Poetry: पापा क्या आप
नया सवेरा नेटवर्क
पापा क्या आप
घर
की
पैतृक
ज़मीन के काग़ज पर
वारिस में
परदादा, दादा, पिता, चाचा, ताऊ
सभी का नाम मिल जाता है
नहीं मिलता है तो
परदादी, दादी, ताई, और माँ का नाम
वो
स्त्रियाँ
वंश- वृक्ष को जन्मती
आ रही हैं सदियों से
लेकिन उन्हें
शामिल नहीं किया जाता
वंश-वृक्ष में
पापा
क्या आप ये परंपरा
बदलोगे
दर्ज करोगे
वंशवृक्ष और वसीयत-नामा में
मेरा नाम !
वंदना
अहमदाबाद