Poetry: मातृ-भाषा हिन्दी | Naya Savera Network



नया सवेरा नेटवर्क

मातृ-भाषा हिन्दी 


हिन्दी  हमारी  भाषा  है,
हिन्दी  ही अभिलाषा है।
हिन्दी हमारी  शक्ति  है,
हिन्दी ही अभिव्यक्ति है।।
हिन्दी  हमारी  बोली  है,
हिन्दी  ही  हमजोली  है।
हिन्दी  हमारी  जननी है,
हिन्दी  ही  कुलकर्णी  है।।
हिन्दी   भाषा  पावन  है,
हिन्दी  ही  मनभावन  है।
हिन्दी हमारी संस्कृति है,
हिन्दी  ही  सुसंस्कृति  है।।
हिन्दी हमारा  संस्कार है,
हिन्दी  ही  सुपुरस्कार  है।
हिन्दी हमारा अभिमान है,
हिन्दी  ही  स्वाभिमान  है।।
हिन्दी हमारी आन बान है ,
हिन्दी    ही  सुसम्मान   है।
हिन्दी    हमारी   जान   है ,
हिन्दी   देश  की  शान  है।।
हिन्दी का  हम  रखें  मान,
ऐसा हो  सब का अरमान।
हिन्दी -भाषा- हिन्दुस्तान,
अपनी भाषा अपनी शान।।

कलमकार-
विजय मेहंदी (कवि हृदय शिक्षक)
प्रा0वि0 मंगरी,शिक्षा क्षेत्र- बरसठी
जौनपुर(उ0प्र0)

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