Jaunpur News : शिक्षा प्राप्त किए बिना हम तरक्की नहीं कर सकते : मुफ्ती अहमद शमीम हलीमी | Naya Savera Network
- जकरिया मुनीर इंटरनेशनल स्कूल का हुआ उद्घाटन
नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। इस्लाम धर्म में सबसे पहला आदेश पढ़ने का आया था, जो पैगंबर मुहम्मद (स.अ.व.) पर वही के जरिए उतारा गया था, लेकिन अफसोस की बात यह है कि मौजूदा दौर में मुस्लिम समुदाय शिक्षा में सबसे पीछे रह गया है। मुसलमान धार्मिक और दुनियावी दोनों ही तरह की शिक्षा में पिछड़ते चले गए। इससे भी ज्यादा दुखद यह है कि हम खुद की तुलना करने के बजाय दूसरों को दोष देने में लगे रहते हैं। याद रखें, शिक्षा प्राप्त किए बिना हम तरक्की नहीं कर सकते। ये बातें मदरसा अरबिया रियाजुल उलूम के हदीस शिक्षक मुफ्ती अहमद शमीम हलीमी ने खेतासराय थाना क्षेत्र के मनेच्छा बाजार में स्थित जकरिया मुनीर इंटरनेशनल स्कूल का उद्घाटन करते हुए कही।
- अपने बच्चों को हर हाल में शिक्षित करने का लें संकल्प
उन्होंने कहा कि पैगंबर मुहम्मद (स.अ.व.) के दौर में मस्जिद-ए-नबवी में एक विशेष स्थान था जिसे सफ्फा कहा जाता था, जिसे सबसे पहला मदरसा होने का गौरव भी प्राप्त है। वहां दूर-दूर से लोग ज्ञान अर्जित करने आते थे। हमारे पैगंबर (स.अ.व.) ने भी कहा है कि ज्ञान प्राप्त करने के लिए चीन तक जाओ इसलिए हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि अपने बच्चों को हर हाल में शिक्षित करेंगे, चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों? हमें बच्चों को शिक्षित करने के साथ उनकी बेहतरीन परवरिश करनी चाहिए ताकि हमारी संतानें खुद के लिए और दूसरों के लिए परेशानी का कारण बनने के बजाय एक मिसाल कायम करें। यही माता-पिता के लिए दुनिया और आखिरत (परलोक) की सबसे बड़ी कमाई होगी।
- महिलाओं को भी शिक्षा से जोड़ना जरूरी : मोहम्मद इरफान खान
सर सैयद अहमद इंटर कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल मोहम्मद इरफान खान ने कहा कि कुछ लोग केवल खुद के लिए शिक्षा प्राप्त करते हैं, जबकि कुछ लोग दूसरों को शिक्षित करने के लिए ज्ञान हासिल करते हैं। ऐसे लोग अपने ज्ञान को दूसरों तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं। कुछ लोग तो ऐसे भी होते हैं जो शिक्षण संस्थान स्थापित करके पूरी पीढ़ी को शिक्षित करने का बीड़ा उठाते हैं। मैं ऐसे साहसी लोगों को सलाम करता हूं, क्योंकि ऐसे लोगों को दुनिया हमेशा याद रखती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को भी शिक्षा से जोड़ना जरूरी है। यह बहुत अफसोस की बात है कि जब लड़कियां स्कूल जाती हैं तो इसे बुरा समझा जाता है, जबकि महिलाएं बाजारों में खरीदारी करने जाती हैं तो इसे सामान्य माना जाता है। हमें इस दोहरे मापदंड से बाहर आना होगा।
- शिक्षा के जरिए ही समाज में लाया जा सकता है बदलाव : डॉ. तबरेज आलम
फरीदल हक पीजी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. तबरेज आलम ने कहा कि शिक्षा के बिना इंसान अधूरा है। जिन्होंने शिक्षा का महत्व समझा, उन्होंने ही इतिहास रचा। शिक्षा के जरिए ही समाज में बदलाव लाया जा सकता है। इसके अलावा शाहिद नईम (प्रिंसिपल, सर सैयद अहमद इंटर कॉलेज), मौलाना महफूज रहमान आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मोहम्मद जकरिया ने की और संचालन तैयब कासमी ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत मुफ्ती शाहिद द्वारा कुरआन की तिलावत से हुई। इस अवसर पर डॉ. अरशद, डॉ. फैज, डॉ. सलीम अहमद, लईकुज्ज़मा, मोहम्मद हिटलर, अज़हरुददीन, मोहम्मद आज़म, मोहम्मद ज़रदा आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन मौलाना अबरार अहमद नदवी की दुआ से हुआ। अंत में मैनेजर डॉ. निज़ामुद्दीन ने आए हुए मेहमानों का धन्यवाद अदा किया।
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