Jaunpur News: 22 कैरेट गोल्ड को जीरो कैरेट केस में 5 पर मुकदमा
सीजेएम कोर्ट दिया आदेश
नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। गोल्ड लोन के बारोवर से धोखाधड़ी, कूटरचना और जालसाजी के मामले में सीजेएम कोर्ट ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के पांच अधिकारियों और एक ज्वेलरी शॉप के प्रोपराइटर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। आरोप है कि बैंक के कब्जे में रहे बारोवर के 22 कैरेट सोने को बाद में 'जीरो कैरेट' बताकर लोन की वसूली कराई गई।
दवा कारोबारी वादी विक्रांत सिंह निवासी हुसैनाबाद ने अधिवक्ता प्रशांत उपाध्याय के माध्यम से कोर्ट को बताया कि वर्ष 2022 में उन्होंने यूनियन बैंक कजगांव शाखा से गोल्ड लोन लिया था। बैंक ने 22 कैरेट बताकर उनके गोल्ड को गिरवी रख 17 लाख रुपए का लोन स्वीकृत किया। गोल्ड की शुद्धता बैंक द्वारा नियुक्त अप्रेजर मनीष कुमार सेठ ने जांची थी और उसका प्रमाणपत्र भी दिया था।
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वादी के अनुसार, जनवरी 2023 में बैंक ने बिना सूचित किए पुनः एक और अप्रेजल राकेश कुमार, वंदना ज्वेलर्स वाराणसी से जांच कराई और गोल्ड को ‘जीरो कैरेट’ बता दिया। फिर वादी पर दबाव डालकर पूरा लोन ब्याज सहित 10 फरवरी को जमा करा लिया गया। इसके बावजूद वादी को न तो उसका गोल्ड वापस किया गया और न ही संतोषजनक उत्तर मिला। सीजेएम श्वेता यादव ने आदेश में लिखा कि यह अत्यंत आश्चर्यजनक है कि जो गोल्ड बैंक के पास बंधक के रूप में सुरक्षित रहा, वह अचानक 'शुद्धता रहित' कैसे हो गया? कोर्ट ने यह भी कहा कि जब बैंक में अप्रेजल की विधिक प्रक्रिया होती है, तो इतने बड़े स्तर पर धोखाधड़ी कैसे संभव हुई? संभव है कि गोल्ड की अदला-बदली हुई हो इसकी जांच जरूरी है।
कोर्ट ने वरिष्ठ शाखा प्रबंधक मुकेश कुमार, उप शाखा प्रबंधक राज गौरव सोनी, सीनियर मैनेजर भानु प्रताप सिंह, तत्कालीन शाखा प्रबंधक चेतना, मुख्य शाखा प्रबंधक मनीष कुमार एवं राकेश सेठ (प्रोपराइटर, वंदना ज्वेलर्स, वाराणसी) के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना का आदेश जफराबाद थानाध्यक्ष को दिया। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।