UP News : इलाहबाद हाईकोर्ट ने आरोपी और पीड़िता के बीच विवाह के बाद आपराधिक मामले को किया खारिज | Naya Savera Network

UP News : इलाहबाद हाईकोर्ट ने आरोपी और पीड़िता के बीच विवाह के बाद आपराधिक मामले को किया खारिज | Naya Savera Network

नया सवेरा नेटवर्क

इलाहाबाद। हाईकोर्ट ने एक चर्चित मामले में आरोपी और पीड़िता के बीच विवाह होने के बाद आपराधिक मामले को खारिज कर दिया है। यह फैसला जस्टिस राजीव मिश्रा की बेंच ने सुनाया है। मामले में आरोपी सोनू कश्यप ने पीड़िता अकांक्षा कुमारी के साथ विवाह कर लिया था जिसके बाद पीड़िता ने आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोपों को वापस ले लिया। मामला 18 अक्टूबर 2023 को दर्ज हुआ था। जब पीड़िता अकांक्षा कुमारी ने आरोपी सोनू कश्यप के खिलाफ बरेली के बारादरी पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की थी। प्राथमिकी में आरोपी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376(2)(n) (बलात्कार), 406 (अपराधिक विश्वासघात), 506 (आपराधिक धमकी) और एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(2)(V) के तहत आरोप लगाए गए थे। हालांकि मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपी ने 23 अक्टूबर 2023 को पीड़िता से विवाह कर लिया। विवाह के बाद पीड़िता आरोपी के साथ उनकी पत्नी के रूप में रहने लगीं। इसके अलावा दोनों पक्षों का विवाह उत्तर प्रदेश विवाह पंजीकरण नियम 2017 के तहत पंजीकृत भी हो गया।


आवेदक के अधिवक्ता रानू जायसवाल एवं शशिशेखर मौर्य ने कोर्ट में दलील दी कि आरोपी और पीड़िता के बीच विवाह होने के बाद आरोपी के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामले को जारी रखने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि विवाह के बाद पीड़िता आरोपी की पत्नी बन गई हैं और दोनों साथ में खुशी-खुशी रह रहे हैं, इसलिए आरोपी के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामले को खारिज किया जाना चाहिए। आवेदक के वकील ने यह भी कहा कि विवाह पंजीकृत होने के बाद पक्षों के बीच कानूनी और वैध विवाह की सांविधिक धारणा बनती है। उन्होंने तर्क दिया कि आरोपी द्वारा किए गए किसी भी अपराध की संभावना अब समाप्त हो गई है और आरोपी के खिलाफ मामले को जारी रखने से उनके परिवार को नुकसान होगा। कोर्ट ने आवेदक की दलील को स्वीकार करते हुए कहा कि विवाह के बाद आरोपी के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामले को जारी रखने का कोई औचित्य नहीं है। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के दो फैसलों का हवाला दिया जिनमें आरोपी और पीड़िता के बीच विवाह होने के बाद आपराधिक मामले को खारिज किया गया था।

जस्टिस राजीव मिश्रा ने कहा कि इस मामले में भी आरोपी और पीड़िता के बीच विवाह होने के बाद आरोपी के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामले को जारी रखने का कोई औचित्य नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर आरोपी के खिलाफ मामले को जारी रखा जाता है तो इससे आरोपी और पीड़िता के बीच बने खुशहाल परिवार को नुकसान होगा।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी सोनू कश्यप के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामले को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि आरोपी और पीड़िता के बीच विवाह होने के बाद आपराधिक मामले को जारी रखने का कोई औचित्य नहीं है। इस फैसले से आरोपी और पीड़िता के बीच एक खुशहाल परिवार बना रहेगा।


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