Bareilly News: अपने अंदर भगत सिंह को जिन्दा रखें : मिश्रा
डा. वीरेंद्र कुमार को दिया भगत सिंह सम्मान
निर्भय सक्सेना
बरेली। अखिल भारतीय साहित्य परिषद बृज प्रांत एवं मानव सेवा क्लब के तत्वावधान में मॉडल टाउन स्थित शहीद भगत सिंह पार्क में सरदार भगत सिंह की 118 वीं जयंती पर हुए समारोह में कार्यक्रम के अध्यक्ष साहित्यकार सुरेश बाबू मिश्रा ने कहा कि देश के हर व्यक्ति को अपने अंदर भगत सिंह को जिंदा रखना जरूरी है तभी देश की रक्षा हो सकती है। मानव सेवा क्लब के कार्यक्रम में देशप्रेम, देशभक्ति को अपने अंदर जिंदा रखने वाले समाज के जागरूक प्रहरी डा. वीरेन्द्र कुमार को भगत सिंह स्मृति सम्मान से भी नवाज़ा गया। मानव सेवा क्लब के अध्यक्ष सुरेन्द्र बीनू सिन्हा ने कहा कि भगत सिंह ने मात्र 24 वर्ष में देश के लिए वह काम किया जो भुलाया नहीं जा सकता। विशिष्ट अतिथि वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि भगत सिंह जैसा बड़ा दार्शनिक और वीर योद्धा आज तक पैदा नहीं हुआ। विशिष्ट अतिथि इं .ए. एल.गुप्ता ने कहा कि एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाए जिसमें सरकार से भगत सिंह को भारत रत्न मिलने की मांग होनी चाहिए।
समारोह का प्रारंभ देशभक्ति के गीत से प्रकाश चंद्र सक्सेना ने किया। सभी का आभार महासचिव प्रदीप माधवार ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में सुनील कुमार शर्मा, मुकेश सक्सेना, प्रकाश चंद्र, निर्भय सक्सेना, अंगन लाल, डॉ.अखिलेश गुप्ता, एस.के.कपूर, सुधीर मोहन, गंगा राम पाल, राजेश कुमार, रवि प्रकाश शर्मा, रीतेश साहनी, सुभाष कथूरिया आदि अनेक लोग उपस्थित रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद ब्रज प्रान्त बरेली के तत्वावधान में शहीदे आजम भगत सिंह की जयन्ती पर "देश की आजादी में भगत सिंह का योगदान" विषयक गोष्ठी हुई। गोष्ठी से पूर्व भगत सिंह पार्क में लगी शहीदे आजम भगत सिंह की प्रतिमा पर गोष्ठी में मौजूूद सभी लोगो ने माल्यार्पण कर एवं पुष्प अर्पित कर भारत माता के इस सच्चे सपूत का भावपूर्ण स्मरण किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नेत्र विशेषज्ञ डाॅ महेंद्र सिंह वासु ने कहा कि सरदार भगतसिंह ने देश की आजादी में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । उन्होंने अपना जीवन देश के लिए कुर्बान कर दिया। यह देश और समाज सदैव उनका ऋणी रहेगा। अध्यक्षीय उद्बोधन में डाॅ सुरेश बाबू मिश्र ने कहा कि भगत सिंह एक प्रखर क्रांतिकारी थे । मात्र 24 बर्ष की आयु में देश की आजादी के लिए हंसते - हंसते फांसी के फंदे पर झूल गए। हमारे देश के युवाओं को भगत सिंह के बलिदान और आदर्शों से प्रेरणा लेनी चाहिए। गोष्ठी में सुभाष कथूरिया, सरदार गुरुमीत सिंह, सुरेन्द्र वीनू सिन्हा निर्भय सक्सेना, प्रदीप सक्सेना ने भी विचार ब्यक्त किए। डाॅ व्रजेश कुमार शर्मा, एस के कपूर हंस, विमलेश दीक्षित, राधेश्याम शर्मा, ए के जैन , डाॅ अखिलेश कुमार गुप्ता, गंगाराम पाल, रितेश साहनी, प्रमोद मिश्रा ने काव्य पाठ के द्वारा भगत सिंह के द्वारा आजादी के लिए वलिदानों की सराहना की। संचालन सरदार गुरविंदर ने किया। इस अवसर पर धीरज सेठी, डाॅ अजय कक्कर, हरमीत सिंह हनी, जसमीत सिंह जुनेजा, मनोज सेठी, हरजिंदर सिंह मामे, मनमोहन सिंह बख्शी, बी आर ओबराय, राधेश्याम, निरंकार ओबराय, आर एन भाटिया, गुरुमीत सिंह मनचंदा, ओम प्रकाश अरोरा, प्रीति पाल सिंह छाबरा, पी पी सिंह एडवोकेट मौजूद रहे।
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