशेषता इसे विविधता देती है और इसके विभिन्न आयामों को भी प्रदर्शित करती है। इसे सामान्यतः त्योहार, व्रत, पूजा, उत्सव विवाह आदि शुभ अवसरों पर सूखे और प्राकृतिक रंगों से बनाया जाता है। इसमें साधारण ज्यामितिक आकार हो सकते हैं या फिर देवी देवताओं की आकृतियाँ। इनका प्रयोजन सजावट और सुमंगल है।

इन्हें प्रायः घर की महिलाएँ बनाती हैं। विभिन्न अवसरों पर बनाई जाने वाली इन पारंपरिक कलाकृतियों के विषय अवसर के अनुकूल अलग-अलग होते हैं। इसके लिए प्रयोग में लाए जाने वाले पारंपरिक रंगों में पिसा हुआ सूखा या गीला चावल, सिंदूर, रोली,हल्दी, सूखा आटा और अन्य प्राकृतिक रंगो का प्रयोग किया जाता है। परन्तु अब रंगोली में रासायनिक रंगों का प्रयोग भी होने लगा है। रंगोली को द्वार की देहरी,आँगन के केन्द्र और उत्सव के लिए निश्चित स्थान के बीच में या चारों ओर बनाया जाता है। कभी-कभी इसे फूलों, लकड़ी या किसी अन्य वस्तु के बुरादे या चावल आदि अन्न से भी बनाया जाता है।

प्रतियोगिता में 14 रंगोलियां बनाई गई। जिसमें 50 छात्रों ने भाग लिया। प्रतियोगिता को 14 समूहों में आयोजित की गई। जिसमे छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग करते हुए एक से एक बढ़कर एक रंगोलियां बनाई। इस प्रतियोगिता की निर्णायक मंडल में चित्रकार श्रीमती प्रतिमा सिंह रहीं, साथ ही संकाय के कला शिक्षक श्री गिरीश पांडेय, धीरज यादव और रत्नप्रिया कांत भी उपस्थित रहीं। श्री अस्थाना ने बताया कि इस अवसर पर कला अध्यापकों ने रंगोली के विभिन्न आयाम और उसके महत्व को भी छात्रों से साझा की। आगे बताया कि रंगोली का महत्व सिर्फ साज-सज्जा के लिए ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक स्तर पर भी है। रंगों के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव को विज्ञान और विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों ने भी माना है। विभिन्न रंगों से बनाई रंगोली आसपास के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। विभिन्न प्रदेशों में रंगोली को अलग अलग ढंग से बनाया जाता है । संकाय की अधिष्ठाता डॉ वंदना सहगल सहित तमाम संकाय के अध्यापकों आदि ने छात्र-छात्राओं की मनमोहक और रचनात्मक रंगोली की प्रशंसा की। निर्णायक मण्डल द्वारा प्रतियोगिता में समूह 6,12,13 प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय के साथ समूह 2,7 सांत्वना के लिए चयनित किया गया।  

काव्य पाठ,वाद-विवाद,एवं निबंध प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गय। जिसके आयोजक प्रोफेसर प्रियंका रस्तोगी,एकता थी। जिसका विषय बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, राष्ट्र के प्रति हमारा कर्तव्य, पर्यावरण संरक्षण था।  इन विषयों पर छात्रों ने काव्य पाठ किये और निबंध लिखे।

इस प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल के सदस्य प्रोफेसर गिरीश पांडेय,लक्ष्मीकांत मिश्रा,प्रोफेसर भूपेंद्र अस्थाना , प्रोफेसर अफाक अहमद, प्रोफेसर सादाब सैफी थे। जिसमे काव्य पाठ में प्रथम स्थान आनंद मोहन मिश्रा, दूसरा स्थान विवेक, तृतीय स्थान अमन तथा निबंध में खुशी प्रथम, चिरागवीर दूसरा,रितिक तृतीय स्थान प्राप्त किया। वाद विवाद में राजहंस, लक्ष्य निवेदिता, मानसी रहीं।

*LIC HOME LOAN | LIC HOUSING FINANCE LTD. Vinod Kumar Yadav Authorised HLA Jaunpur Mob. No. +91-8726292670, 8707026018 email.: vinodyadav4jnp@gmail.com 4 Photo, Pan Card, Adhar Card, 3 Month Pay Slip, Letest 6 Month Bank Passbook, Form-16, Property Paper, Processing Fee+Service Tax Note: All types of Loan Available  | #NayaSaberaNetwork*
Ad


*एस.आर.एस. हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेन्टर स्पोर्ट्स सर्जरी डॉ. अभय प्रताप सिंह (हड्डी रोग विशेषज्ञ) आर्थोस्कोपिक एण्ड ज्वाइंट रिप्लेसमेंट ऑर्थोपेडिक सर्जन # फ्रैक्चर (नये एवं पुराने) # ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी # घुटने के लिगामेंट का बिना चीरा लगाए दूरबीन  # पद्धति से आपरेशन # ऑर्थोस्कोपिक सर्जरी # पैथोलोजी लैब # आई.सी.यू.यूनिट मछलीशहर पड़ाव, ईदगाह के सामने, जौनपुर (उ.प्र.) सम्पर्क- 7355358194, Email : srshospital123@gmail.com*
Ad


*जौनपुर टाईल्स एण्ड सेनेट्री | लाइन बाजार थाने के बगल में जौनपुर | सम्पर्क करें - प्रो. अनुज विक्रम सिंह, मो. 9670770770*
Ad


नया सबेरा का चैनल JOIN करें