Jaunpur News: शासनादेश के निरस्तीकरण की मांग
नया सवेरा नेटवर्क
सरायख्वाजा, जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के स्ववित्तपोषित योजना के तहत कार्यरत संविदा शिक्षकों ने परिसर शिक्षक संघर्ष समिति के बैनर तले उत्तर प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव को ई—मेल द्वारा एक मांग पत्र प्रेषित किया। यह मांग पत्र शासनादेश के तत्काल निरस्तीकरण की मांग को लेकर भेजा गया है। शिक्षकों का आरोप है कि ये शासनादेश इलाहाबाद उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों का उल्लंघन करते हैं। परिसर शिक्षक संघर्ष समिति के प्रतिनिधि डॉ. अनुराग मिश्र ने कहा कि उक्त शासनादेश न केवल न्यायालयों के निर्णयों का उल्लंघन करते हैं, बल्कि संविधान के अनुच्छेद 14, 16, 19(1)(g) और 21 के तहत प्रदत्त मौलिक अधिकारों का भी हनन करते हैं।
ये शासनादेश विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के बीच असमानता पैदा करते हैं जो संवैधानिक सिद्धांतों के विरुद्ध है। शिक्षकों ने मांग किया कि शासन तत्काल इन शासनादेशों को रद्द करें और शिक्षकों को यूजीसी वेतनमान के साथ सेवा स्थिरता प्रदान करें, अन्यथा हम विधिक कार्रवाई के लिए बाध्य होंगे।" शिक्षकों ने मांग किया कि दोनों शासनादेशों को तत्काल रद्द किया जाय। स्ववित्तपोषित योजना के शिक्षकों को यूजीसी द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतनमान प्रदान किया जाय। उनकी सेवा को अधिवर्षता आयु तक सुरक्षित किया जाय। प्रभावित शिक्षकों के साथ परामर्श कर समान और विधिक नीति बनाई जाय तथा विश्वविद्यालय के स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों की छात्र संख्या, परीक्षा परिणाम, उपादेयता और नियमितीकरण की संभावनाओं की शासन स्तर पर जांच की जाय। शिक्षकों ने शासन से तत्काल हस्तक्षेप और मांगों के अनुपालन की अपेक्षा किया है। इस आशय की जानकारी डॉ. अनुराग मिश्र प्रतिनिधि सदस्य परिसर शिक्षक संघर्ष समिति पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर ने दी है।

