Varanasi News: शंकराचार्य 16 दिसंबर 2025 को पधारेंगे काशी, करेंगे शुक्लयजुर्वेद माध्यन्दिनी घनपाठ ग्रन्थ का लोकार्पण
नया सवेरा नेटवर्क
वाराणसी। परमाराध्य परमधर्माधिश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरू शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज कल काशी पधार रहे हैं।लखनऊ से काशी पधारने पर शंकराचार्य जी महाराज का संतों और भक्तों द्वारा पुष्पवर्षा व जयघोष के मध्य भव्य स्वागत,अभिनंदन व उनके चरण पादुका का पूजन कर उनका वंदन किया जाएगा। ज्ञातव्य है कि शुक्लयजुर्वेद माध्यन्दिनी घनपाठ ग्रंथ का विमोचन काशी नगरी में होने जा रहा है।यह गरिमामय आयोजन विद्याश्री धर्मार्थ न्यास काशी के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है।इस अवसर पर `परमाराध्य' परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानन्द: सरस्वती `१००८' के करकमलों से ग्रंथ का विमोचन संपन्न होगा।कार्यक्रम का मुख्य विषय “शुक्लयजुर्वेद माध्यन्दिनी शाखा” से संबंधित वैदिक परंपरा, अनुसंधान एवं संरक्षण है।
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उक्त ग्रंथ के संपादक एवं शोधकर्ता डॉ. मणिकुमार झा हैं,जबकि इसको प्रकाशित प्रकाशन सेवालाय,ज्योतिर्मठ बद्रीकाश्रम हिमालय द्वारा किया गया है।सर्वविदित हो कि यह ग्रन्थ प्रथम बार प्रकाशित हुआ है।अब तक यह घनपाठ श्रुत परम्परा से मौखिक रूप में संरक्षित था।यह ग्रंथ वैदिक अध्ययन,शोधार्थियों एवं सनातन परंपरा से जुड़े विद्वानों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा।
उक्त जानकारी देते हुए शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने बताया कि इस कार्यक्रम में देश के अनेक प्रतिष्ठित विद्वान एवं शिक्षाविद् अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराएंगे,जिनमें प्रमुख रूप से प्रो. हृदय रंजन शर्मा,प्रो. श्रीकिशोर मिश्र,प्रो.राममूर्ति चतुर्वेदी,प्रो.पतंजलि मिश्र,प्रो.महेन्द्र पाण्डेय, प्रो.सुनील कात्यायन एवं प्रो.कमलेश झा उपस्थित रहेंगे। यह आयोजन 16 दिसंबर 2025,सायं 5:30 बजे से,श्रीविद्यामठ, केदारघाट, वाराणसी में संपन्न होगा। कार्यक्रम की तिथि विक्रम संवत 2082, पौष कृष्ण द्वादशी है। आयोजकों ने काशी के विद्वानों,शोधकर्ताओं, विद्यार्थियों एवं धर्मप्रेमी जनों से इस वैदिक ग्रंथ विमोचन समारोह में उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की है।
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