Mumbai News: डॉ. सुधाकर मिश्र के काव्य संग्रहों का विमोचन
संवेदना और मूल्यपरकता की मिसाल हैं सुधाकर मिश्र की कविताएं : अमरजीत मिश्र
नया सवेरा नेटवर्क
भायंदर। डॉ. सुधाकर मिश्र की कविताएं संवेदना और मूल्यपरकता की मिसाल हैं। उक्त उद्गार पूर्व राज्यमंत्री अमरजीत मिश्र ने महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य परिषद द्वारा आयोजित वरिष्ठ कवि सुधाकर मिश्र के काव्य संग्रह 'अटल गीत तथा अन्य रचनाएं 'और 'अज्ञेय के गीत' के लोकार्पण एवं चर्चा सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए व्यक्त किये। श्री मिश्र ने कहा कि डॉ. सुधाकर मिश्र की रचनाधर्मिता राष्ट्र प्रेम और मानव मूल्यों से ओतप्रोत है। उनकी लेखनी, समाज के सामान्य जन की व्यथा को शब्द देने के प्रति प्रतिबद्ध है। वे शास्त्रोक्त दृष्टांतों को वर्तमान समय के सापेक्ष प्रस्तुत करते हैं, जिससे समाज की विसंगतियों को दूर करने की दिशा में आगे बढ़ा जा सके।
समझने वालों से होती है कविता की शोभा : डॉ. सुधाकर मिश्र
कार्यक्रम के दौरान अपने संक्षिप्त उद्बोधन डॉ. सुधाकर मिश्र ने कहा कि कविता का लोगों तक पहुंचना, उससे पाठक जुड़ना तथा कवि द्वारा विषय को स्पष्ट रूप से रखना ही कविता की सार्थकता है। कवि के रचना की शोभा समाज से होती है और कविता की शोभा उसे समझनेवाले से होती है। इसके साथ ही उन्होंने संग्रह की कविता 'हम हिन्दू हैं' का पाठ करते हुए उसके माध्यम से भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के व्यक्तित्व एवं एक सच्चे हिंदू की विशेषताओं का वर्णन किया।
'अज्ञेय के गीत' डॉ. मिश्र की स्पष्टवादी रचनाधर्मिता का प्रतीक : डॉ. दुबे
प्रस्ताविकी में महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के पूर्व कार्याध्यक्ष शीतला प्रसाद दुबे ने कहा कि सुधाकर मिश्र जैसे शब्द- साधकों की साधना को लोक के बीच समादृत करने हेतु ऐसे आयोजन की आवश्यकता है।
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भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन दर्शन, नीति आधारित राजनीति और संवेदनशील कविताओं के साथ नारी, प्रकृति, मूल्य, काव्य चिंतन आदि को कविता का विषय बनाकर मिश्र जी ने उत्कृष्ट कार्य किया है। अज्ञेय के गीतात्मक आग्रह के विरोधी स्वर को उनके ही गीतों के संकलन के माध्यम से प्रत्युत्तर देना कवि की स्पष्टवादी सोच को रेखांकित करती है। कवि मिश्र में कविता के प्रति प्रेम पूर्ण रूप से झलकता है उन्होंने अपनी कविता में देश प्रेम एवं एक सच्चे नागरिक होने के मूल्यों को दर्शाया है।
विद्वानों की रही उपस्थिति
पुस्तक विमोचन एवं चर्चा सत्र में एम. डी. कॉलेज के उपप्राचार्य डॉ. उमेशचंद्र शुक्ल, वरिष्ठ भाषाविद डॉ. वीरेंद्र मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार रेणु शर्मा तथा डॉ. माधुरी सिंह ने काव्य संग्रहों 'अटल गीत एवं अन्य रचनायें' तथा 'अज्ञेय के गीत' पर अपने विचार रखें। इस अवसर पर पूर्व नगरसेवक मुन्ना सिंह, स्नेहा पांडेय एवं स्थानीय साहित्यकारों, प्राध्यापकों एवं विद्वत समाज की भारी संख्या में उपस्थिति रही। संचालन डॉ. अजीत कुमार राय ने किया।





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