Mumbai News: संत शिरोमणि सेनजी महराज की मनाई गई जयंती | Naya Sabera Network
नया सवेरा नेटवर्क
मुंबई । महानगर की सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों के आयोजन में भक्तमाल के सुप्रसिद्ध टीकाकार प्रियदास के अनुसार गुरुदेव श्री श्री 1008 संत शिरोमणि सेन महाराज के जयंती की पूर्व संध्या पर 24 अप्रैल 2025 को आनलाइन मनाई गई।जिसकी अध्यक्षता संत शिरोमणि सेनजी की आरती के लेखक,वरिष्ठ साहित्यकार माथुरकर अनजान दास जबलपुरी ने किया।उपस्थित विशिष्ट समाजसेवियों में बिलासपुर छत्तीसगढ़ से डॉ राम रतन श्रीवास राधे-राधे,सामाजिक चिंतक एवं विचारक महेश वैद्य, सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश से विचारक एवं चिंतक रमेश चंद्र नंदवंशी,जौनपुर से श्रीमती सुजीता संतोष शर्मा,रायपुर छत्तीसगढ़ से कवियत्री गायत्री श्रीवास,रायबरेली से जनवादी लेखक सुखराम शर्मा सागर, कवर्धा छत्तीसगढ़ से श्रीमती लता महेंद्र श्रीवास, कबीरधाम छत्तीसगढ़ से श्रीमती विद्या श्रीवास, मध्य प्रदेश से उमाकांत भारद्वाज, हरियाणा से वरिष्ठ साहित्यकार एवं समाजसेवी त्रिलोक चंद्र सेन, मुंबई से रवि कुमार एवं मुकेश कुमार एवं पंजाब से गौरव सेन मुख्य रूप से उपस्थित थे।कार्यक्रम का आयोजन, संयोजन एवं संचालन मुंबई से कवि एवं पत्रकार विनय शर्मा दीप ने किया। जयंती का शुभारंभ कवियत्री गायत्री श्रीवास ने सेन वंदना से किया तथा गीतकार निरंजन सेन जबलपुरी एवं माथुरकर जबलपुरी द्वारा लिखित सेनजी आरती का गायन श्रीमती सुजीता संतोष शर्मा ने किया।
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अध्यक्षिय उद्बोधन एवं विशिष्ट वरिष्ठ समाजसेवी ने कहा कि संत सेनाजी महराज का जन्म विक्रम संवत 1557 में वैशाख कृष्ण-12 (द्वादशी), दिन रविवार को वृत योग तुला लग्न पूर्व भाद्रपक्ष को चन्दन्यायी के घर में हुआ था। बचपन में इनका नाम नंदा रखा गया। संत शिरोमणि सेनजी महाराज जहां रहते थे वह स्थान सेनपुरा के नाम से जाना जाता है। यह स्थान बघेलखण्ड के बांधवगढ़ के अंतर्गत बिलासपुर-कटनी रेल लाइन पर जिला उमरिया से 32 किलोमीटर की दूरी पर बांधवगढ़ स्थित है। तत्कालीन रीवा नरेश वीरसिंह जूदेव के राज्य काल में बांधवगढ़ मशहूर था।संत सेनाजी महराज नाई,नाभिक,नंदवंशी समाज के स्तंभ के रूप में जाने जाते हैं।
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