नया सवेरा नेटवर्क
- ये समझ से परे कि किस आधार पर विवेचक ने जेल को आरामदायक बताया
- विवेचक ने जेल से बाहर पाटीदार से पूछताछ करने की अनुमति मांगी थी
लखनऊ। महोबा के पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार को जेल के आरामदायक माहौल से निकालकर बाहर पूछताछ करने के लिये दी गई विवेचक की रिमाण्ड अर्जी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश लोकेश वरूण ने खरिज कर दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि ये समझ से परे है कि विवेचक ने किस आधार पर जेल के वातावरण को आरामदायक वातावरण कहा है। उन्होंने रिमाण्ड के लिये यह भी नहीं बताया कि क्या चीज पाटीदार से बरामद की जानी है और वह किस बात के लिए आरामदायक वातावरण से बाहर ले जाना चाहते हैं।
अदालत के समक्ष विवेचक की ओर से पुलिस रिमांड अर्जी प्रस्तुत कर कहा गया था कि 11 अप्रैल 2022 की जांच रिपोर्ट के आधार पर वादी धनंजय वर्मा ने 30 मई 2022 को मणिलाल पाटीदार समेत चार लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा कानपुर सेक्टर में दर्ज कराया गया था। मणिलाल ने पिछले महीने 15 अक्टूबर को कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया इस मामले में ही उसे 29 अक्टूबर तक के लिये न्यायिक हिरासत में ले लिया गया था। इसके बाद विवेचक ने अभियुक्त का बयान दर्ज करने के उपरांत चार नवम्बर को उसे पुलिस रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी।
- पाटीदार ने अधिकतर सवाल के नकारात्मक जवाब दिये
विवेचक ने अपने प्रार्थना पत्र में स्पष्ट रूप से कहा है कि जब आरोपी मणिलाल पाटीदार का बयान दर्ज किया गया तो उसने अधिकतर नकारात्मक जवाब दिया जिसमें उसने कहा है कि याद नहीं है या जानकारी नहीं है। विवेचक ने अपने प्रार्थना पत्र में कहा है कि अभियुक्त को आरामदायक वातावरण से निकालकर अन्य अभियुक्तों के सामने बिठाकर विस्तृत जानकारी प्राप्त करनी है। अदालत ने विवेचक की पुलिस रिमांड अर्जी को खारिज करते हुए कहा है कि आरोपी अदालत के आदेश से जिला कारागार में बंद है। जिला कारागार का संचालन राज्य सरकार द्वारा किया जाता है लिहाजा यह बात समझ से परे है कि किस आधार पर जिला कारागार के वातावरण को विवेचक द्वारा आरामदायक वातावरण कहा गया है।
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