अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी द्वारा विश्व खतरा आकलन रिपोर्ट 2025 ज़ारी | Naya Sabera Network

World Danger Assessment Report by US Defense Intelligence Agency 2025 Zari Naya Sabra Network

पाकिस्तान भारत को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है! 

अमेरिकी विश्व खतरा आंकलन रिपोर्ट 2025 में दावा, चीन पाक की सैन्य व आर्थिक मदद की रीढ़ की हड्डी बन गया है 

विश्व में न्यूक्लियर वेपन्स बायोलॉजिकल, केमिकल्स हथियारों का विस्तार पृथ्वी पर निवासी जीवों की विलुप्तता क़ा कारण बनने को रेखांकित करना ज़रूरी है- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र 

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नया सवेरा नेटवर्क

गोंदिया - वैश्विक स्तरपर पिछले कुछ वर्षों से युद्ध का एक दौर सा चल पड़ा है, जिसका सटीक उदाहरण रूस-यूक्रेन हमास -इजरायल भारत-पाकिस्तान अमेरिका-ईरान चीन अमेरिका तनाव इत्यादि से लेकर पाक-तालिबान जैसे एशिया के देशों में भी संबंध कुछ ठीक नहीं चल रहे हैं यानें मेरा मानना है कि आज कोई भी देश किसी बड़े देश के खिलाफ़ डेरिंग से खड़े हैं, व न्यू क्लियर वेपंस केमिकल व बायोलॉजिकल वेपंस की धौंस दिखा रहे हैं,मैं समझता हूं यह सब अकेले के दम पर नहीं किया जा सकता उसके पीछे किन्हीं देश या देशों का समूह  एक ग्रुप या लॉबी बनकर खड़ा हो सकती है,जिसकी सटीकता हमें हमास-इजराइल रूस-यूक्रेन पाक जैसे देश अपने से कई गुना ताकत रखने वाले देशों से लड़ते हैं मतलब साफ है इनके पीछे कोई लाबी या ताकत बनकर खड़े हैं। भारत पाक के करीब चार दिन चले तनातनी युद्ध में भी पाक के पीछे तुर्की,चीन के खड़े होने के संकेत मिले हैं। आज हम यह विषय इसलिए उठा रहे हैं क्योंकि अभी 2 दिन पहले अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी द्वारा जारी "विश्व खतरा आकलन रिपोर्ट 2025" आई है जिसमें अन्य बातों के अलावा कहा गया है कि चीन-पाक की सैन्य और आर्थिक मदद की रीड की हड्डी बन गया है, मतलब साफ है कि भारत व अब पाक़ की नहीं बल्कि चीन से युद्ध की रणनीति पर काम करना होगा, इस आशंका को उपरोक्त रिपोर्ट 2025 में भी दर्शाया गया है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे,चीन पाक की आर्थिक मदद की रीड की हड्डी बन गया है,व विश्व में न्यूक्लियर वेपंस बायोलॉजिकल, केमिकल हथियारों का विस्तार पृथ्वी पर निवासी जीव की विलुप्तता क़ा कारण बनने को रेखांकित करना जरूरी है। 

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साथियों बात अगर हम  विश्व खतरा आंकलन रिपोर्ट 2025 की करें तो, भारत की विदेश और रक्षा नीति लंबे समय से पाकिस्तान केंद्रित रही है, लेकिन अमेरिकी रक्षा इंटेलिजेंस एजेंसी (डीआईए) की ताज़ा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अब भारत चीन को अपना मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी मानता है, रिपोर्ट के अनुसार, पाक को अब केवल एक एंसीलरी (सहायक) खतरा समझा जा रहा है,रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है, भारतीय पीएम की रक्षा प्राथमिकताएं अब वैश्विक नेतृत्व, चीन का मुकाबला और भारत की सैन्य ताकत को बढ़ाने पर केंद्रित हैं,यह रणनीति केवल युद्ध की तैयारी नहीं, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक शक्ति संतुलन को आकार देने की दिशा में है।रिपोर्ट में मई 2025 के भारत-पाकिस्तान सैन्य टकराव और पहलगाम हमले जैसे घटनाओं का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि"पाकिस्तान की भूमिका क्षेत्रीय अस्थिरता में बनी हुई है, लेकिन भारत की असली रणनीतिक तैयारी चीन को लेकर हो रही है, यह स्थिति भारत की रक्षा नीतियों के रुख में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाती है, चीन के साथ भारत का सीमा विवाद वर्षों से चला आ रहा है, विशेषकर लद्दाख क्षेत्र में,भले ही अक्टूबर 2024 में डिसइंगेजमेंट पर समझौता हुआ हो, लेकिन विवाद समाप्त नहीं हुआ है. यह सिर्फ एक रणनीतिक विराम है।अमेरिकी रिपोर्ट मैं बताया गया है कि  पाकिस्तान अपना परमाणु जखीरा मॉडर्न बना रहा,चीन उसे हथियार सप्लाई कर रहा, मेक इन इंडिया के बावजूद भारत अभी भी रूस पर निर्भर है, पाकिस्तान, अपने अस्तित्व के लिए भारत को एक खतरे के तौर पर देखता है। इस वजह से वह अपने परमाणु हथियारों को आधुनिक बनाने और सैन्य क्षमता बढ़ाने के लिए चीन से आर्थिक और सैन्य समर्थन ले रहा है,वहीं भारत, पाक को सिर्फ एक सुरक्षा चुनौती मानता है, जिसे संभाला जा सकता है। भारत असली खतरा चीन को मानता है और अपनी सैन्य तैयारियां भी उसी के हिसाब से करता है।बता दें डीआईए अमेरिकी रक्षा विभाग का हिस्सा है। यह रिपोर्ट वैश्विक सुरक्षा खतरों का आकलन करती है। इसकी मदद से अमेरिका की राष्ट्रीय और विदेश नीति की दिशा तय होती है।

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साथियों बात अगर हम रिपोर्ट के अनुसार भारत को चीन को अपनी सबसे बड़ी चुनौती मानने की करें तो,भारत, चीन को सबसे बड़ी चुनौती मानता है। इसकी वजह सीमा विवाद, चीन की सैन्य शक्ति में इजाफा और आर्थिक- तकनीकी प्रतिस्पर्धा है। इसमें बताया गया है कि चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति, विशेष रूप से नौसेना और मिसाइल क्षमताएं, भारत के लिए चिंता का विषय हैं।इसके अलावा चीन का क्षेत्रीय प्रभाव (जैसे बीआरआई,सीपेक) और एआई, साइबर, और अंतरिक्ष में प्रगति भारत के लिए रणनीतिक चुनौती है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत-चीन सीमा विवाद अब भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। हालांकि, 2020 की झड़पों के बाद तनाव थोड़ा कम हुआ है, लेकिन भारत, चीन के प्रभाव को कम करने के लिए हिंद महासागर में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है और दूसरे देशों के साथ सैन्य साझेदारी कर रहा है।भारत अपनी सैन्य तैयारियां (जैसे LAC पर सैन्य तैनाती, नौसेना विस्तार) और गठबंधन (क्वाड, अमेरिका) के जरिए चीन का मुकाबला कर रहा है। 

साथियों बात अगर हम रिपोर्ट में कहीं बात कि पाकअपने अस्तित्व के लिए भारत को एक खतरे के तौर पर देखता है, की करें तो पाक़ इस वजह से वह अपने परमाणु हथियारों को आधुनिक बनाने और सैन्य क्षमता बढ़ाने के लिए चीन से आर्थिक और सैन्य समर्थन ले रहा है। वहीं, भारत, पाकिस्तान को सिर्फ एक सुरक्षा चुनौती मानता है, जिसे संभाला जा सकता है। 

साथियों बात अगर हम रिपोर्ट में दर्ज मेक इन इंडिया के जरिए ताकत बढ़ा रहा भारत की करें तो, रिपोर्ट में मेक इन इंडियाका भी जिक्र किया गयाहै,सैन्यआधुनिकीकरण योजनाओं को लेकर रिपोर्ट में कहा गया, ‘भारत इस साल अपनी मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देना जारी रखेगा ताकि घरेलू रक्षा उद्योग को मजबूत किया जाए, आपूर्ति श्रृंखला की चिंताओं को कम किया जा सके और सैन्य आधुनिकीकरण को बढ़ावा मिले। 2024 में भारत ने परमाणु-सक्षम अग्नि-प्राइम मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल और अग्नि-V मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल रीएंट्री व्हीकल का परीक्षण किया। नई दिल्ली ने अपनी दूसरी परमाणु-ऑपरेटेड पनडुब्बी को कमीशन किया, ताकि परमाणु त्रिकोण को मजबूत किया जाए और प्रतिद्वंद्वियों को रोकने की क्षमता को बढ़ाया जा सके।’ भारत रूस के साथ अपने रिश्ते बनाए रखेगा, क्योंकि वह रूस को सैन्य और आर्थिक मदद के लिए जरूरी मानता है।रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान परमाणु हथियारों के लिए सामग्री और तकनीक चीन, हॉन्गकॉन्ग, सिंगापुर, तुर्किये और संयुक्त अरब अमीरात से हासिल करता है। हालांकि इसमें यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान का परमाणु आधुनिकीकरण दक्षिण एशिया में स्थिरता के लिए जोखिम पैदा करता है। रिपोर्ट में पाकिस्तान को एक अस्थिर और रणनीतिक रूप से कमजोर देश के रूप में देखा गया है, जो भारत को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है और अपनी सैन्य और परमाणु क्षमताओं को बढ़ाने के लिए चीन पर निर्भर है। 

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन पर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी द्वारा "विश्व खतरा आकलन रिपोर्ट 2025"ज़ारी-पाकिस्तान भारत को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है!अमेरिकी विश्व खतरा आंकलन रिपोर्ट 2025 में दावा, चीन पाक की सैन्य व आर्थिक मदद की रीढ़ की हड्डी बन गया है।विश्व में न्यूक्लियर वेपन्स बायोलॉजिकल, केमिकल्स हथियारों का विस्तार पृथ्वी पर निवासी जीवों की विलुप्तता क़ा कारण बनने को रेखांकित करना ज़रूरी है।

-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र 9359653465

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