डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा इशारा- तीसरी बार राष्ट्रपति बनने से रोकने वाले कानून की ख़ोज ली क़ाट-बदल देंगे यूएसए का संविधान ? | Naya Sabera Network
दुनियाँ के हर देश के कानूनों, संविधानों की कुछ ख़ामियों रूपी लिकेजेस का लाभ उठाने का प्रचलन बढ़ा
वैश्विक स्तरपर सरकारों द्वारा अपना हित साधने,अध्यादेश संविधान संशोधन ग़जट में अधिसूचना इत्यादि बैसाखियों विशेषाअधिकारों का उपयोग करने का प्रचलन बढ़ा-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
नया सवेरा नेटवर्क
साथियों बात अगर हम ट्रंप के तीसरे कार्यकाल के लिए अमेरिकी संविधान बदलने के बयान की करें तो,उन्होंने एनबीसी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि वह राष्ट्रपति के तौर पर तीसरे कार्यकाल के लिए विचार कर रहे हैं और इसके लिए संविधान को बदलने की सोच रहे हैं। उन्होंने कहा कि संविधान में तीसरी बार राष्ट्रपति बनने के तरीके मौजूद हैं और वह इसे लेकर गंभीर हैं,इस दौरान ट्रंप से पूछा गया कि वह कौन से तरीके हैं? इस पर ट्रंप ने कहा कि ऐसे कई तरीके हैं, जिनसे आप ऐसा कर सकते हैं, यह पूछने पर कि क्या जेडी वेंस राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ेंगे और इलेक्शन जीतने के बाद वे ट्रंप को राष्ट्रपति की कुर्सी सौंप देंगे? ट्रंप ने इस पर झट से कहा कि ये भी एक कारगर तरीका है लेकिन इसके अलावा भी कई और तरीके हैं, इंटरव्यू में अमेरिकी राष्ट्रपति से जब उनके तीसरे कार्यकाल के पिछले इशारों के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि वह मजाक नहीं कर रहे थे। इसके लिए कुछ तरीके भी हैं, जिससे यह किया जा सकता है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, बहुत से लोग चाहते हैं कि मैं ऐसा करूं लेकिन मेरा मतलब है, मैं मूल रूप से उनसे कहता हूं कि हमें अभी लंबा रास्ता तय करना है, आप जानते हैं, प्रशासन में यह बहुत शुरुआती दौर है। बता दें कि अगर ट्रंप तीसरी बार राष्ट्रपति बनने की कोशिश करते हैं तो इसके लिए उन्हें संविधान में संशोधन करना होगा, ऐसा करने के लिए अमेरिकी संसद और राज्यों से समर्थन की जरूरत होगी।ट्रंप को इसके लिए अमेरिकी सीनेट और प्रतिनिधि सभा में दो-तिहाई बहुमत से बिल पास कराना होगा। ट्रंप का मौजूदा कार्यकाल 2029 में पूरा होगा। अमेरिका में दो बार राष्ट्रपति बनने का प्रावधान है। वह नवंबर 2024 में दूसरी बार देश के राष्ट्रपति चुने गए थे। ट्रंप कई मौकों पर तीसरे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं, नवंबर में चुनाव जीतने के बाद और फिर जनवरी में शपथ से पहले भी वह यही बात कह चुके हैं। इस बीच जनवरी में ही ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के एक सांसद ने एक बिल भी संसद में पेश किया था, ट्रंप को तीसरी बार राष्ट्रपति बनने की अनुमति देने के लिए संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में इस बिल को पेश किया गया था।इस बिल में कहा गया था कि अगर कोई शख्स लगातार दो बार राष्ट्रपति रह चुका है, वो तीसरी बार राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित नहीं हो सकता, लेकिन ट्रंप 2020 का चुनाव बाइडेन से हार गए थे, ऐसे में वह तीसरी बार भी राष्ट्रपति चुने जाने के लिए योग्य हैं। अब तक का सबसे स्पष्ट संकेत है कि ट्रंप संवैधानिक बाधाओं को पार करने के तरीके भी तलाश सकते हैं।1951 में जोड़े गए संविधान के 22 वें संशोधन के तहत, अमेरिका में कोई भी व्यक्ति दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं चुना जा सकता। ऐसे में ट्रंप का यह बयान कानूनी रूप से संदेहास्पद माना जा रहा है और विशेषज्ञों के अनुसार, इस पर अमल कर पाना लगभग असंभव होगा।
साथियों बात अगर हम राष्ट्रपति बनने के अमेरिकी संविधान में नियमों की करें तो, अमेरिकी में दो बार ही बन सकते हैं राष्ट्रपति अमेरिकी संविधान के 22 वें संशोधन के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति का कार्यकाल केवल दो बार तक ही सीमित है और यह चार साल के लिए होता है, चाहे वह लगातार हो या नहीं। किसी संवैधानिक संशोधन को पलटने के प्रस्ताव के लिए कांग्रेस के दोनों सदनों में दो-तिहाई मत व 50 अमेरिकी राज्यों में से तीन-चौथाई राज्यों की विधान सभाओं द्वारा समर्थन की जरूरत होती है। 22 वें संशोधन के पारित होने के बाद किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति ने तीसरा कार्यकाल पाने की कोशिश नहीं की है। पहले यह परंपरा नहीं होती थी। दो कार्यकाल के राष्ट्रपति पद की परंपरा साल 1796 से चली आ रही है, जब जॉर्ज वाशिंगटन ने दो कार्यकाल के बाद अपनी इच्छा से पद छोड़ दिया। इसके बाद एक नई मिसाल कायम हुई। इसका पालन 140 सालों से ज्यादा तक हुआ। नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी के संवैधानिक कानून विशेषज्ञ का कहना है कि कोई कानूनी आधार नहीं है जिससे ट्रंप तीसरी बार राष्ट्रपति बन सकें,वहीं एक यूनिवर्सिटी के चुनाव कानून प्रोफेसर मुलर ने कहा कि 12 वें संशोधन के तहत, अगर कोई व्यक्ति राष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य है, तो वह उपराष्ट्रपति भी नहीं बन सकता। मुलर ने यह भी कहा,राष्ट्रपति पद के कार्यकाल की सीमा पार करने के लिए कोई एक जादुई तरीका नहीं है। ट्रंप ने दावा किया कि वे अमेरिका में अब तक के सबसे लोकप्रिय रिपब्लिकन नेता हैं।हालांकि, गैलप पोल के आंकड़ों के अनुसार, 9/11 के बाद जॉर्ज डब्ल्यू. बुश की लोकप्रियता 90 पेर्सेंट तक पहुंच गई थी, जो ट्रंप के दावे को गलत साबित करता है।हालांकि ट्रंप ने साफ कर दिया है कि अभी इस पर विचारकरना बहुत जल्दी होगा लेकिन उनके बयान ने राजनीतिक और कानूनी हलकों में हलचल मचा दी है बताते चलें कि ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल के अंत में 82 वर्ष के होंगे। ऐसे में उनसे पूछा गया कि क्या वह उस समय देश के सबसे कठिन काम में सेवा जारी रखना चाहेंगे, तो उन्होंने कहा, खैर, मुझे काम करना पसंद है।
साथियों बात अगर हम उत्तराधिकार के एंगल से तीसरी बार राष्ट्रपति बनने के लिए पॉलिसी करें तो, ट्रंप के तीसरी बार राष्ट्रपति बनने की बात इसलिए भी सामने आई है क्योंकि अमेरिकी संविधान में एकऐसा लूप होलहैजिसकी वजह से यह संभव हो सकता है। दरअसल, 22 वें संशोधन के मुताबिक अमेरिका का राष्ट्रपति दो बार से ज्यादा बार नहीं चुना जा सकता है,लेकिन वे उत्तराधिकार की प्रक्रिया के माध्यम से फिर से इस भूमिका को निभा सकते हैं।उत्तराधिकार की प्रक्रिया कैसे काम करती है इसे एक प्रक्रिया के जरिए समझा जा सकता है। दरअसल, अमेरिकी संविधान के 22 वें संशोधन के अनुसार, दो बार चुना जा चुका राष्ट्रपति तीसरी उत्तराधिकार के रूप में यह दायित्व निभा सकता है।अगर ट्रंप दूसरे कार्यकाल की समाप्ति के बाद उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ते हैं और उनका साथी जीतने के बाद राष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे देता है तो वह तीसरी बार उत्तराधिकारी के रूप में राष्ट्रपति की भूमिका को निभा सकते हैं।डेलीमेल की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति ट्रंप अगर इस रणनीति का पालन करते हैं तो वे 2029 के बाद और संभावित रूप से 2037 तक व्हाइट हाउस में काम करना जारी रख सकते हैं। ट्रंप के तीसरी बार राष्ट्रपति बनने को लेकर मुख्य तौर पर रणनीति इस तरह से हो सकती है कि ट्रंप 2028 में जेडी वेंस सरीखे अपने किसी भरोसेमंद साथी को राष्ट्रपति का चुनाव लडवाते हैं और वेंस चुनाव जीतने के बाद इस्तीफा दे देते हैं तो ट्रंप आगामी कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति बने रह सकते हैं। यह एक ऐसी रणनीति है जो दो बार से अधिक राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने परसंवैधानिक प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं करेगी। ट्रम्प 2032 में इस प्रक्रिया को दोहरा सकते हैं, और यदि वे चुनाव से पहले इस्तीफा देते हैं, तो वे फिर से उप-राष्ट्रपति के रूप में चुनाव लड़ सकते हैं और उत्तराधिकार की उसी प्रक्रिया का उपयोग करके अपने राष्ट्रपति पद को पुनः प्राप्त कर सकते हैं।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा इशारा- तीसरी बार राष्ट्रपति बनने से रोकने वाले कानून की ख़ोज ली क़ाट-बदल देंगे यूएसए का संविधान?दुनियाँ के हर देश के कानूनों, संविधानों की कुछ ख़ामियों रूपी लिकेजेस का लाभ उठाने का प्रचलन बढ़ा।वैश्विक स्तरपर सरकारों द्वारा अपना हित साधने, अध्यादेश संविधान संशोधन ग़जट में अधिसूचना इत्यादि बैसाखियोंविशेषाधिकारों का उपयोग करने का प्रचलन बढ़ा।
-संकलनकर्ता लेखक - क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र 9284141425
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