Mumbai News : सभी तीर्थों से भी श्रेष्ठ है श्री धाम वृन्दावन: संत राजकृष्ण शास्त्री | Naya Savera Network
नया सवेरा नेटवर्क
नवी मुम्बई। सभी तीर्थों में श्रेष्ठ है श्री धाम वृन्दावन क्योकि वृन्दावन धाम भगवान श्रीकृष्ण का अपना घर है यह उदगार व्यक्त किया कथा व्यास पं 0राजकृष्ण शास्त्री ने कोपरखैरणे में चल रही पांचवे दिन भागवत कथा के दौरान विश्व भारती इंग्लिश विद्यालय ऐंड जूनियर कालेज के प्रांगण में कथा में आगे बताया गया कि कृष्ण का अवतार कंस के बंदीगृह में हुआ और योगमाया से वे गोकुल में पहुंच गए।
यह खबर चारोंतरफ फैल गई कि नंद बाबा के घर छोरा हुआ है सब जगह नंदोत्सव होने लगा ।बधाईओ का तांता लग गया ।यह कार्य छह महीने तक चलता रहा lदेवता भी यह दृश्य देखने और पुष्प बर्षा करने लगे भगवान भोलेनाथ ने भी प्रभु के बालरूप का दर्शन लेने योगी के भेष में दर्शन लिया।इसी बीच कंस को यह पता चला तो पूतना की सहायता से कृष्ण को मारने विषभरी स्तनों के लेप से दूध पिलाने गोकुल भेजा जिससे उसका काल समाप्त हो जाय ।परन्तु भगवान ने अपनी आंखें मूद ली और विषपान करने लगे । बाद में पूतना भी चल बसी ।
भगवान ने माता का स्थान देते हुए उसे मुक्ति प्रदान की ।आगे की कथा में प्रभु की बाल लीलाए, माखन चोरी , यमुना जी में स्नान करते समय गोपियो का वस्त्र छिपाना जैसी कई बाल लीलाएं की जिसे भक्तों ने ध्यान पूर्वक श्रवण किया । कार्यक्रम के अंत में स्कूल की प्रधानाचार्या साधना सिंह व प्रबंधक संजीव सिंह ने सभी को कथा श्रवण के लिए अधिक संख्या में आने के लिए आमंत्रित किया ।
बच्चे भी इस कथा से आकृष्ट हुए ।ब्रज चौरासी कोस में फैले प्रभु की लीलाओ का दर्शन पाकर कोई वापस नही जाना चाहता ऐसा अन्य तीर्थों में नही है। भक्त अन्यत्र दर्शन करने के उपरांत वापस चले जाते हैं । मन्दिर में दर्शन पाकर भक्त प्रभु की मूरत को हृदय में उतार लेते हैं जो दर्शन का वास्तविक लक्ष्य होना चाहिए ।सभी तीर्थों के आग्रह पर भगवान ने अपने धाम में रहने की अनुमति देकर इस पावन धरा में निवास का अवसर देकर और संत दर्शन से तृप्त करने भक्तों के लिए अवसर देकर मानव कल्याण और मुक्ति का मार्ग सुलभ किया है ।