Jaunpur News : डायबिटीज से बचाव के लिये जीवनशैली में देना होगा विशेष ध्यान: डा. अखिलेश सैनी | Naya Savera Network
- विश्व मधुमेह दिवस पर वेदांता हॉस्पिटल में शुगर व कोलेस्ट्रॉल की हुई नि:शुल्क जांच
- शिविर में डा. अखिलेश सैनी ने मरीजों को किया जागरूक
नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। विश्व मधुमेह दिवस पर नगर के नईगंज स्थित वेदांता हॉस्पिटल एवं हार्ट डायबिटीज सेन्टर में डॉ. अखिलेश कुमार सैनी एमडी फिजिशियन, डिप डीएम डायबिटीज के नेतृत्व में शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 450 शुगर के मरीजों का नि:शुल्क शुगर व कोलेस्ट्रॉल की जांच की गई। अन्य मरीजों का कार्डियक ऑटोनॉमिक न्यूरोपैथी टेस्ट, वैस्कुलर डॉपलर टेस्ट, डिजिटल बायोथेसियोमैट्री टेस्ट और फुट स्कैनिंग टेस्ट 50 प्रतिशत की छूट पर किया गया।
इस मौके पर डॉ. अखिलेश कुमार सैनी ने बताया कि इस समय भारत में करीब 10 करोड़ से ज्यादा शुगर के मरीज हैं। 15 करोड़ प्री डायबिटीज के लोग हैं। हर राज्य में शुगर के मरीजों का आंकड़ा अलग-अलग है जिसमें केरल और पुडुचेरी 25 से 26 प्रतिशित और सबसे कम हमारा उत्तर प्रदेश 5 प्रतिशत के आसपास है लेकिन यहां पर भी 18 प्रतिशत प्री डायबिटीज मरीजों की संख्या है। अगर जीवनशैली और खान-पान में बदलाव नहीं किया गया तो आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में भी शुगर के मरीजों की संख्या ज्यादा होगी। इसका मुख्य लक्षण बार-बार प्यास लगना, बार-बार पेशाब होना, ज्यादा भूख लगना, वजन कम हो जाना, कमजोर हो जाना, नजर कमजोर हो जाना है।
डा. सैनी ने बताया कि डायबिटीज आज के समय में एक साइलेंट किलर बन गई है। जिसको भी एक बार शुगर हो जाती है उनको कम से कम 5 बीमारियां और हो जाती है। डायबिटीज से बचाव के लिये जीवनशैली में विशेष ध्यान देना होगा। खानपान पर भी ध्यान देना होगा और नियमित रूप से व्यायाम करना होगा। सुबह कम से कम आधे घण्टे मॉर्निंग वॉक करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि डायबिटीज टाइप 1 को इंसुलिन डिपेंडेंट भी कहा जाता है। इस डायबिटीज में बच्चों के पेनक्रियाज में बनने वाला इंसुलिन पूरी तरह से खत्म होने की वजह से शुगर बढ़ता है। इसके पीछे कारण है जिन्हें हम बॉडी के फाइटर सेल्स बोलते हैं वहीं अपने पेनक्रियाज के बेटा सेल्स जहां से इंसुलिन बनता है उसको खत्म कर देते हैं। दूसरे टाइप का डायबिटीज जो बच्चों में पाया जाता है उसे कहते हैं अर्ली अनसेट टाइप टू। टाइप टू डायबिटीज ज्यादातर बड़ों में पाया जाता है लेकिन पिछले 20 सालों से बच्चों में बढ़ना शुरू हो गया है। इस डायबिटीज में इंसुलिन पूरी तरह से बनना बन्द नहीं होता इसमें इंसुलिन काम करना कम कर देता है, इसकी वजह है मोटापा। अगर परिवार में डायबिटीज की हिस्ट्री स्ट्रांग है तो बच्चे में डायबिटीज जाने का चांस 100 प्रतिशत बढ़ जाता है। अगर पैदा होते समय बच्चे का वजन 3.30 किलो से ज्यादा है तो बच्चे में टाइप टू डायबिटीज होने का चांस ज्यादा रहता है। चौथा रीजन है अगर मां को प्रेग्नेंसी में डायबिटीज होता है तो बच्चे को 20 साल से पहले डायबिटीज होने का चांस भी बढ़ जाता है।
इस मौके पर डा. रवि कुमार सैनी फिजियोथैरेपिस्ट, डा. पंकज सैनी फार्मासिस्ट, डा. आदर्श कुमार सैनी डीएमएलटी, डा. प्रिंस सैनी बीएएमएस, सीनियर मैनेजर कमलेश सैनी, मैनेजर गौतम, अवनीश यादव, पवन कुमार प्रजापति, पंकज यादव, राज सैनी, लव यादव, आंचल, कल्पना, रति मौर्या डीएमएलटी, मानसी, श्रुति, आंचल गौतम, शुभम, नीरज आदि मौजूद रहे।
Tags:
Hindi News
Jaunpur
Jaunpur Live
Jaunpur Live
News
jaunpur news
Jaunpur News in Hindi
Purvanchal News
recent
Uttar Pradesh News