Poetry: दुनिया मुरदों की बाटे चमन सखिया... | Naya Savera Network
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दुनिया मुरदों की बाटे चमन सखिया...
बिनु खोजे न पैईबू सजन सखिया,
सोई जईबू न पैईबू सजन सखिया।
साजन तोहार बहुत दूर बसत है,
दूर से तोहके देखा लखत है।
ओनकर बनले तू तप से दुल्हन सखिया,
सोई जईबू न पैईबू सजन सखिया।
बिनु खोजे न पैईबू सजन सखिया,
सोई जईबू न पैईबू सजन सखिया।
गुरु बिनु केहू न रहिया देखाई,
मंजिल तक न केहू पहुँचाई।
मन को जोगी बना ले बहन सखिया,
सोई जईबू न पैईबू सजन सखिया।
बिनु खोजे न पैईबू सजन सखिया,
सोई जईबू न पैईबू सजन सखिया।
माटी की दुनिया ये, संसार झूठा,
काम, क्रोध, मद मन-ओखरी में कूटा।
छुई पैईबू तबै तू चरन सखिया,
सोई जईबू न पैईबू सजन सखिया।
बिनु खोजे न पैईबू सजन सखिया,
सोई जईबू न पैईबू सजन सखिया।
गिनके मिली हैं साँसें सुन बन्दे,
सोची-समझ चल मत बन अंधे।
दुनिया मुरदों की बाटे चमन सखिया,
सोई जईबू न पैईबू सजन सखिया।
बिनु खोजे न पैईबू सजन सखिया,
सोई जईबू न पैईबू सजन सखिया।
लालच कै खौलै न पावे अदहनवां,
पत्ता के जइसे ई झरी बदनवां।
मांग भरी ऊ, करा जतन सखिया,
सोई जईबू न पैईबू सजन सखिया।
बिनु खोजे न पैईबू सजन सखिया,
सोई जईबू न पैईबू सजन सखिया।
रामकेश एम. यादव
'सरस' मुम्बई।