मानसिक स्वास्थ्य–हर व्यक्ति का अधिकार
डॉ. ममता सिंह @ नया सवेरा
हर वर्ष 10 अक्टूबर को World Mental Health Day मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम है — “Access to Services – Mental Health in Catastrophes and Emergencies” (सेवाओं की उपलब्धता – आपदाओं और आपात स्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य)। यह थीम हमें याद दिलाती है कि संकट के समय मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच कितनी ज़रूरी होती है।
आपदा या आपात स्थिति में लोग न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी गहरा प्रभाव झेलते हैं। डर, तनाव और चिंता उनके मनोबल को तोड़ देते हैं। ऐसे में समय पर परामर्श और मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ उन्हें फिर से संभलने की ताकत देती हैं।
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मेरे विचार में मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ हर व्यक्ति का अधिकार हैं। विशेष रूप से बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और विशेष ज़रूरत वाले लोगों को आपदाओं के समय अतिरिक्त सहयोग की आवश्यकता होती है। यदि समाज में मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाए तो हम किसी भी संकट से और मज़बूती से उभर सकते हैं।
इस अवसर पर विभिन्न संस्थानों द्वारा जागरूकता कार्यक्रम, परामर्श शिविर और संवाद सत्र आयोजित किए जाने चाहिए जिनका उद्देश्य लोगों में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को समझाना और मदद लेने में झिझक को दूर करना सुनिश्चित होगा।
✨ मेरा मानना है —
“हर संकट के बाद एक नया सवेरा आता है। अगर मन को समय पर समझ, सहयोग और सेवा मिले तो कोई भी मुश्किल पार की जा सकती है।”
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