नया सवेरा नेटवर्क
वाराणसी। बदलते तकनीकी युग में पुस्तकालयों को सक्षम बनाने की जरूरत है। यदि हम इस दिशा में सक्रिय रूप से काम न कर पाए तो पुस्तकालय मृत हो सकते हैं। यह बात बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने गुरुवार को स्वतंत्रता भवन सभागार में कही। वह बीएचयू की सयाजीराव गायकवाड़ लाइब्रेरी और इनफ्लिबनेट सेंटर, गांधीनगर के तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन ऑन ऑटोमेशन ऑफ लाइब्रेरी इन एजुकेशन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूशंस ‘कैलिबर-22 को संबोधित कर रहे थे।
इस वर्ष के कैलिबर सम्मेलन का विषय है ‘अगली पीढ़ी के शैक्षणिक परिदृश्य के लिए पुस्तकालयों में डिजिटल परिवर्तन की परिकल्पना। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. जैन ने अपने कॉलेज के दिनों के अनुभव साझा करते हुए कहा कि संसाधनों की कमी के कारण भौतिक रूप से एकल प्रकाशन तक पहुंचने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने दैनिक जीवन में पुस्तकालयों के सामने आने वाली चुनौतियों पर बात की। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय किसी भी संस्था की रीढ़ होते हैं। हालांकि कई बाधाओं और लागत प्रमुख होने के कारण पुस्तकालय अपना महत्व खो रहे हैं। विशिष्ट अतिथि इनफ्लिबनेट के निदेशक प्रो. जेपी सिंह जुरेल ने कैलिबर आयोजन के बारे में बताया।
ऑस्ट्रेलिया के फ्लिंडर्स विश्वविद्यालय में पुस्तकालय सेवा के निदेशक प्रशांत मिश्रा ने कोविड से पहले और बाद में पुस्तकालयों में आए बदलाव पर चर्चा की। बीएचयू के लाइब्रेरियन और कैलिबर के आयोजन सचिव डॉ. देवेंद्र कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया। सम्मेलन में 10 देशों के 434 प्रतिनिधि भाग लेंगे। गुरुवार को उद्घाटन के बाद तीन तकनीकी सत्रों में चार वक्ताओं ने पुस्तकालय डिजिटलीकरण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। पहले दिन 19 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। शाम को सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी हुईं।
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