Mumbai News: गोल्ड प्लेटेड चांदी की ज्वेलरी का बढ़ा प्रचलन: संजय शाह
नया सवेरा नेटवर्क
मुंबई। सोने की आसमान छूती कीमतों के बीच अब आम आदमी के लिए सोना यानी सफेद कीमती धातु चांदी भी अब महंगी होने लगी है। इस सफेद कीमती धातु में तेजी का दौर जोर पकड़ रहा है और यह जोरदार तेजी विश्व स्तर पर है। यह लगातार चौथा वर्ष है, जब सोने के साथ-साथ चांदी में भी तेजी आ रही है। पिछले तीन वर्षों में चांदी कीमतों में 31 फीसदी की तेजी दर्ज हुई है और इस साल अब तक 30 फीसदी का उछाल आ चुका है, जबकि पिछले तीन वर्षों में सोने की कीमतों में 46 फीसदी की बड़ी तेजी दर्ज हुई है और इस साल अब तक सोना 28 फीसदी महंगा हुआ है। वैश्विक बाजार में अब सोना 3350 डॉलर प्रति औंस तथा चांदी 39 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गयी है, जो विगत 14 वर्षों का नया उच्च स्तर है। हालांकि बुधवार को ऊंचे मूल्यों पर मुनाफा वसूली से चांदी कीमत 38 डॉलर पर आ गई। वैश्विक बाजार में तेजी के असर से भारतीय बाजार में सोना 98 हजार रुपये प्रति दस ग्राम तथा चांदी 1 लाख 13 हजार 650 रूपये प्रति किलोग्राम (टैक्स रहित) की नई ऊंचाई पर पहुंच गयी है। लेकिन अब सोने से अधिक चांदी में तेजी आने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है. इस तेजी का सबसे बड़ा कारण है मांग और आपूर्ति में बढ़ता अंतर।
ज्वेलमेकर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय शाह के मुताबिक विश्व स्तर पर सुरक्षित निवेश के लिए अब निवेशकों का रूझान चांदी की तरफ हो गया है क्योंकि पिछले वर्षों में सोने में बहुत ज्यादा तेजी आई है। जबकि चांदी में उतनी तेजी नहीं आई है। अब सोने की तेजी को ब्रेक लगने लगा है और चांदी में तेजी जोर पकड़ रही है। चांदी में निवेश मांग तो बढ़ ही रही है, लेकिन ज्यादा मांग ग्रीन एनर्जी इलेक्ट्रिकल व्हिकल तथा अन्य इंडस्ट्री से आ रही है। इसके विपरीत उत्पादन सीमित है। शाह ने बताया कि भारत में अब गोल्ड प्लेटेड सिल्वर ज्वेलरी का चलन बढ़ने लगा है, जो अति किफायती है। हमारा अनुमान है कि चौतरफा बढ़ती मांग के कारण अगले साल ग्लोबल मार्केट में कीमत 50 डॉलर और भारत में 1.50 लाख रुपये तक पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि आज के दौर में चांदी एक स्टाइल स्टेटमेंट बन चुकी है। यह तेजी से बढ़ती चांदी की मांग और पारंपरिक कारीगरी के बीच सेतु का कार्य करेगा। संजय शाह का कहना है कि चांदी भारतीय परंपरा का एक शुद्ध और भव्य प्रतीक रही है। चांदी को सम्मानित स्थान दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। हमारा उद्देश्य देश के प्रमुख सिल्वर में एक नए व्यवसायिक भारतीय परंपरा का अध्याय शुरू करना है। सप्लाई कम, डिमांड अधिक होने से बढ़ रही कीमत
यह भी पढ़ें | Jaunpur News: लोकतंत्र रक्षक बाबू राम का निधन, राजकीय सम्मान के निकली शव यात्रा
संजय शाह के मुताबिक चांदी में डिमांड बढ़ती जा रही है और उसकी तुलना में सप्लाई कम हो रही है। यह स्थिति पिछले 4 वर्षों से है। अब लगातार पांचवे वर्ष सप्लाई कम होती दिख रही है। मेटल फोकस वर्ल्ड सिल्वर सर्वे के मुताबिक, वर्ष 2025 में चांदी की वैश्विक मांग 35,716 टन और इसके सामने आपूर्ति 32,056 टन रहने का अनुमान है यानी सप्लाई में 3660 टन को कमी रहेगी। वर्ष 2024 में भी 4633 टन की शॉर्टज रही थी. दुनिया में जहां चांदी का उत्पादन कम हो रहा है, वहीं बढ़ते औद्योगिक उपयोग और निवेश मांग के कारण डिमांड बढ़ रही है। अमेरिका के टैरिफ वार, डॉलर की कमजोरी और बढ़ते वैश्विक तनाव से दुनिया में संस्थागत निवेशक सुरक्षित निवेश के लिए सोने के साथ चांदी में भी निवेश बढ़ा रहे हैं। साथ ही सोलर पावर, इलेक्ट्रॉनिक्स, ईवी जैसे उद्योग क्षेत्रों में चांदी का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। यही कारण है कि चांदी में तेजी आ रही है। संजय शाह ने कहा कि भारत में भी सोना अत्याधिक महंगा होने के कारण महिलाएं अब काफी कम लागत वाली 18 कैरेट गोल्ड प्लेटेड 92.5 सिल्वर ज्वेलरी का उपयोग करने लगी हैं, जो सोने के आभूषण जैसी दिखती हैं।
![]() |
विज्ञापन |