Article: साहित्य व समाज को समर्पित एक मात्र संस्था काव्य सृजन परिवार
नया सवेरा नेटवर्क
देश में वैसे तो कई साहित्यिक संस्थाएं काम कर रही हैं लेकिन उनमें से कुछ ही हैं जो अपने मकसद में कामयाब हैं, इन्हीं में से एक है मुंबई की साहित्यिक संस्था "काव्य सृजन परिवार"।l जिसकी स्थापना १२ भी २०१३ को पं.शिवप्रकाश जमदग्निपुरी जी भरत शब्द वर्मा जी रमाकांत ओझा जी संजय उपाध्याय जी,भुइधर वर्मा जी,संगीता शर्मा जी और उमेश पाण्डेय जी ने मिलकर की।खास बात यह है कि इस संस्था को स्थापित करने में मुख्य भुमिका उमेश पाण्डेय जी को छोड़कर सभी पेशे से रिक्सा चालकों ने अदा की है।
यह संस्था मूलतः साहित्यिक संस्था है लेकिन सामाजिक कार्यों में भी उतनी ही सक्रिय है इसलिए आज इसने एक परिवार का रूप ले लिया है।जिसमें देशभर के साहित्यकार और उनके परिवार इस संस्था जुड़े हुए हैं, जो सुख दुख में हमेशा एक साथ खड़े रहते हैं, इसीलिए इनका हर आयोजन एक राष्ट्रीय पर्व का रूप ले लेता है, यहां तक कि होली और दिवाली मिलन में भी देश के कोने-कोने से साहित्यकार इकट्ठे हो जाते हैं, मुंबई जैसे महानगर में यह अविश्वसनीय सा है l
काव्य सृजन परिवार के संस्थापक शिवप्रकाश जमदग्रिपुरी का साहित्यिक समर्पण उल्लेखनीय है,उन्होंने बहुत मेहनत से इस संस्था को खड़ा किया और अपनी सारी पूँजी इस संस्था को स्थापित करने में लगा दी. कई बार संस्था को अर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा तब शिव प्रकाश जी ने चाय बेचकर भी संस्था की नियमितता बनाए रखी और अपना साहित्य सृजन भी जारी रखा l साहित्य के प्रति इतना समर्पण आज विरला ही देखने को मिलता है l संस्था से देश के करीब ढाई हजार कवि और लेखक जुड़े हुए हैं , जिनमें कई प्रोफेसर, डॉक्टर और पत्रकार शामिल हैं जो अपने अपने प्रदेशों में साहित्य के प्रचार् प्रसार में लगे हैं l यह संस्था वरिष्ठ कवियों के अलावा युवाओ के उत्साहवर्धन के लिए युवा कवियों का आयोजन भी करती है और उनका मार्गदर्शन भी इसके अलावा छोटी और गरीब बस्तियों के बच्चों की शिक्षा में मदद करती है, हर साल उनको पाठ्य सामग्री मुफ्त वितरित करती है और इन बस्तियों के जिन बच्चों में साहित्यिक प्रतिभा होती है उन्हें मंच प्रदान भी करती है l
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संस्थापक शिवप्रकाश जमदग्रिपुरी के साथ ही संस्था अध्यक्ष आत्मिक श्रीधर मिश्र, कोषाध्यक्ष लालबहादुर यादव कमल, उपकोषाध्यक्ष सौरभ दत्ता जयंत, प्रवक्ता लक्ष्मी यादव ओजस्विनी महासचिव अंजनी कुमार द्विवेदी विशेष रूप से इस कार्य में भागीदार होते हैं, अंजनी कुमार पेशे से प्रोफेसर हैं इसलिए बच्चों को शिक्षित करने में उनका समर्पण अधिक है और वो मुंबई की बस्तियों और बारीकियों से भली भांति परिचित हैं l मुंबई में हिंदी के आयोजन करने में यह संस्था अग्रणी है। राष्ट्रीय पर्व १५ अगस्त और २६ जनवरी को राष्ट्रीय गीत की प्रतियोगितात्मक कवि सम्मेलन का आयोजन कर विजेता कवियों का यथोचित सम्मान करती है। मासिक आयोजन के साथ प्रवासी कवियों का भी सम्मान समारोह आयोजित कर उनका भी सम्मान करने में संस्था अग्रणी है।और खास बात यह है कि हिन्दी के साथ मराठी,गुजराती,अवधी, भोजपुरी आदि भाषा भाषाई कवियों के आयोजन भी यह संस्था करती है इसके अलावा सारे देशभर में ऑनलाइन कार्यक्रम तो हर महीने करती है, करोना काल में संस्था ने ऑनलाइन जागरुकता अभियान भी चलाया था और देशभर के साहित्यकारों से घर बैठे ही सम्पर्क कायम किया था। और जिसको मदद को जरूरत थी उन कवियों की हर तरह से मदद भी की थी l
इसी सामाजिक कार्यों के कारण काव्य सृजन परिवार आज देश में अग्रणी है।जो समाज और साहित्य दोनों को प्रोत्साहित कर रही है और भविष्य में इस तरह के कार्यों की योजना है, जिसमें युवाओ को बड़ी संख्या में हिंदी साहित्य से जोड़ा जाएगा।विगत १३ वर्षों से संस्था अनवरत मासिक आयोजन के साथ साथ विशेष आयोजन उसी दिन के साथ करती है।जैसे अन्य आयोजन करती है। इन्हीं सब उपलब्धियों के कारण संस्था काव्य सृजन सबसे अलग और उत्तम है।इसके सदस्य और पदाधिकारी सभी बड़ी ही लग्न और मेहनत से काम करते हैं।इस संस्था के बारे में जितना लिखूं कम होगा।हम काव्य सृजन परिवार के उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं...
मुकेश" कबीर
गीतकार एवं व्यंग्यकार
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