पवित्र अमरनाथ यात्रा में इस बार मात्र 4.10 लोग ही बाबा बर्फानी के दर्शन कर सके






निर्भय सक्सेना @ नया सवेरा 

बरेली। इस वर्ष 2025 में 3 जुलाई से शुरू हुई 38 दिवसीय बाबा बर्फानी की पवित्र अमरनाथ यात्रा 3 अगस्त 2025 को खराब मौसम से मार्ग टूट जाने से स्थगित हो गई थी। 38 दिवसीय पवित्र अमरनाथ यात्रा इस बार एक माह में भी रुक रुक कर चली थी। इस बार मात्र 4.10 लोग ही बाबा बर्फानी के दर्शन कर सके। जलवायु परिवर्तन के चलते इस बार भी एक सप्ताह बाद ही बाबा बर्फानी गुफा में अंतर्ध्यान हो गए थे। अलबत्ता 9 अगस्त 2025 को छड़ी पूजन के बाद ही बाबा बर्फानी के कपाट भी बंद हो गए थे। अमरनाथ में बाबा बर्फानी की तीर्थ यात्रा में बीते वर्ष 2024 में लगभग 5.10 भक्तों ने दर्शन किए थे।

बाबा बर्फानी की अमरनाथ यात्रा 9 अगस्त, 2025 को सफलतापूर्वक विश्राम हुई। इस वर्ष जुलाई 2025 में मेरा भी सौभाग्य रहा की मुझे अपने परिवारजनों एवं  कुछ मीडिया साथियों के साथ 15 जुलाई 2025 को लगातार चौथे वर्ष भी दोमेल तक जाने का अवसर मिला। अमरनाथ में बाबा बर्फानी की  पवित्र गुफा से 14 किलोमीटर पूर्व में ही 19 वर्ष से चल रहे श्री शिव शक्ति मानव सेवा समिति, बदायूं के संजय पाराशरी एवं तुषार पाराशरी जी के भंडारे में ही 15 से 17 जुलाई 2025 तीन दिन रुकना पड़ा। बालटाल के दोमेल ही भारी वर्षा एवं यात्रा के मार्ग में लैंड स्लाइड के कारण इस बार बाबा बर्फानी के दर्शन का अवसर नहीं मिल सका। जो मीडिया साथी 16 जुलाई को बालटाल से यात्रा पर  गए वह भी परेशान होकर दूसरे दिन 17 जुलाई को ही वापस आ सके। वह भी वर्षा के बीच रास्ते सेना के कैंप में रात में रुके। इस बार  श्रद्धालुओं, लंगर मालिकों और स्थानीय लोगों ने बालटाल मार्ग के निर्बाध प्रबंधन के लिए राज्यपाल मनोज सिन्हा, उनके प्रशासन, सीमा सड़क संगठन की 122 सड़क निर्माण कंपनी, गांदरबल प्रशासन और पुलिस के प्रयासों की सराहना की। इस बार अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई 2025 को शुरू हुई थी। बाबा बर्फानी की 38 दिवसीय तीर्थयात्रा में देश विदेश से हजारों भोले भक्त जम्मू कश्मीर के अमरनाथ में 1380 मीटर की ऊँचाई पर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा में प्राकृतिक रूप से निर्मित बर्फ के शिवलिंग के दर्शन करने इस बार भी आए थे और 4.10 लाख भक्तों को ही पवित्र गुफा तक आने का अवसर मिला।


स्मरण रहे पिछली बार अमरनाथ में 19 अगस्त 2024 रक्षाबंधन पर गुफा में छड़ी  मुबारक की भद्राकाल समाप्ति के बाद हुई पूजा के उपरांत  यात्रा को अगले वर्ष 2025 तक के लिए विश्राम दिया गया था। पिछली बार 29 जून 2024 से शुरू पवित्र गुफा की यात्रा के बाद 16 अगस्त 2024 तक लगभग 5.10 लाख से अधिक भोले भक्तो ने किए दर्शन  किए थे।

मीडिया के सूत्रों से प्राप्त जानकारी  के अनुसार बीते वर्ष 2024 में 5 लाख 10 हजार से अधिक भोले भक्तो ने अमरनाथ की  पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन किए। बाबा बर्फानी की गुफा में आज भी वर्ष 2012 में सर्वाधिक 6 लाख 35 हजार भक्तो के बाबा  बर्फानी की गुफा में दर्शन का रिकाॅर्ड अभी भी कायम है।मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2008 में 5 लाख 33 हजार भक्त पवित्र गुफा में दर्शन को आए थे। वर्ष 2012 में सर्वाधिक 6 लाख 35 हजार भक्तो ने बाबा  बर्फानी की गुफा में दर्शन का रिकाॅर्ड बनाया था। वर्ष 2011 में 6 लाख 21 हजार भक्तो ने बाबा अमरनाथ यात्रा की। वर्ष 2004 में चार लाख, 2005 में 3 लाख 88 हजार, 2006 में 3 लाख 47 हजार, 2007 में 2 लाख 96 हजार, 2009 में 3 लाख 81 हजार, 2010 में 4 लाख 55 हजार, 2013 में 3 लाख 54 हजार, 2014 में 3 लाख 72 हजार, 2015 में 3 लाख 52 हजार, 2016 में 2 लाख 21 हजार, 2017 में 2 लाख 60 हजार, 2018 में 2 लाख 85 हजार, 2019 में 3 लाख 43 हजार, 2020 में 3 लाख 4 हजार और 2023 में 4 लाख 50 हजार, 2024 में 5.10 लाख एवं इस बार 2025 में 4.10 लाख भोलेभक्तो ने पवित्र गुफा में आकर  दर्शन लाभ पाया।  जो गत वर्ष से भी कम रहे।

जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में गांदरबल में  3880 मीटर ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के बाद दर्शन लाभ की भक्तो में ऐसी होड रहती है कि हर कोई बाबा बर्फानी के दर्शन करना चाहता है।  इस बार भी बाबा बर्फानी शुरू के प्रथम सप्ताह में ही अंतर्ध्यान की दिशा में बढ़ गए थे। बाबा बर्फानी के अंतर्ध्यान होने पर भी भक्तो का जोश कम नहीं हुआ था।

बॉर्डर रोड ओर्गनाईजेशन ने मशीनों से पत्थर की कटाई कर सड़को की चौड़ाई भी काफी बढ़ा दी है। लोहे की रेलिंग भी लगाकर भक्तो की  सुरक्षा के काफी प्रयास किए गए हैं। इसी के चलते इस वर्ष यात्रा के मार्ग चौड़े होने से मार्ग में उड़ती धूल एवम गर्म मौसम से यात्री परेशान रहे। बाद में वर्षा से यात्रा बीच में भी रुक रुक कर चलती रही थी। बाद के दिनों में वर्षा होने से धूल भी कम हुई थी। अगले कुछ वर्षो में अमर नाथ में बालटाल से पवित्र गुफा तक टनल एवं रोप वे बनाने की भी केंद्र सरकार की योजना है । बालटाल से पंचतरणी तक इस वर्ष भी केवल सरकारी वाहन जाने की सूचना मिली । इस बार जम्मू से बालटाल यात्रा में श्यामा प्रसाद मुकर्जी टनल भी चालू मिली। जम्मू बालटाल मार्ग पर कुल पांच टनल पार की। जम्मू से काजी गुण्डम तक ट्रेन मार्ग भी पूरा होकर चिनाव नदी पुल पार कर श्रीनगर तक यात्री ट्रेन एवं मालगाड़ी भी प्रारंभ हो गई।                                                                                 इस बार अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई 2025 से शुरू हुई थी। अमरनाथ यात्रा में भक्त बोल बम का उदघोष  कर आगे बढ़े और अपने बर्फानी बाबा के दर्शन पाकर अपने को सौभाग्यशाली माना। बीते दिनों अमर नाथ तीर्थ यात्रा से पूर्व ही पहलगाम में आतंकी घटना हुई थी। केंद्र सरकार ने इसे गंभीरता से लिया और सिंधु जल संधि रद्द कर दीं। बाद में सेना ने आपरेशन सिंदूर कर पाकिस्तान को गहरा जख्म दे दिया।                                                             अमरनाथ तीर्थ यात्रा के दौरान जम्मू से बालटाल मार्ग पर आतंकी हमलों से बचाव को 80 हजार से अधिक सेना एवम अर्ध सैनिक इस बार तैनात किए गए थे। जम्मू के भगवती नगर एवम रेलवे स्टेशन के बाहर बने बेस कैंप में भोले भक्तों  को पत्रक की जांच के बाद उन्हें आगे की यात्रा औपचारिकताएं पूरी करने को अमरनाथ श्राइन बोर्ड के कर्मी उन्हें टोकन दे रहे थे। बालटाल में यात्रियों को कार्ड  देने वाले केंद्र पर इस बार तैनात कर्मियों के नियत समय पर कार्ड देने के लिए खिड़की नहीं खोलने की कारण कई यात्री उसी दिन की भोर की यात्रा से इस बार वंचित रह गए। यही कारण है की केंद्र की नरेंद्र मोदी  सरकार एवम जम्मू के राज्यपाल मनोज सिन्हा ने अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा का जमीन से आसमान तक का फूल प्रूफ घेरा इस बार भी तैयार करवा दिया था। अमरनाथ श्राइन बोर्ड के चेयरमैन मनोज सिन्हा की देखरेख में जम्मू में बना कंट्रोल कमांड सेंटर भी अमरनाथ तीर्थ यात्रा पर केमरो से नजर रखता रहा । जारी टोकन से हर भक्त की ट्रैकिंग अब आसान है । जगह जगह लगे होर्डिंग बैनर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवम राज्यपाल मनोज सिन्हा के फोटो के साथ अमरनाथ के भक्तो का स्वागत है। श्राइन बोर्ड ने इस बार भी बालटाल से डोमेल तक बैटरी चालित रिक्शा भी चलाई हैं पर उनकी संख्या कम रही। यही नहीं वर्ग विशेष के घोड़े वाले, पालकी वाले और पिट्ठू अमरनाथ यात्रियों को मनमाने रेट मांग कर परेशान नहीं करें। इसके लिए घोड़े वालों, पालकी वालो के लिए उनके बने कार्ड पर पूर्व बुकिंग अनिवार्य की गई है। वालटाल  या डोमेल से पवित्र गुफा के पास तक एवम उसी मार्ग से वापसी 4450 रुपए में आप घोड़े से कर सकते हैं। इसी तरह पालकी के रेट भी तय हैं। पर अभी भी घोड़े वालो का चक्रव्यूह भेदना सरकार के लिए आसान नहीं हो पा रहा है क्योंकि उन्हें स्थानीय पुलिस का भी पूरा संरक्षण मिलने से पर्ची कटने के बाद भी वह यात्रियों को पवित्र गुफा से दूर ही छोड़ रहे हैं और वहां पूर्व से खड़े पालकी = घोड़े वाले और अधिक पैसे की मांग करते हैं।     

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इस बार भी बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए अमरनाथ की यात्रा 2025 अपने दोनों आधार शिविरों मध्य कश्मीर के जिला गांदरबल में बालटाल मार्ग (14 किलोमीटर) एवम दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में नुनवान - पहलगाम के पंथ चौक ( 46 किलोमीटर ) मार्ग के बेस  कैम्प से शुरू हुई थी । जम्मू- कश्मीर में अमरनाथ की बाबा बर्फानी दर्शन यात्रा को लेकर बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स, इंडो तिब्बत बॉर्डर फोर्स, आदि अर्द्धसैनिक बलों की कंपनियों के जवान अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में तैनात रहे। सभी अर्धसैनिक कंपनियां भोले के भक्तो की सुरक्षित यात्रा के लिए  जम्मू कश्मीर प्रदेश में पहुंची थी, जिनको यात्रा से पूर्व ही तैनात भी कर दिया गया था। जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर अर्द्धसैनिक जवान यात्रियों की सुरक्षा में रहें। भारत में पहलगाम की दुखद घटना के बाद पाक को ऑपरेशन सिंदूर से मुंहतोड़ जवाब दे दिया था।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार एवम जम्मू के राज्यपाल मनोज सिन्हा ने सैनिक अधिकारियो के साथ पूर्व में ही बैठक कर ऐसा सुरक्षा तंत्र विकसित किया है कि जगह जगह पर अब सैनिकों की तैनाती से सीमापार की आतंकी साजिशें  सिर  उठाने की हिम्मत भी नहीं कर पाए । अमरनाथ की पवित्र गुफा, जो 3880 मीटर की ऊंचाई पर है, में बाबा बर्फानी प्रकट होते हैं। लाखों भक्त हर साल जून जुलाई के सावन माह में दक्षिण कश्मीर में पहलगाम  एवं बालटाल मार्ग  के वेस कैंप से श्री अमरनाथ तीर्थ के लिए जटिल पहाड़ों के माध्यम से भोलेनाथ के दर्शन करने इस पवित्र गुफा तक आते हैं। यहां भक्तो की देखभाल का प्रबंधन श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड (एस ए एस बी) द्वारा किया जाता है।                                         

  भक्तो के  2023 का 4.50 लाख दर्शन वाला पिछला रिकार्ड गत वर्ष अगस्त 2024 में ही 5.10 लाख भक्तो के दर्शन होने से टूट गया था। खराब मौसम एवं 3 जुलाई को देर से शुरू यात्रा 9 अगस्त को विश्राम हुई। इस बार 2025 में फिर श्रद्धालु घट कर 4.10 लाख ही रह गए।   उपजा प्रेस क्लब में 12 जुलाई  2025 को जिला पंचायत अध्यक्ष  रश्मि पटेल एवं उपजा प्रेस क्लब अध्यक्ष डॉ पवन सक्सेना, मुकेश तिवारी आदि ने अमरनाथ जा रहे मीडिया साथी पुत्तन सक्सेना, निर्भय सक्सेना, ललित कश्यप, अशोक शर्मा, विजय सिंह, महेश पटेल, विवेक मिश्रा, राजीव कपूर, किशोर कुमार, भगवान दास आदि का पुष्पहार, पटका देकर रवाना किया। यात्रा दल में अजय धुरिया, हेम चंद्र उप्रेती, जे के सक्सेना एडवोकेट, शुचि गुप्ता, श्रीमती मधुरिमा सक्सेना, श्रीमती अनीता सिन्हा भी शामिल थी । मानव सेवा क्लब अध्यक्ष सुरेन्द्र बीनू सिन्हा  ने भी वापसी पर 20 जुलाई को निर्भय सक्सेना, श्रीमती मधुरिमा सक्सेना, श्रीमती अनीता सिन्हा का स्वागत किया। यात्रा समाप्ति के बाद कटरा में जम्मू  कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा ने दोमेल में 19 वर्ष से भंडारा लगाने वाले श्री शिव शक्ति मानव सेवा समिति, बदायूं के संजय पाराशरी को सम्मानित भी किया। 

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