Jaunpur News : कड़ाके की ठण्ड में अलाव व्यवस्था में जौनपुर नगर पालिका फिसड्डी | Naya Savera Network
चेयरमैन प्रतिनिधि ने बताया— अलाव की लकड़ी भरा वाहन पकड़ ले गये एआरटीओ
जौनपुर। उत्तर भारत सहित पूर्वांचल क्षेत्र में ठंड काफी हद तक बढ़ गई है। ऐसे में बच्चे, बुढ़े, नौजवान, राहगीर ठंड से बेहाल हैं। अभी तक नगर पालिका परिषद द्वारा अलाव की कोई व्यवस्था ठीक से नहींं हो पाई है जबकि अलाव व्यवस्था सिर्फ काग़ज़ों की शोभा बढ़ा रही है। चौराहों पर चंदा और आपसी सहयोग के जरिये ठंड से बचाव के लिये अलाव जलाया जा रहा है। नगर पालिका द्वारा ठेकदार आपस में ही लकड़ी के बंटवारे के लिए उलझे हैं। अलाव प्रभारी बने दीपक शाह ने बताया कि चिन्हित जगहों पर रोज 40 किलो लकड़ी गिराई जा रही है। इस व्यवस्था को देखने के लिए आज जब मैं खुद पॉलिटेक्निक चौराहा और सिटी स्टेशन रोड पर बने चिन्हित जगह पर पता किया तो मालूम हुआ कि लकड़ी 3 दिन से नहीं गिर रही है। नगर पालिका में जिसको ठेका मिला है, उसका नाम अरविंद मौर्य है जिनसे सम्पर्क करने पर बताया गया कि आज हमारी लकड़ी के वाहन को आरटीओ साहब पकड़ लिये हैं। परमिट नहीं था। यही बात अध्यक्ष प्रतिनिधि डा. रामसूरत मौर्या ने भी कही। वहीं लकड़ी ठेकेदारों में से एक सुनील यादव ने भी बताया कि लकड़ी कहीं नहीं गिर रही है। सिर्फ कागजों पर लकड़ी को कुछ कतिपय लोगों के घरों में गिरा दिया जा रहा है। अलाव के अभाव में लोग भीषण ठंडी में कंपकंपाते नजर आ रहे हैं। जिले के उच्च अधिकारियों को अलाव की कमी की आंच नहीं छु पा रही है, इसलिए वह कोई जांच नहीं कर रहे हैं। नगर पालिका के जिम्मेदार दीपक शाह जिनको अलाव प्रभारी बनाया गया है, ने बताया कि शहर को दो जोन में बांटा गया है। उत्तरी जोन में 95 जगह अलाव के लिए चिन्हित किए गए हैं जबकि दक्षिणी जोन में 90 जगह को चिन्हित किया गया है जहां रोज 40 किलो लकड़ी गिराई जा रही है लेकिन जब क्षेत्रीय लोगों से पूछा जा रहा है तो यह सारी बातें हवा—हवाई प्रतीत हो रही हैं। लकड़ी गिर तो रही है लेकिन मानक के अनुरूप नहीं। जो गिर भी रही है, उनकी मानक बहुत कम है और गीली लकड़ी भी है।
जौनपुर। उत्तर भारत सहित पूर्वांचल क्षेत्र में ठंड काफी हद तक बढ़ गई है। ऐसे में बच्चे, बुढ़े, नौजवान, राहगीर ठंड से बेहाल हैं। अभी तक नगर पालिका परिषद द्वारा अलाव की कोई व्यवस्था ठीक से नहींं हो पाई है जबकि अलाव व्यवस्था सिर्फ काग़ज़ों की शोभा बढ़ा रही है। चौराहों पर चंदा और आपसी सहयोग के जरिये ठंड से बचाव के लिये अलाव जलाया जा रहा है। नगर पालिका द्वारा ठेकदार आपस में ही लकड़ी के बंटवारे के लिए उलझे हैं। अलाव प्रभारी बने दीपक शाह ने बताया कि चिन्हित जगहों पर रोज 40 किलो लकड़ी गिराई जा रही है। इस व्यवस्था को देखने के लिए आज जब मैं खुद पॉलिटेक्निक चौराहा और सिटी स्टेशन रोड पर बने चिन्हित जगह पर पता किया तो मालूम हुआ कि लकड़ी 3 दिन से नहीं गिर रही है। नगर पालिका में जिसको ठेका मिला है, उसका नाम अरविंद मौर्य है जिनसे सम्पर्क करने पर बताया गया कि आज हमारी लकड़ी के वाहन को आरटीओ साहब पकड़ लिये हैं। परमिट नहीं था। यही बात अध्यक्ष प्रतिनिधि डा. रामसूरत मौर्या ने भी कही। वहीं लकड़ी ठेकेदारों में से एक सुनील यादव ने भी बताया कि लकड़ी कहीं नहीं गिर रही है। सिर्फ कागजों पर लकड़ी को कुछ कतिपय लोगों के घरों में गिरा दिया जा रहा है। अलाव के अभाव में लोग भीषण ठंडी में कंपकंपाते नजर आ रहे हैं। जिले के उच्च अधिकारियों को अलाव की कमी की आंच नहीं छु पा रही है, इसलिए वह कोई जांच नहीं कर रहे हैं। नगर पालिका के जिम्मेदार दीपक शाह जिनको अलाव प्रभारी बनाया गया है, ने बताया कि शहर को दो जोन में बांटा गया है। उत्तरी जोन में 95 जगह अलाव के लिए चिन्हित किए गए हैं जबकि दक्षिणी जोन में 90 जगह को चिन्हित किया गया है जहां रोज 40 किलो लकड़ी गिराई जा रही है लेकिन जब क्षेत्रीय लोगों से पूछा जा रहा है तो यह सारी बातें हवा—हवाई प्रतीत हो रही हैं। लकड़ी गिर तो रही है लेकिन मानक के अनुरूप नहीं। जो गिर भी रही है, उनकी मानक बहुत कम है और गीली लकड़ी भी है।
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