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इनकॉन्टिनेंस के साथ जीना या इनकॉन्टिनेंस को अलविदा कहना?

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महिलाओं के लिए विशेष लाभप्रद लेख

मूत्र असंयम (Urinary Incontinence) क्या है?

मूत्र असंयम वह स्थिति है जिसमें व्यक्ति के नियंत्रण के बिना मूत्र का रिसाव हो जाता है।


स्ट्रेस इनकॉन्टिनेंस (Stress Incontinence) क्या है?

स्ट्रेस इनकॉन्टिनेंस का मतलब है — ज़रा-सा भी ज़ोर पड़ने पर, जैसे छींकने, खांसने, हंसने या झुकने पर, अनियंत्रित रूप से मूत्र का रिसाव होना।


भारत में स्ट्रेस इनकॉन्टिनेंस कितना आम है?

जनसंख्या अध्ययनों के अनुसार भारत की 10 प्रतिशत से 42 प्रतिशत महिलाएँ मूत्र असंयम से प्रभावित हैं।

लगभग हर तीन में से एक महिला को अपने जीवन के किसी न किसी चरण में स्ट्रेस यूरेनरी इनकॉन्टिनेंस (SUI) की समस्या होती है।


स्ट्रेस इनकॉन्टिनेंस के कारण क्या हैं?

मूत्रमार्ग (urethra) का सपोर्ट, ब्लैडर नेक (bladder neck) की कार्यप्रणाली और मूत्रमार्ग की मांसपेशियों की शक्ति — ये सभी सामान्य नियंत्रण के लिए आवश्यक हैं।

इन मांसपेशियों या तंत्रिकाओं को क्षति पहुंचने से नियंत्रण प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा, ब्लैडर नेक के सामान्य बंद होने की प्रक्रिया में गड़बड़ी भी इनकॉन्टिनेंस का कारण बन सकती है।


स्ट्रेस इनकॉन्टिनेंस के अलावा अन्य प्रकार कौन से हैं?

अर्ज इनकॉन्टिनेंस (Urge Incontinence) – अचानक तेज़ पेशाब की इच्छा और तुरंत मूत्र का रिसाव होना।


मिक्स्ड इनकॉन्टिनेंस (Mixed Incontinence) – जब स्ट्रेस और अर्ज दोनों लक्षण एक साथ हों।


नॉक्टर्नल एन्यूरिसिस (Nocturnal Enuresis) क्या है?

नींद में अनजाने में मूत्र का रिसाव होना — इसे नॉक्टर्नल एन्यूरिसिस कहा जाता है।


ओवरएक्टिव ब्लैडर (Overactive Bladder) क्या है?

ओवरएक्टिव ब्लैडर (OAB) सिंड्रोम में पेशाब की बार-बार इच्छा, रात में बार-बार पेशाब आना (Nocturia), और कभी-कभी मूत्र का रिसाव होता है — जबकि यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) या कोई अन्य स्पष्ट कारण नहीं होता।


क्या स्ट्रेस इनकॉन्टिनेंस को रोका जा सकता है?

हाँ, रोकथाम इलाज से बेहतर है।


जीवनशैली में सुधार करें


फाइबरयुक्त आहार लें


धूम्रपान छोड़ें


वजन नियंत्रित रखें


कैफीन, कोल्ड ड्रिंक और शराब का सेवन सीमित करें


केगल एक्सरसाइज (Kegel Exercises) करें — जो पेल्विक फ्लोर और मूत्र नियंत्रण की मांसपेशियों को मजबूत बनाती हैं।


स्ट्रेस इनकॉन्टिनेंस के लक्षण क्या हैं?

मुख्य लक्षण है — किसी शारीरिक गतिविधि (जैसे खांसना, हंसना, दौड़ना, वजन उठाना) के दौरान मूत्र का रिसाव होना।


कब डॉक्टर या यूरोलॉजिस्ट से मिलना चाहिए?

यदि मूत्र रिसाव के कारण शर्मिंदगी महसूस हो,

या डायपर का उपयोग करना पड़े,

या आप अपने सामान्य कार्यों से बचने लगें —

तो तुरंत यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करें।


यूरोलॉजिस्ट की भूमिका क्या होती है?

यूरोलॉजिस्ट आपकी समस्या को इतिहास, जांच और रिपोर्ट्स के आधार पर समझते हैं।

वे ज़रूरत पड़ने पर Voiding diary, Uroflowmetry, Urodynamics जैसी जाँचें कराते हैं ताकि सही उपचार तय किया जा सके।


क्या यह उम्र और लिंग से जुड़ी समस्या है?

हाँ।

महिलाओं में स्ट्रेस इनकॉन्टिनेंस पुरुषों की तुलना में दो गुना ज़्यादा होता है।

गर्भावस्था, प्रसव और रजोनिवृत्ति (Menopause) के दौरान पेल्विक मांसपेशियाँ कमजोर हो जाती हैं जिससे मूत्र रिसाव बढ़ जाता है।


स्ट्रेस इनकॉन्टिनेंस का निदान कैसे किया जाता है?

विस्तृत मेडिकल हिस्ट्री


शारीरिक जांच


स्ट्रेस टेस्ट (खांसने या ज़ोर डालने पर रिसाव देखना)


पेल्विक और न्यूरोलॉजिकल जांच


मूत्र परीक्षण, रक्त परीक्षण


आवश्यकता अनुसार सोनोग्राफी, सिस्टोस्कोपी, या युरोडायनामिक अध्ययन किया जाता है।


क्या स्ट्रेस इनकॉन्टिनेंस ठीक हो सकता है?

हाँ।

उपचार से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है या इसके प्रभावों को बहुत हद तक कम किया जा सकता है।


यदि इसका इलाज न किया जाए तो क्या जटिलताएँ हो सकती हैं?

त्वचा की समस्याएँ: लगातार गीलापन रहने से रैश या इंफेक्शन


यूटीआई: बार-बार पेशाब संक्रमण


मानसिक तनाव: शर्मिंदगी, आत्मविश्वास में कमी, सामाजिक दूरी, और संबंधों में तनाव


क्या दवाओं या ध्यान (Meditation) से इसका इलाज संभव है?

दवाएँ सहायक होती हैं, पर मुख्य उपचार नहीं।

यह अक्सर व्यवहारिक थेरेपी, व्यायाम और कभी-कभी सर्जरी के साथ दी जाती हैं।


क्या पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज मदद करती हैं?

हाँ, यह स्ट्रेस इनकॉन्टिनेंस का पहला और सबसे प्रभावी इलाज है।

विशेष रूप से प्रसव के बाद की महिलाओं में यह मांसपेशियों को पुनर्जीवित करती है।


सर्जरी कब करानी चाहिए?

जब दवाओं और केगल एक्सरसाइज से सुधार न हो,

और मूत्र का रिसाव बहुत अधिक हो या डायपर की आवश्यकता पड़े —

तब सर्जरी पर विचार किया जाता है।


सर्जरी के विकल्प कौन से हैं?

कोल्पोसस्पेंशन (Colposuspension)


स्लिंग सर्जरी (Sling Surgery)


वेजाइनल मेष सर्जरी (Tape Surgery)


यूरेथ्रल बल्किंग एजेंट्स


आर्टिफिशियल यूरेनरी स्फिंक्टर


स्लिंग सर्जरी क्या होती है?

इसमें मूत्रमार्ग के नीचे एक पट्टी (स्लिंग) लगाई जाती है जो उसे सहारा देती है, ताकि मूत्रमार्ग नीचे न खिसके और रिसाव न हो। यह एक “झूले” की तरह सहारा देती है।


समाज और महिलाओं के लिए संदेश

इनकॉन्टिनेंस को टाला नहीं जा सकता, पर देर करना टाला जा सकता है।

समय रहते समझें, जागरूक बनें, और इलाज करवाएँ।

महिलाएँ अक्सर चुपचाप सहती हैं —

पर बदलाव आप ही ला सकती हैं!

अपने यूरेनरी हेल्थ को प्राथमिकता दें।


डॉ. संजय पांडे

कंसल्टेंट रोबोटिक रिकंस्ट्रक्टिव यूरोलॉजिस्ट,

कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल, मुंबई


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