दिल्ली चुनाव 2025-अन्ना के भ्रष्टाचार मुक्ति आंदोलन से शीशमहल राजमहल और जहर खुरानी तक:प्रो. अखिलेश्वर शुक्ला | Naya Savera Network
नया सवेरा नेटवर्क
राजनीति में चुनाव और चुनाव में मुद्दों पर मतदान की जनता जनार्दन से अपील राजनीतिक दल/नेताओं द्वारा की जाती है। प्रारम्भिक आम चुनावों में रोटी,कपड़ा और मकान से शुरू होकर विकास तक के मुद्दों ने तो मतदाताओं को काफी आकर्षित किया था। जो गत लोकसभा चुनाव में तू तू मै मै तक पहुंच गया था। ऐसे में दिल्ली विधानसभा चुनाव -2025 सम्पूर्ण भारतीय जनमानस के आंखों का पर्दा हटाने वाला है। दिल्ली में 11 जिलों के 07 सांसद एवं 70 विधायक होते हैं। आकार की दृष्टि से तो छोटा जरूर है। लेकिन विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए जिन मुद्दों पर चर्चा हो रही है-वह भारतीय लोकतंत्र को समझने एवं आमजन की आंखों को खोलने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। संक्षिप्त में देखें तो वर्तमान दिल्ली सरकार अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की कोंख से पैदा होकर दिल्ली में सरकार बनाने वाले मुख्यमंत्री सहित कई दिग्गज मंञी भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जा चुके और जमानत पर रिहा होकर जनता से मतदान की अपील कर रहे हैं। इनके उपर शीशमहल जैसे सम्पूर्ण सुविधा युक्त आलीशान बंगला का भी आरोप लगाया जा रहा है। वहीं आज केन्द्र सहित कई राज्यों में शासन कर रही भाजपा सरकार पर राजमहल के साथ साथ भाजपा शासित पड़ोसी राज्य द्वारा यमुना के पानी में जहर (अमोनिया) धोलकर दिल्ली के मतदाताओं में दहशत पैदा कर वर्तमान "आप सरकार" के विरुद्ध मतदाताओं को भड़काने का एक गम्भीर आरोप लगाया गया है। जिसकी जांच चुनाव आयोग कर रहा है। अब सवाल यह उठता है कि - भारतीय लोकतंत्र में चुनाव जितने के लिए राजनीतिक दलों ने जिन मुद्दों का सहारा लिया है-यह जनहित से जुड़े मुद्दे हैं या स्वहित से जुड़े मुद्दे?