UP News: देवी भागवत सिखाती है कोई भी सौगन्ध, प्रतिज्ञा सोच समझ कर लें डॉ. कौशलेन्द्र शास्त्री | Naya Sabera Network
नया सवेरा नेटवर्क
बालपुर/गोण्डा। श्री मद भगवद फ़ाउण्डेशन एवम् नारायण बाल विद्या मन्दिर समिति द्वारा आयोजित संगीतमय देवी भागवत की कथा एवम् रुद्र चण्डी महायज्ञ शिवनगर सोनहरा में कथा सुनाते हुए महाभारत का प्रसंग सुनाते हुए डांस कौशलेंद्र ने बताया कि ऋषि पाराशर के वरदान से मत्स्यगंधा के शरीर से मछली की दुर्गंध खत्म हो गई थी।और वह सत्यवती के नाम से प्रसिद्ध हुई। एक दिन शांतनु ने सत्यवती को देखा तो वे मोहित हो गए। बाद में शांतनु के पुत्र देवव्रत ने सत्यवती और शांतनु का विवाह करवाया।
यह भी पढ़ें | स्व. डीके मुखर्जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का हुआ आयोजन | Naya Sabera Network
इस विवाह के लिए देवव्रत ने आजीवन ब्रह्मचारी रहने की प्रतिज्ञा की थी और सत्यवती को वचन दिया था कि उसकी संतान ही हस्तिनापुर का राजा बनेगी। इस प्रतिज्ञा के कारण ही देवव्रत का एक नाम भीष्म पड़ा। यज्ञाचार्य पंडित अतुल शास्त्री राजीतराम,जयप्रकाश,सूरज,बालकदास,दिनेश,छोटू आदि रहे