Mumbai News: विपक्ष के साथ अन्याय कर रही है बीएमसी : अर्जुन सिंह
विकास निधि के असमान वितरण व पक्षपात को लेकर जताई नाराजगी
शिवपूजन पाण्डेय @ नया सवेरा
मुंबई। मुंबई कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अर्जुन सिंह ने बीएमसी प्रशासन के अधिकारियों पर विकास निधि के असमान वितरण व पक्षपात को लेकर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीएमसी की यह नीति विपक्ष के साथ सरासर अन्यायपूर्ण है। सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों को सांसद, विधायक एमएलसी को करोड़ों रुपए की विकास निधि दी जा रही है, जबकि विपक्ष के सांसद, विधायक जनप्रतिनिधियों को कुछ नहीं दिया जा रहा है। यह सौतेला व दोहरापन दुर्व्यवहार बीएमसी के अधिकारियों को शोभा नहीं देता।
सत्ता पक्ष का दबाव
उन्होंने कहा कि यह कहीं ना कहीं सत्ता पक्ष के दबाव में हो रहा है। अर्जुन सिंह ने आगे कहा कि बीएमसी प्रशासन ने चुनाव से पहले सत्ताधारी दलों के नेताओं के लिए विकास का खजाना खोल दिया है, जिससे उन्हें आगामी बीएमसी चुनाव में लाभ मिले। उन्होंने बताया कि बीएमसी के एक अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीजेपी के 15 विधायकों को कुल 262 करोड़ रुपए से अधिक की निधि दी गई है, जबकि शिंदे गुट के 6 विधायकों को 105 करोड़ रुपए मिले हैं। इसके अलावा मुंबई सत्ताधारी एमएलसी को 12 करोड़ रुपए और केंद्रीय मंत्री व उत्तर मुंबई के सांसद पीयूष गोयल को साढ़े 17 करोड़ रुपए का फंड आवंटित किया गया है।
विपक्ष के जनप्रतिनिधियों को क्यों नहीं आवंटित की गई निधि?
श्री सिंह ने सवाल उठाया कि आखिर विपक्ष के सांसद और विधायक अन्य जनप्रतिनिधि उद्धव गुट के 10, कांग्रेस के तीन और सपा के एक विधायक को अब तक कोई निधि आवंटित क्यों नहीं की गई है? इसके चलते जनता में भारी आक्रोश है। राजनीतिक समीक्षकों का मानना है कि बीएमसी द्वारा सत्ताधारी दलों को दिया गया भारी भरकम फंड चुनावी समीकरण को प्रभावित कर सकता है। श्री सिंह ने कहा कि जनप्रतिनिधि की नजर में चाहे पक्ष के मतदाता हों अथवा विपक्ष के, उनके लिए सभी एक समान हैं, इसलिए उसे सभी का समान रूप से कार्य करना चाहिए। सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ बीएमसी में कार्यरत अधिकारियों को यह शोभा नहीं देता। आने वाले चुनाव में जनता इस भेदभावपूर्ण व्यवहार का जवाब देगी।
महायुति सरकार के गठन के बाद से ही लग रहे आरोप
उन्होंने कहा कि जनता सब जानती है और सब देख रही है। गौरतलब हो कि राज्य में महायुति सरकार के गठन के बाद से ही विपक्ष लगातार बीएमसी पर भेदभाव रवैया अपनाने का आरोप लगाता रहा है। इस मामले में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।
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