अंतिम दिन | Naya Savera Network
नया सवेरा नेटवर्क
अंतिम दिन
जाने वाला साल बहुत कुछ सिखाता है
कौन अपना था कौन पराया ये सब दिखलाता है।
दुःख में बीत गया है या
सुख में बीता कल,
सिर्फ़ उम्मीद पर जिंदा हैं
ग़लती पर शर्मिंदा हैं।
वक्त ने अपना ऐसा रंग दिखाया
हर किसी का रंग नज़र आया,
जिनके लिए मैंने दूसरों से लड़ाई की
आज उन हाथों में ही खंजर नज़र आया।
क्या कहूं आज ये दिन गुज़र रहा है
मन अब सबसे उखड़ रहा है,
जिनको मैं सदा हिम्मत देता था
उनके सामने ही सब बिखर रहा है।
गुजरने वाले को कोई रोक नहीं पाया
आने वाले को कोई रोक नहीं पाएगा,
लोग कहते है कि साल बीत गया
अब फिर दिल तोड़ने वाला साल आयेगा ।
दुआ है हमारी की आपके लिए
खुशियां मिले एक बार एक साल के लिए ,
ये दिल का रिश्ता जुड़ा रहे बस
निभाते रहेंगे हर साल के लिए ।।
2024 को अलविदा कह देते हैं
2025 का शुभारंभ कर देते हैं।
रितेश मौर्य
जौनपुर , उत्तर प्रदेश
मो. नं. 8576091113