Jaunpur News: भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को एकतरफा युद्ध विराम के लिये मजबूर किया: कर्नल राज बहादुर
सैन्य इतिहास में रेजांगला की जंग स्वर्णाक्षरों में अंकित है: डा. यदुवंशी
भारत माता के सच्चे सपूत थे रेजांगला जंग के सैनिक: दिनेश फौजी
नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। भूतपूर्व सैनिक कल्याण समिति द्वारा सैनिक कल्याण कार्यालय जौनपुर में 1962 के रेजांगला के शहीदों की याद में शौर्य दिवस समारोह मनाया गया। समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि कर्नल राज बहादुर सिंह ने कहा कि रेजांगला की लड़ाई दुनिया की अनूठी लड़ाई थी जहां 13 कुमाऊं की चार्ली कम्पनी जिसे अहीर कंपनी भी कहा जाता था। इसके 120 जवानों ने न सिर्फ चीनी सेना के सैलाब को रोका, बल्कि चीनी सेना को एकतरफा युद्ध विराम की घोषणा करने के लिए मजबूर कर दिया। वह भी उस स्थिति में जब भारतीय सेना के पास हथियारों की कमी थी जिसे अंग्रेज छोड़ गए थे जबकि चीनी सेना के पास अत्याधुनिक हथियार थे, इसलिए हम आज उस वीर जवानों को नमन करते हैं। इन्होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना बलिदान दे दिया लेकिन दुश्मनों के आगे पीठ नहीं दिखाया।
बतौर विशिष्ट अतिथि प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ ब्रजेश यदुवंशी ने कहा कि रेजांगला की जंग भारतीय सैनिकों के अदम्य साहस और पराक्रम की ऐसी मिसाल है जो दुनिया के सैन्य इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है। इसी क्रम में भूतपूर्व सैनिक कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश यादव फौजी ने कहा कि रेजांगला युद्ध में 120 जवान शामिल हुए थे जिसमें 114 जवान लड़ाई के दौरान शहीद हो गये थे। इस लड़ाई में सभी जवान भारत माता के सच्चे सपूत थे। जिसने अपनी धरती की रक्षा के लिए अपनी शहादत दी लेकिन पीठ नहीं दिखायी। गोला बारूद खत्म होने के बाद भी बहादुरी से भारतीय सैनिकों ने यह लड़ाई लड़ी थी।
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अन्य वक्ताओं ने कहा कि रेजांगना की लड़ाई के बारे में हम इतिहास के पन्नों में पढ़ते हैं जिसमें लड़ाई लड़ते-लड़ते भारतीय सेना के पास गोला बारूद भी समाप्त हो गए थे लेकिन रेजांगला के वीरों ने अपने कुशल युद्ध नीति से चीनी सैनिकों को अपने जाल में फंसाया और छुरी चाकू व ईंट पत्थर से मार-मार कर परास्त कर दिया। वहीं शहीद जिलाजीत यादव की पत्नी वीर वधू पूनम यादव, लक्ष्मी यादव, ओम प्रकाश राजभर, कर्नल राज बहादुर सिंह, प्रख्यात साहित्यकार डॉ ब्रजेश यदुवंशी, असलम को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर पूर्व सैनिक रामधारी पाल, ओम प्रकाश राजभर, उमाशंकर यादव, आशीष यादव, विजय बहादुर यादव, शिवशंकर यादव, कृष्ण प्रसाद, बृजेश यादव, कमलेश यादव, मुन्ना लाल, त्रिभुवन यादव, श्यामा चरण यादव सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

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