Bareilly News: भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान को कृषि और संबद्ध क्षेत्रों की श्रेणी में मिली पांचवीं रैंक
निर्भय सक्सेना @ नया सवेरा
बरेली । भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान को कृषि और संबद्ध क्षेत्रों की श्रेणी में पांचवीं रैंक मिली है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एन आई आर एफ) इंडिया रेंकिंग 2025 की घोषणा की जिसमें राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) इंडिया रैंकिंग 2025 में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों की श्रेणी में पांचवीं रैंक हासिल की है। यह रैंकिंग भारत में उच्च शिक्षण संस्थानों को रैंक करने के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा अपनाई गई एक पद्धति है।
इस अवसर पर भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के निदेशक एवं कुलपति डॉ. त्रिवेणी दत्त ने कहा कि यह उपलब्धि संस्थान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि इससे पशु चिकित्सा के क्षेत्र में छात्रों की रुचि बढ़ेगी और भविष्य में संस्थान कई और नए पाठ्यक्रम शुरू करेगा।
यह भी पढ़ें | Lucknow News: परिवहन विभाग ने प्रदेश को दी नई उड़ान
संयुक्त निदेशक शैक्षणिक डॉ एस के मेंदीरत्ता ने बताया की इस रेंकिंग से आईवीआरआई में अच्छी मेरिट वाले छात्र एड्मिशन लेंगे तथा वर्तमान में जो छात्र/छात्राएँ पड़ रहे हैं उनको उच्च संस्थान में प्लेसमेंट में फायदा होगा ।
एन आई आर एफ रैंकिंग (राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क) शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी की जाती है और संस्थानों को पाँच मुख्य मापदंडों पर रैंक करती है: टीचिंग, लर्निंग और रिसोर्स (30% वेटेज); रिसर्च और प्रोफेशनल प्रैक्टिस (30% वेटेज); ग्रेजुएशन आउटकम (20% वेटेज); आउटरीच और समावेशिता (10% वेटेज); और धारणा (10% वेटेज)। यह रैंकिंग छात्रों को विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थानों के प्रदर्शन को समझने में मदद करती है ।
हाल ही में आईसीएआर-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आई वी आर आई) ने विभिन्न डिग्री कार्यक्रम प्रारंभ किए हैं, जिनमें एमवीएससी (वेटरिनरी एनाटॉमी), बी.टेक. (बायोटेक्नोलॉजी), एमबीए (एग्रीबिजनेस मैनेजमेंट) तथा एम.एससी. (बायोइन्फॉर्मेटिक्स) शामिल हैं। इज्जतनगर स्थित मुख्य परिसर के अतिरिक्त आई सी ए आर- आई वी आर आई के 02 परिसर तथा 03 क्षेत्रीय केंद्र संचालित हैं। वर्तमान में संस्थान में कुल 1035 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। आईवीआरआई के पूर्व छात्र भारत तथा विदेशों में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं, जिनमें कुलपति, निदेशक, अधिष्ठाता, एडीजी तथा शिक्षक/शोधकर्ता के रूप में उनकी उल्लेखनीय सेवाएँ शामिल हैं।