भारत के विदेशी मुद्रा भंडार ने बदला विश्व का सीन -हैरान हुआ पाकिस्तान व अमेरिका,देखता रह गया चीन! | Naya Sabera Network
पूरी दुनियाँ भारत की बढ़ती सुदृढ़ होती अर्थव्यवस्था व विदेशी मुद्रा भंडार से हैरान-स्वर्ण भंडार में भी बढ़ोतरी
वैश्विक स्तरपर भारतीय अर्थव्यवस्था विदेशीमुद्रा भंडारण स्पेस,रक्षा क्षेत्रों में तेज़ी से ज़बरदस्त उछाल के बावजूद वैश्विक,खुशहाली,गरीबी,भूख सूचकांकों में दयनीय स्थिति को रेखांकित करना ज़रूरी- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
नया सवेरा नेटवर्क
साथियों बात अगर हम आरबीआई द्वारा हाल ही में जारी आंकड़ों में विदेशी मुद्रा भंडार इस वर्ष 6.99 अरब डॉलर बढ़कर 692.72 अरब डालर होने की करें तो,जानकारी देते हुए कहा कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 23 मई को समाप्त सप्ताह में 6.99 अरब डॉलर बढ़कर 692.72 अरब डॉलर हो गया, इसके पहले 16 मई को समाप्त हुए सप्ताह में कुल विदेशी मुद्रा भंडार 4.89 अरब डॉलर घटकर 685.73अरब डॉलर रह गया था,सितंबर, 2024 के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार 704.88 अरब डॉलर के लाइफ टाइम हाई पर पहुंच गया था, इसका मतलब है कि भारत को अब विदेशी मुद्रा भंडार को एक नया रिकॉर्ड बनाने के लिए 12 अरब डॉलर से ज्यादा की जरुरत है।आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 23 मई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का एक प्रमुख हिस्सा फॉरेन करेंसी असेट्स 45.16 लाख डॉलर बढ़कर 586.17 अरब डॉलर हो गईं, वहीं दूसरी ओर गोल्ड रिजर्व 2.37 अरब डॉलर बढ़कर 83.58 अरब डॉलर हो गया, भारत का एसडीआर 8.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.57 अरब डॉलर हो गया,केंद्रीय बैंकके आंकड़ों के अनुसार,आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास भारत का आरक्षित भंडार भी तीन करोड़ डॉलर बढ़कर 4.40 अरब डॉलर हो गया।पाक के फॉरेक्स रिजर्व में मामूली बढ़ोतरी चीन मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि स्टेट बैंक ऑफ पाक़ (एसबीपी) के पास मौजूद विदेशी मुद्रा भंडार में 70 मिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई है।एसबीपी ने कहा कि 23 मई को समाप्त सप्ताह के दौरान बैंक का कुल विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 11.52 बिलियन डॉलर था, बयान में कहा गया कि वाणिज्यिक बैंकों के पास मौजूद शुद्ध विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 5.12 बिलियन डॉलर दर्ज किया गया,एसबीपी ने कहा कि समीक्षाधीन अवधि के दौरान दक्षिण एशियाई देश का कुल तरल विदेशी भंडार लगभग 16.64 बिलियन डॉलर था।भारत और पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में इजाफा देखने को मिला है, अगर बात भारत के फॉरेक्स रिजर्व की करें तो उसमें रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखने को मिली है,जबकि पाकिस्तान के फॉरेक्स रिजर्व में मामूली इजाफा देखने को मिला है। भारत और पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में इजाफा देखने को मिला है।
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साथियों बात अगर हम वैश्विक सूचकांकों में भारत के अति पिछड़े होने को समझने की करेंतो,भारत की वैश्विक सूचकांक में रैंकिंग में गिरावट के कई कारण हैं, जिनमें बुनियादी ढांचा, आर्थिक विकास, सामाजिक सुरक्षा, और शिक्षा शामिल हैं। कुछ सूचकांकों में, जैसे कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स, डेटा के अशुद्ध रिकॉर्डिंग या गलत रिपोर्टिंग भी एक कारक हो सकती है। (1) बुनियादी ढांचा: कई सूचकांकों में, भारत का डिजिटल और भौतिक बुनियादी ढांचा खराब पाया गया है, जिससे उसकी रैंकिंग प्रभावित हो रही है। उदाहरण के लिए, वैश्विक रिमोट वर्क इंडेक्स में भारत को खराब बुनियादी ढांचे के कारण 95 वें स्थान पर रखा गया है। (2) आर्थिक विकास: हालांकि भारत की अर्थव्यवस्था में वृद्धि हुई है, लेकिन आर्थिक असमानता और सामाजिक सुरक्षा की कमी के कारण कुछ सूचकांकों में उसकी रैंकिंग कम हो रही है। (3) सामाजिक सुरक्षा:भारत का सामाजिक सुरक्षा ढांचा कुछ सूचकांकों में खराब पाया गया है, जिससे इसकी रैंकिंग कम हो रही है। (4) शिक्षा:भारत में शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच में सुधार की आवश्यकता है, जो कुछ सूचकांकों में भारत की रैंकिंग को प्रभावित कर रही है (5) डेटा के अशुद्ध रिकॉर्डिंग:कुछ सूचकांकों जैसे ग्लोबल हंगर इंडेक्स, में डेटा की अशुद्ध रिकॉर्डिंग या गलत रिपोर्टिंग भी रैंकिंग में गिरावट का एक कारण हो सकती है।उदाहरण के लिए: (1) ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 में भारत को 107वें स्थान पर रखा गया था, जो 6 पायदान की गिरावट थी, जो कि एक विशेषज्ञ के अनुसार डेटा की गलत रिपोर्टिंग के कारण हुई थी। (2) पासपोर्ट इंडेक्स में भारत की रैंकिंग में 2023 में भारी गिरावट आई, जो यूरोपीय संघ की नीति के कारण हुई थी, जिससे भारतीय नागरिकों के लिए कुछ देशों में वीजा की आवश्यकता हो गई। (3) विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2025 में भारत को 118 वें स्थान पर रखा गया है, जो 2020 में 139 वें स्थान से एक महत्वपूर्ण उछाल है, लेकिन अभी भी पाकिस्तान और नेपाल से पीछे है। भारत की वैश्विक सूचकांक में रैंकिंग में गिरावट कई कारकों के कारण होती है, जिनमें बुनियादी ढांचा, आर्थिक विकास, सामाजिक सुरक्षा, शिक्षा, और डेटा की अशुद्ध रिपोर्टिंग शामिल हैं। इन कारकों को संबोधित करके, भारत अपनी वैश्विक रैंकिंग में सुधार कर सकता है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार ने बदला विश्व का सीन-हैरान हुआ पाकिस्तान व अमेरिका,देखता रह गया चीन!पूरी दुनियाँ भारत की बढ़ती सुदृढ़ होती अर्थव्यवस्था व विदेशी मुद्रा भंडार से हैरान-स्वर्ण भंडार में भी बढ़ोतरी।वैश्विक स्तरपर भारतीय अर्थव्यवस्था,विदेशीमुद्रा भंडारण स्पेस,रक्षा क्षेत्रों में तेज़ी से ज़बरदस्त उछाल के बावजूद वैश्विक,खुशहाली,गरीबी, भूख सूचकांकों में दयनीय स्थिति को रेखांकित करना ज़रूरी हैं।
-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र 9359653465
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