Bareilly News : गरीब लड़कियों को सिलाई कढ़ाई बुनाई में आत्मनिर्भर बना रही है "एक उम्मीद" ! | Naya Savera Network
निर्भय सक्सेना @ नया सवेरा
बरेली। "एक उम्मीद" संस्था विशेष रूप से गरीब वंचित महिलाओं और पिछड़े वर्ग में शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। और अब तक 5 हजार लड़कियों, महिलाओं को सिलाई बुनाई ब्यूटी पार्लर आदि कोर्स की ट्रेनिंग देकर उन्हें आत्म निर्भर भी बना चुका हैं। इस "एक उम्मीद" संस्था की स्थापना वर्ष 2017 में श्रीमती संतोष कुमारी अग्रवाल वेलफेयर सोसाइटी के तहत इस उद्देश्य के साथ बनाई गई थी कि वह समाज के गरीब और हाशिए पर रहने वाले लोगों के जीवन को बेहतर बना सके, विशेष रूप से उन बच्चों और महिलाओं का जिन्हें बुनियादी सेवाओं और अवसरों से वंचित रखा गया है।
गैर लाभकारी "एक उम्मीद" संस्था का मुख्य ध्यान महिलाओं का सशक्तिकरण करना भी है। " "एक उम्मीद" संस्था की अध्यक्ष अमिता अग्रवाल बरेली में समाजसेवी 40 अन्य महिलाओ के साथ "एक उम्मीद" संस्था को चला रही है। जिसमे लड़कियों व महिलाओ को मेहँदी , सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, ब्यूटिशियन, रंगोली तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रोफेशनल कोर्स भी हैं। जिसमें प्रोफेशनल लोगो का सहयोग लेकर लड़कियों एवं महिलाओ को उस कार्य में राजेंद्रनगर स्थित केंद्र पर दक्ष किया जाता है। "एक उम्मीद" संगठन अपने कार्यक्रमों के तहत आत्मनिर्भरता की शिक्षा प्रदान करता है। उन्हें सिलाई मशीन, ब्यूटीशियन कोर्स का समान देता हे ताकि ट्रेनिंग पाए लोग अपनी ज़िंदगी में एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकें। इसके अलावा, "एक उम्मीद" संस्था उन दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा शिविर की भी व्यवस्था करता है। जहाँ स्वास्थ्य सेवाएं बहुत कम पहुंच पाती हैं। इन स्वास्थ्य शिविर में रोगियों की मुफ्त स्वास्थ्य जांच, दवाइयाँ और प्राथमिक चिकित्सा सेवाएँ भी संस्था की और से प्रदान की जाती है।
"एक उम्मीद" संस्था का उद्देश्य न केवल शैक्षिक अवसरों तक पहुंच प्रदान करना है, बल्कि यह लोगों को कौशल विकास और रोजगार अवसरों के लिए प्रशिक्षित भी करता है। महिलाओं के लिए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम उनके आत्मनिर्भर बनने में मदद करते हैं, ताकि वे अपने और अपने परिवार के लिए स्थिर आय उत्पन्न कर सकें। "एक उम्मीद" संस्था महिलाओं और बच्चों के अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने का भी काम करता है ताकि वे समाज में अपनी आवाज़ उठा सकें और अपने अधिकारों का संरक्षण कर सकें।
संस्था की अध्यक्ष श्रीमती अमिता अग्रवाल पत्नी अनिल अग्रवाल, जो की बरेली के एक सफल कारोबारी भी हैं, का विश्वास है कि किसी भी समुदाय में बदलाव तब तक संभव नहीं है जब तक उस समुदाय के लोग खुद इसमें सक्रिय रूप से भाग नहीं लेते। इस सिद्धांत के तहत "एक उम्मीद" संस्था हमेशा सामुदायिक - आधारित दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है। उसमें स्थानीय लोग खुद अपनी समस्याओं की पहचान करते हैं और समाधान खोजने में मदद करते हैं। इस प्रक्रिया से न केवल महिलाओं का सशक्तिकरण होता है, बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि समाधान उनके वास्तविक जरूरतों के अनुरूप हो। "एक उम्मीद" अन्य संगठनों, सरकारी संस्थाओं और सामुदायिक संस्थाओं के साथ मिलकर अपने प्रभाव को बढ़ाने की दिशा में भी कार्य करता है। यह "एक उम्मीद" संस्था विभिन्न स्वैच्छिक गतिविधियों, फंड रेजिंग इवेंट्स और साझेदारियों के माध्यम से अपने कार्यों को फैलाता है।
उपरोक्त संस्था का दीर्घकालिक लक्ष्य एक ऐसे समाज का निर्माण करना है जहां हर व्यक्ति को शिक्षा, स्वास्थ्य और सशक्तिकरण के समान अवसर प्राप्त हों। "एक उम्मीद" यह मानता है कि एक सशक्त और समान समाज केवल तभी संभव है जब हर नागरिक को उनकी बुनियादी जरूरतें पूरी करने के समान अवसर मिले।
इस तरह "एक उम्मीद" एनजीओ एक उम्मीद और सकारात्मक बदलाव का प्रतीक बन चुका है, जो समाज के सबसे कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने के लिए निरंतर काम कर रहा है।