Mumbai News: भगवान के भक्त कभी किसी से शिकायत नहीं करते: डां कौशलेंद्र महराज | Naya Sabera Network

Mumbai News God's devotees never complain to anyone Dr. Kaushalendra Maharaj Naya Sabera Network

नया सवेरा नेटवर्क

मुंबई। श्री मद भगवद फ़ाउण्डेशन एवम् नारायण बाल विद्या मन्दिर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित संगीतमय श्रीमद् देवी भागवत पुराण एवम् रुद्र चण्डी महायज्ञ में  कथा व्यास कौशलेंद्र महराज ने कहा कि ईश्वर के ऊपर पूरा भरोसा करिए कि अगर तुम ईश्वर के प्रति समर्पित रहेंगे तो वह आपके किसी भी कार्य को रुकने नहीं देंगे। सबसे बड़ी समस्या यह है कि कभी हमें विश्वास होता है तो कभी नहीं। 

विश्वास में सबसे बड़ी बात यह है कि जो भी कुछ जीवन में घटित होता है, अर्थात अच्छा या बुरा। एक बात अवश्य समझ लें कि भगवान ने आपके लिए अच्छा ही किया है, बुरा नहीं। भगवान के भक्त कभी किसी से शिकायत नहीं करते।अपने कर्म को ईमानदारी से करते चले जाइए। जो होता चला जाए, उसे ठाकुर जी की मर्जी समझकर स्वीकार करिए। 

भगवान से कभी यह प्रश्न मत करिए कि उनके साथ ऐसा क्यों हुआ। जब आप यह प्रश्न करते हैं तो उसी समय आपको भगवान पर संदेह होता है कि वह है कि नहीं। जो जीव भगवान पर दृढ़ विश्वास करता है, ईश्वर उसे कभी अकेला नहीं छोड़ते। 

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जिस दिन आप ठाकुर जी के हो जाएंगे, उस दिन पूरा संसार आपका हो जाएगा। हमेशा अपने भगवान पर पूरा भरोसा रखे। गुरु, ब्राह्मण, संत और भगवान सभी हृदय से प्रसन्न होते हैं, न कि आपकी की गई व्यवस्था से। सिर्फ नोट या पद के बल पर अगर आशीर्वाद मांगेंगे तो नहीं मिलेगा। जीवन में विनम्रता बहुत महत्वपूर्ण है।महराज ने परीक्षित का प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि महाभारत युद्ध में गुरु द्रोण की मौत के बाद उनके बेटे अश्वत्थामा ने पांडवों को मारने के लिए ब्रह्मास्त्र चलाया था। 

इस ब्रह्मास्त्र से लगने के बाद अभिमन्यु की गर्भवती पत्नी उत्तरा के गर्भ से परीक्षित का जन्म हुआ।परीक्षित के जन्म से पहले ही अश्वत्थामा ने ब्रह्मास्त्र से परीक्षित को मारने की कोशिश की थी, किंतु भगवान श्रीकृष्ण ने अपने योगबल से उत्तरा के गर्भ में मौजूद परीक्षित को जीवित कर दिया था। बाद में राजा परीक्षित की मृत्यु श्रृंगी ऋषि के श्राप से तक्षक नाग के डंसने से हुई थी। परीक्षित की मृत्यु के बाद, उनके बेटे जनमेजय ने नारद की सलाह पर अम्बयाग नामक यज्ञ का आयोजन किया था। इस यज्ञ में देवी भागवत का पाठ करवाया गया था। यज्ञाचार्य पंडित अतुल शास्त्री बालकदास, रामसूरत, राजू, सुनील,अनिल, अंजनी विवेक बिष्णु देवी प्रसाद समेत अन्य ग्रामवासी भी उपस्थित रहे।


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