Bareilly News: विभीषण शरणागत, अंगद रावण संवाद, कुंभकरण वध की लीला का मंचन
निर्भय सक्सेना
बरेली। चौधरी मोहल्ला बरेली के तत्वावधान में श्री रामलीला मैदान बड़े बाग में विभीषण शरणागत, विभीषण आभिषेक, अंगद रावण संवाद, लक्ष्मण शक्ति, कुंभकरण वध की लीला का मंचन किया गया। श्री रानी महालक्ष्मी बाई रामलीला समिति (रजि) की 458 वर्ष पुरानी रामलीला में हनुमान जी द्वारा लंका दहन के पश्चात रावण ने अपने दरबार में समस्त मंत्रियों द्वारा परामर्श हेतु एक सभा बुलाई। सभा में रावण द्वारा हनुमान द्वारा लंका विध्वंस के पश्चात अपने समस्त मंत्रियों से सुझाव मांगे।
सभा में उपस्थित रावण के अनुज विभीषण ने रावण को समझाने का प्रयास किया कि हे भ्राता श्री राम कोई साधारण मानव नहीं है। वह स्वयं नारायण का अवतार है क्योंकि उन्होंने अपने समान का वध कर दिया। ऐसा कोई साधारण मानव नहीं कर सकता। उन्हीं का एक साधारण दूत हनुमान सीता जी का पता लगाने के लिए आया और लंका को जलाकर चला गया। जब उनका एक सेवक लंका में इतना विध्वंस करके चला गया तो आप अनुमान लगाए की संपूर्ण सेना कितना विध्वंस कर सकती है। मैं आपके और आपकी प्रजा के हित में आपको परामर्श देता हूं कि आप सीता को राम के पास पहुंच कर उनसे क्षमा याचना कर लो।
वह करुणा निदान है। आपको क्षमा कर देंगे। इस पर रावण क्रोधित होकर विभीषण को लात मार कर लंका से निष्कासित कर देता है। विभीषण अपने मंत्री के साथ आकाश मार्ग से श्री राम की शरण में चले गए। विभीषण के शरणागत होने पर श्री राम ने उनका आभिषेक किया। उसके पश्चात भगवान श्री राम ने लंका जाने हेतु एक सेतु का निर्माण कराया। भगवान राम ने एक बैठक कर निर्णय लिया कि एक बार युद्ध टाला जाए। इसीलिए सर्वसम्मति से अंगद को रावण के पास शांति दूत बनाकर भेजा गया। अंगद ने रावण को समझने का प्रयास किया परंतु रावण उसकी बात मानने को भी तैयार नहीं हुआ। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष पं. रामगोपाल मिश्रा, हरीश शुक्ल, घनश्याम मिश्रा, प्रदीप बाजपेयी, विजय मिश्रा, नीरज शुक्ला, शिव नारायण दीक्षित, श्रेयांश बाजपेई, धीरेंद्र शुक्ल, आदित्य शुक्ला, शशिकांत गौतम, यश चौधरी, आकाश गंगवार, विनोद राजपूत, समर्थ गौतम, प्रतीक अरोड़ा आदि उपस्थित रहे।


