Poetry: बेरोजगारी के फायदे | Naya Sabera Network
नया सवेरा नेटवर्क
बेरोजगारी के फायदे
बेरोजगारी के फायदे
दिन हो या रात हो
काट रहे हैं हम
बड़े गर्व से बताते हैं
बेरोजगार है हम ।
नौकरी का सपना सरकार
दिखा रही है
वेकेंसी के नाम पर
फॉर्म भरवा रही है।
लोग आयेंगे मज़े लेंगे
अपने लोग जहर बोएंगे,
सुन कर दिन रात उनकी बात
कलेजा पीट के चीखेंगे।
एक छोटी सी नौकरी की अहमियत हमसे पूछिए
अरे साहब हम जैसे के बारे में
ज़रा गौर से सोचिए।
नौकरी के नाम पर लोग
पैसे की बात करते हैं,
जिनसे हमें उम्मीद ज़्यादा है
वहीं विश्वासघात करते हैं।
हर घर में कोई न कोई बेरोजगार दिखाई देता है
हम सब कुछ न कहे किसी को
फिर भी सबको सुनाई देता है ।
ये मंज़र से गुजर रहे हैं हम
इसीलिए सच्चाई लिखते हैं
अब उतने भी मासूम नहीं हैं
जितने कि आपको दिखाई पड़ते हैं ।
रितेश मौर्य
जौनपुर, उत्तर प्रदेश।
![]() |
विज्ञापन |