कैसे जिएंगे हम | Naya Sabera Network
नया सवेरा नेटवर्क
कैसे जिएंगे हम
दिल ले के जा रहे हो
कैसे जिएंगे हम (2)
जब याद आए तेरी
रो-रो मरेंगे हम
दिल ले के जा रहे हो
कैसे जिएंगे हम(2)
गए भूल तुम निभाना
तेरे प्यार का तराना
घुट-घुट के हम मरेंगे
आंसू पियेंगे हम
दिल ले के जा रहे हो
कैसे जिएंगे हम (2)
सोम साथ ले गए
नई दुनिया तूँ बसाने
विष दे के जा रहे हो
कैसे पियेंगे हम
दिल ले के जा रहे हो
कैसे जिएंगे हम।(2)
हो खुशियों की दुनिया
नए यार के अफ़साने
ग़म दे के जा रहे हो
कैसे जिएंगे हम
दिल ले के जा रहे हो
कैसे जिएंगे हम(2)
हाँ,,कैसे जिएंगे हम
कैसे जिएंगे हम,,,,,
ग़ज़लकार
विजय मेहंदी
जौनपुर(उ0प्र0)।
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