Panchang: 27 फरवरी 2025 का शुभ मुहूर्त, राहु काल, आज की तिथि और ग्रह | Naya Savera Network
नया सवेरा नेटवर्क
आज का हिन्दू पंचांग ~🌞
⛅दिनांक - 27 फरवरी 2025
⛅दिन - गुरुवार
⛅विक्रम संवत् - 2081
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - बसन्त
⛅मास - फाल्गुन
⛅पक्ष - कृष्ण
⛅तिथि - चतुर्दशी सुबह 08:54 तक तत्पश्चात अमावस्या
⛅नक्षत्र - धनिष्ठा दोपहर 03:43 तक तत्पश्चात शतभिषा
⛅योग - शिव रात्रि 11:41 तक, तत्पश्चात सिद्ध
⛅राहु काल - दोपहर 02:20 से दोपहर 03:47 तक
⛅सूर्योदय - 07:06
⛅सूर्यास्त - 06:38
⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:24 से 06:13 तक
⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:29 से दोपहर 01:16 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:27 फरवरी 28 से रात्रि 01:17 फरवरी 28 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - द्वापर युगादि तिथि, दर्श अमावस्या
⛅विशेष - अमावस्या को स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🔹दीर्घ एवं निरोगी जीवन के नियम🔹
🔸 (१) प्रातः ब्राह्ममुहूर्त में उठें । सुबह-शाम खुली हवा में टहलें, दौड़ें ।
🔸 (२) प्राणायाम, ध्यान, जप, योगासन, संयम-सदाचार आदि का नियम लें ।
🔸 (३) दिन में २-३ बार 'देव- मानव हास्य प्रयोग' करें ।
🔸 (४) कसे हुए, चटकीले-भड़कीले, गहरे रंग के, तंग व कृत्रिम (synthetic) कपड़े न पहनें । ढीले-ढाले सूती वस्त्र या ऋतु- अनुसार ऊनी वस्त्र पहनें ।
🔸 (५) संयम से रहें । ऋतुचर्या के अनुसार आहार-विहार करें ।
🔸 (६) पेशाब करने के तुरंत बाद पानी न पियें, न ही पानी पीने के तुरंत बाद पेशाब हेतु जायें । इससे हानि होती है । मल-मूत्र का वेग नहीं रोकें ।
🔸 (७) सप्ताह में कम-से-कम एक दिन रोज के संसारी कार्यों से मुक्त हो जायें ।
🔸 सप्ताह में कम-से-कम एक दिन थोड़ा हलका आहार लेकर घर के पूजा-कक्ष में मौन रह के अधिकांश समय सत्संग-श्रवण, श्री योगवासिष्ठ महारामायण ग्रंथ व आश्रम से प्रकाशित अन्य सत्साहित्य का स्वाध्याय, ध्यान, जप, अजपाजप, साक्षीभाव का अभ्यास आदि साधनों का विशेषरूप से लाभ लें ।
🔸 (८) स्वास्थ्य-मंत्र 'ॐ हंसं हंसः' का नित्य १०८ बार (एक माला) जप करें ।
🔸 (९) ब्रहावेत्ता संत-सद्गुरु के सत्संग का नियमितरूप से लाभ लें व दूसरों को भी दिलायें ।
🔸 (१०) चाय-कॉफी, शराब-कबाब, धूम्रपान पान-मसाला सेवन, फिल्मी गाने सुनना, अश्लील दृश्य व चलचित्र तथा गंदी वेबसाइट्स देखना आदि किसी भी हानिकारक चीज की लत लगी हो तो उसे छोड़ने का व्रत लें व उस व्रत पर दृढ रहें ।
🔸 (११) रात को सोते समय यह प्रयोग करें : भगवन्नाम का उच्चारण करो और भगवान से कह दो कि 'हम जैसे-तैसे हैं, तेरे हैं । ॐ शांति... ॐ 'शांति... ॐ आनंद...' ऐसा करके लेट गये और श्वास अंदर जाय तो 'ॐ', बाहर आये तो '१'... श्वास अंदर जाय तो 'शांति', बाहर आये तो '२'... श्वास अंदर जाय तो 'आरोग्य', बाहर आये तो '३'... इस प्रकार श्वासोच्छ्वास की गिनती करते-करते सोयें । इससे स्वास्थ्य-लाभ तो मिलेगा ही, साथ-ही-साथ रात्रि की निद्रा कुछ सप्ताह में योगनिद्रा बनने लगेगी और आप परमात्मा में पहुँच जाओगे ।