Jaunpur News: सत्संग कर्मों की मैल को धोता है: पंकज महराज
तरूण चौबे/राकेश शर्मा @ नया सवेरा
सुजानगंज, जौनपुर। जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था मथुरा के राष्ट्रीयय अध्यक्ष संत पंकज जी महाराज का वर्तमान में जौनपुर में सत्संग भ्रमण चल रहा है। शाकाहार-सदाचार जनजागरण यात्रा अपने यात्रा के 85वें पड़ाव पर कपूरपुर गांव पहुंची जहां भाई-बहनों व बच्चों ने उल्लासपूर्ण स्वागत किया। इस दौरान महाराज जी ने कहा कि प्रेमी भाई-बहनों! यह सत्संग है। कोई कथा कीर्तन नहीं। सत्संग कर्मों की मैल को धोता है। सत्संग से विवेक की जागृति होती है। सत्संग में जीव के निजघर जाने की राह का बोध होता है।
सत्संग खान-पान सुधारता है। सत्संग से ही समाज में यश कीर्ति की प्राप्ति होती है। मानस भी प्रमाण देती है कि मति-कीरत, गति भूत, भलाई, जो जेंहि जतन जहां लगि पाई, सोइ जानेउ सत्संग प्रभाउ। लोकहुं वेद न आन उपाऊ।।’ इसलिये आप लोग सत्संग के एक-एक वचन को ध्यान से सुनो। हमारा आपका यह मनुश्य शरीर एक किराये का मकान है। समय पूरा होते ही यह मकान खाली करा लिया जायेगा। जीवात्मा के निकलते ही ये प्रधानी-सरपंची, ये मान-प्रतिष्ठा, जाति-बिरादरी, शान ओ शौकत यहीं शमशान घाट पर समाप्त हो जायेगी।
यह भी पढ़ें | Jaunpur News: छात्राओं को दी गयी ग्रीन पटाखों की सौगात
एक रात भी कोई अपने घर पर आपको रखने को तैयार नहीं होगा। अब आप सोचो-आपकी जीवात्मा का क्या होगा? इसको धर्मराज के दरबार में पेश कर दिया जायेगा। आपके अच्छे-बुरे कर्मों के हिसाब से इसको स्वर्ग-बैकुण्ठ या फिर नर्कों की सजा सुना दी जायेगी। वहां कौन आपकी मदद करेगा। हमारे गुरु महाराज परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज कहते थे कि मैं महात्मा नहीं हूँ, मैं तो आपका सेवक हूँ। मौत के वक्त घनघोर पीड़ा में जब आपके इश्ट और देवी-देवता पुकारने पर आपकी मदद में न आवें उस समय पर टूटती स्वांस पर आप जयगुरुदेव बोलना। जब आप जयगुरुदेव नाम बोलोगे तो मैं आपको मिलूंगा और मौत की पीड़ा ‘‘जन्मत मरत दुसह दुख होई’’ से बचाऊँगा।
मैं उन्हीं का सन्देष लेकर आया हूँ। महाराज जी ने नशा त्याग करने तथा शाकाहार अपनाने की अपील करते हुये कहा कि ये नवयुवक आपकी पूंजी हैं, देश की धरोहर हैं। इनके खानपान को सुधारना हमारा आपका दायित्व है तभी एक अच्छा समाज बनेगा। इस अवसर पर ऋषिदेव श्रीवास्तव, आयोजक वीरेन्द्र मौर्य, ग्राम प्रधान अजय यादव, सत्यम यादव, अच्छे लाल पाल, जंग बहादुर, सीतापुर सहयोगी संगत से रमाकान्त, देशराज, रमेश, अशोक मौर्य, कामता प्रसाद आदि उपस्थित रहे। धर्म यात्रा अगले पड़ाव हेतु ग्राम पराहित के लिये प्रस्थान कर गई।


,%20%E0%A4%A8%E0%A4%88%E0%A4%97%E0%A4%82%E0%A4%9C%20%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B9%E0%A4%BE,%20%E0%A4%9C%E0%A5%8C%E0%A4%A8%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0%20%20%E0%A4%AB%E0%A5%8B%E0%A4%A8%20%E0%A4%A80%207355%20358194,%2005452-356555.jpg)